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25,000 रुपये के फैमिली लोन से शुरू की कंपनी; अब है 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार

Eastman Industries आज साइकिल के पार्ट्स, हाथ के औजार, बिजली के औजार, बैटरी और यहां तक कि ट्रैक्टर के पार्ट्स जैसे कई प्रोडक्ट बनाती है.

25,000 रुपये के फैमिली लोन से शुरू की कंपनी; अब है 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार

Wednesday July 24, 2024 , 5 min Read

लुधियाना में पारंपरिक रूप से कपड़े का कारोबार कर रहे परिवार से आने वाले जे आर सिंघल (J R Singal) की इच्छा कुछ अलग करने की थी. अपना खुद का बिजनेस खड़ा करने की उनकी इच्छा ने उन्हें साइकिल के पार्ट्स बनाने के लिए प्रेरित किया - जो अब 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार है.

लुधियाना स्थित मल्टी-सेगमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ईस्टमैन इंडस्ट्रीज (Eastman Industries) की स्थापना 1970 में साइकिल के लिए रबर ब्रेक बनाने के लिए की गई थी. फाउंडर जे के सिंघल ने बाद में हर संकट में अवसर तलाशते हुए दुनिया भर में कारोबार का विस्तार किया.

YourStory से बातचीत में, सिंघल ने कहा कि उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद अपने परिवार के पारंपरिक कपड़ा व्यवसाय में कदम रखा और दो साल में उन्होंने कारोबार की बुनियादी बातें सीखीं.

हालांकि, सिंघल कुछ अलग करना चाहते थे और एक रिश्तेदार ने उन्हें साइकिल के पार्ट्स बनाने का सुझाव दिया. परिवार ने उन्हें अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए 25,000 रुपये का लोन दिया. उन्होंने मुंबई के एक निर्यातक (एक्सपोर्टर) से भी संपर्क किया जो नियमित रूप से लुधियाना आता था.

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सिंघल के लिए शुरुआत बहुत खराब रही क्योंकि 75,000 रुपये का माल एक्सपोर्ट के लिए भेजा जाना था लेकिन एक्सपोर्टर ने ऑर्डर कैंसिल कर दिया.

सिंघल इस बात से निराश नहीं हुए और दो दिनों के भीतर, वे थाईलैंड पहुंच गए जहां उनका ऑर्डर भेजा जाना था. वे सभी संभावित खरीदारों से मिलने में कामयाब रहे और उन्हें अपने प्रोडक्ट का सैंपल दिखाया. इस सफर में, वे लगभग 5 लाख रुपये के ऑर्डर हासिल करने में सफल रहे.

सिंघल कहते हैं, “मैं ऐसा व्यक्ति हूँ जो हर चुनौती में अवसर खोज लेता हूँ.”

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कारोबार का विस्तार

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज का अगला पड़ाव ईरान था. यहां भी चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं, क्योंकि कंपनी के पहले ऑर्डर में ओमान के तट पर दुर्घटना हुई. एक बार फिर निराश न होते हुए, सिंघल ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे - एक ऐसी जगह जहां अंग्रेजी शायद ही कभी बोली जाती हो.

इसके बावजूद, वे कई कारोबारियों से मिलने में कामयाब रहे, जिन्हें साइकिल के पार्ट्स चाहिए थे. सिंघल के पास बिक्री के लिए कोई रणनीति नहीं थी, लेकिन वे उस बाजार को समझना चाहते थे. उन्होंने उनके प्रोडक्ट देखे और उनसे वादा किया कि ईस्टमैन इंडस्ट्रीज और भी इनोवेशन ला सकती है.

सिंघल ईरान से ऑर्डर पाने में कामयाब रहे, जहां उन्होंने प्रतिस्पर्धी दरों पर प्रोडक्ट बेचे.

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज ने बाद में उत्तरी अफ्रीकी बाजार में विस्तार किया और ऐसा जर्मनी में एक मेले में उनकी भागीदारी के कारण हुआ, जहां इन खरीदारों ने उनकी रुचि दिखाई. इन भौगोलिक क्षेत्रों से संतुष्ट न होने पर, कंपनी ने दक्षिण अमेरिकी बाजार में उतरने का फैसला किया.

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज को प्रोडक्ट इनोवेशन के लिए वर्ल्ड बैंक से अनुदान (ग्रांट) मिलने से भी मदद मिली.

सिंघल कहते हैं, “ग्राहक कभी भी आपकी अक्षमता के लिए भुगतान नहीं करेंगे और हमेशा एक मूल्य प्रस्ताव होना चाहिए.”

दक्षिण अमेरिका में भी, ईस्टमैन इंडस्ट्रीज ने काफी मात्रा में बिजनेस हासिल करने में कामयाबी हासिल की.

क्वालिटी पर फोकस

इस पूरी यात्रा पर, सिंघल कहते हैं, “हमने अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के मामले में कभी समझौता नहीं किया और लगातार नए-नए प्रोडक्ट बनाते रहे.”

इस कारोबार वृद्धि ने ईस्टमैन इंडस्ट्रीज को अपने आपूर्तिकर्ता आधार का विस्तार करते हुए यह भी समझा कि यदि वह आपूर्तिकर्ताओं के साथ अच्छे संबंध रखना चाहती है तो उसे क्रेडिट चक्र को छोटा करना चाहिए. कंपनी ने अपने आपूर्तिकर्ताओं को 15 दिनों के भीतर भुगतान किया, जबकि पारंपरिक प्रथा लगभग 45 दिनों की थी.

बढ़ते कारोबार में, सिंघल ने यह महसूस किया कि धीरे-धीरे उनके ग्राहकों को पता चल जाएगा कि उनके आपूर्तिकर्ता कौन हैं और वे ये पार्ट्स कैसे बनाते हैं.

इसके कारण ईस्टमैन इंडस्ट्रीज ने चीन में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरु करने का निर्णय लिया. सिंघल कहते हैं कि इसका उद्देश्य चीन में उन पार्ट्स का निर्माण करना था जो भारत में संभव नहीं था और इसके विपरीत.

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज ने यूरोपीय बाजार के लिए भी साइकिलें बनाईं, एक ऐसा क्षेत्र जहां गुणवत्ता के उच्च मानक हैं.

साइकिल से लेकर ट्रैक्टर पार्ट्स तक

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज ने अपने कारोबार में विविधीकरण भी शुरू किया और मोटरसाइकिल के पार्ट्स- रियरव्यू मिरर का निर्माण शुरू किया. इसी समय, कंपनी ने घरेलू बाजार में कदम रखना शुरू किया.

सिंघल कहते हैं, “एक्सपोर्ट मार्केट आकर्षक है, लेकिन कंपनी के लिए कोई ब्रांड वैल्यू नहीं है, जबकि घरेलू बाजार में स्थिति इसके विपरीत है.”

इससे ईस्टमैन इंडस्ट्रीज को इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर में इस्तेमाल होने वाली बैटरियां बनाने के लिए प्रेरणा मिली.

आज, ईस्टमैन इंडस्ट्रीज का कारोबार साइकिल के पार्ट्स, हाथ के औजार, बिजली के औजार, बैटरियां और यहां तक कि ट्रैक्टर के पार्ट्स तक फैला हुआ है. कंपनी 64 देशों को एक्सपोर्ट करती है.

अब ईस्टमैन इंडस्ट्रीज बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, जहां वह कंपनी में कई प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करना चाहती है. साथ ही, यह वैश्विक प्रबंधन सिद्धांतों को लागू कर रही है, जो बेहतर लाभप्रदता के लिए उत्पादन के दौरान सभी प्रकार की बर्बादी को खत्म कर सकते हैं.

सिंघल ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी भी कारोबार के लिए नकदी प्रवाह को पवित्र मानते हैं. वे कहते हैं, “किसी भी समय किसी के पास नकदी होनी चाहिए.”

ईस्टमैन इंडस्ट्रीज की सफलता के कारणों पर सिंघल कहते हैं, “हमने हमेशा कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर ध्यान केंद्रित किया है और हमारे लिए जिस भी देश में हम काम करते हैं, वहां कानूनों का अनुपालन बहुत महत्वपूर्ण है.”

(Translated by: रविकांत पारीक)

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