मोदी के साहसी नेतृत्व का एक और उदाहरण है जलवायु परिवर्तन समझौते पर भारत का अनुमोदन
जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते पर भारत के अनुमोदन से यह समझौता क्रियान्वयन के और निकट पहुंच जाएगा।
व्हाइट हाउस ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का भारत द्वारा दो अक्तूबर को अनुमोदन किए जाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनके साहसी नेतृत्व का एक और उदाहरण है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कल यहां अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम भारत सरकार के कदमों का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने साहसी नेतृत्व का एक और उदाहरण इस मामले में पेश किया है। इसका श्रेय उन्हें जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वह (मोदी) जानते हैं कि इस मामले पर भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करना कितना महत्वपूर्ण है।’’
अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘और मैं जानता हूं कि राष्ट्रपति ओबामा ने जब लाओस में इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी तो उन्होंने इस मामले पर उनके नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया था।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस महीने की शुरूआत में लाओस में आसियान शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। ऐसी उम्मीद है कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते पर भारत के अनुमोदन से यह समझौता क्रियान्वयन के और निकट पहुंच जाएगा।
अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘हमने जलवायु परिवर्तन पर अनुमोदन के लिए कोई कठोर समय सीमा तय नहीं की है। हमने बस यह कहा है कि हमें समझौते के इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक लागू हो जाने की उम्मीद है।’’
अर्नेस्ट से जब नवंबर के पहले सप्ताह में मोरक्को में जलवायु परिवर्तन पर होने वाली संयुक्त राष्ट्र की आगामी बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह नवंबर के पहले सप्ताह में होगा या नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति का मानना है कि इस समझौते की महत्ता यह नहीं है कि यह कार्बन प्रदूषण की समस्या को हमेशा के लिए समाप्त कर देगा बल्कि इसकी महत्ता यह है कि यह इस समस्या से निपटने की खातिर समन्वित, मजबूत कदम उठाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ लेकर एक प्रतिरूप पेश करता है।’’ अर्नेस्ट ने यह भी कहा, कि ‘‘यह एक ऐसा तंत्र तैयार करता है जिसमें देश कार्बन प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं पर विचार विमर्श करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस समझौते का प्रभाव इसके पर्याप्त समय तक लागू हो जाने के बाद ही पता चल पाएगा।