क्या है 5 घंटे का गोल्डन रूल, जिसे एलन मस्क और बिल गेट्स भी अपनाते हैं
सोशल मीडिया पर घंटों बिता कर आपको कुछ समय के लिए अच्छा जरूर लग सकता है. मगर लंबे समय के नजरिए से देखें तो इनसे आपको जिंदगी में कोई मदद नहीं मिलने वाली. अपनी क्रिएटिविटी और माइंडफुलनेस को बढ़ाने के लिए आप 5 घंटे का गोल्डन रूल फॉलो कर सकते हैं, जो आपको अच्छी आदतें शामिल करने में मददगार साबित होगा.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक औसत शख्स का अटेंशन स्पैन यानी किसी एक जगह ध्यान देने की क्षमता 1 मिनट से भी कम हो गई है. हमारे पास करने को इतनी सारी चीजें हैं, और सोचने वाली बात ये है कि हम ये सारी चीजें एक साथ करते हैं. अगर कुछ नहीं कर रहे होते हैं तो रील्स पर रील्स स्क्रॉल करने लगते हैं या फिर कोई ट्रेंडिंग सीरीज ही बिंज वॉच करने बैठ जाते हैं. कुछ लोगों का तर्क हो सकता है कि कुछ सीरीज वाकई जानकारी देने वाले होती हैं. मगर लंबे समय में देखें तो यह हमारे पर्सनल डिवेलपमेंट में कुछ खास मदगगार साबित नहीं होता है. आप खुद सोचिए, आपने अभी तक जो इंफॉर्मेटिव सीरीज देखी है वो आपको जिंदगी में आगे किसी पहलू पर काम आने वाली है क्या?
जीवन में सक्सेसफुल रहना है या नहीं, ये हमारी चॉइस है. ये चॉइन उन आदतों पर निर्भर करती है जिसे हमारी रोज दिन की जिंदगी में शामिल होती हैं. तो क्यों ना कुछ अच्छी आदतें लगाई जाएं, और सफल होने की तरफ एक और कदम बढ़ाया जाए. जो समय आप सोशल मीडिया पर बिताते हैं उसे आप ‘5 आवर रूल’ को दे सकते हैं. यह कोई घुट्टी नहीं है. यह फॉर्मूला तो कब से चला आ रहा है. कई जानी मानी हस्तियां इसे फॉलो करती हैं. इनमें बिल गेट्स, जैक मा, एलन मस्क, और बेंजामिन फ्रैंकलिन जैसे नाम है. बेजामिन फ्रैंकलिन तो 5 आवर रूल की कसम खाते थे.
इस कॉन्सेप्ट को दिया था माइकल सिमॉन. उनका यह नियम कहता है हर दिन कम से कम एक घंटा या हफ्ते में 5 घंटे कुछ सीखने या पढ़ने में देना चाहिए. यह एक घंटा दिन के किसी भी समय हो सकता है. आप सुबह उठकर चाय कॉफी पीते हुए कोई किताब पढ़ सकते हैं या फिर आफिस जाते समय कोई आडियोबुक सुन सकते हैं. इस दौरान एक चीज जरूर याद रखें यह एक घंटा सिर्फ आपके सीखने और सेल्फ डिवेलपमेंट के लिए होना चाहिए. इसमें किसी भी तरह का कोई भटकाव नहीं. आइए जानते हैं हम इस नियम को कैसे अपनी आदत में शुमार कर सकते हैं.
रीडिंगः स्पेसएक्स के फाउंडर एलन मस्क ने किताबें पढ़कर ही रॉकेट बनाना सीखा. बिल गेट्स साल में 50 किताबें पढ़ जाते हैं। कहा जाता है कि वो छुट्टियों में भी अपने साथ किताबें ले जाते हैं. आदत बनाने के लिए आप कोई भी किताब उठा सकते हैं और शुरू कर सकते हैं. तेजी से किताब खत्म करने की आदत नहीं है तो कोई बात नहीं, शुरुआत एक चैप्टर से कीजिए. अगर इससे पहले किताबें नहीं पढ़ी हैं तो आसान भाषा वाली किताबों से शुरुआत कीजिए, मगर शुरू कीजिए.
रिफ्लेक्टः कहते हैं किसी भी चीज की अधिकता नुकसान ही देती है. ये फंडा हर जगह लागू होता है. ज्ञान भले ही ताकतवर होता हो, लेकिन अगर आप इसे असल जीवन में लागू नहीं कर पा रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत उबाऊ भी हो सकता है. किसी पढ़ी हुई चीज को लागू करने के लिए आपको रिफ्लेक्ट करना आना चाहिए. यानी कि दिमाग इतना अलर्ट रहे कि आपको किसी स्थिति में तुरंत समझ आ जाए कि मैंने जो पढ़ा है उसे यहां इस्तेमाल किया जा सकता है. इस आदत को डिवेलप करने के लिए आप किताब पढ़ने के बाद आप अपने विचारों को लिख सकते हैं. पढ़ते हुए कोई सवाल दिमाग में आता है तो उसे कहीं लिख लें. आप देखेंगे कि आने वाले दिनों में आप बेहद आसानी से अपनी आदतों, एक्शन पर रिफ्लेक्ट कर पा रहे हैं.
एक्सपेरिमेंटः दुनिया के सबसे सफलतम लोगों में एक चीज कॉमन होती है. वो है, एक्सपेरिमेंट करने का आत्मविश्वास. अगर एलन मस्क ने एक्सपेरिमेंट नहीं किया होता तो आज स्पेसएक्स अंतरिक्ष में रॉकेट छोड़ने वाली और उसे सही सलामत धरती पर वापस लाने वाली पहली प्राइवेट कंपनी नहीं बनती. अगर जैक मा ने अलीबाबा के साथ एक्सपेरिमेंट नहीं किया होता तो वो गोल्डमैन सैक्स और सॉफ्टबैंक जैसे निवेशकों को अपना शुरुआती इनवेस्टर नहीं बना पाते. जैक मा अक्सर एक सलाह देते हुए दिख जाते हैं. उनका कहना है कि हम किताबों से जो भी नॉलेज सीखते हैं उसे असल जिंदगी में भी अप्लाई करना चाहिए.
काम करना और सीखना दो अलग चीजें हैंः हम हर सप्ताह आफिस में 40 घंटे काम करते हुए भी कई चीजें सीख सकते हैं. इसे कहते हैं लर्निंग ऐट अ जॉब. यानी आफिस में काम करते हुए भी सीखना. जैसे कि प्रोफेशनल लाइफ की मुश्किलों से कैसे डील करना है. हालांकि, ये ‘5 आवर अ वीक’ से अलग है. अगर आप यह नियम अपनाने जा रहे हैं तो एक बहुत जरूरी बात समझ लें. इस दौरान आपका ध्यान सिर्फ और सिर्फ सीखने पर होना चाहिए. इस समय को आप सेल्फ इंप्रूवमेंट, गोल सेट करने में इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप इस समय में कोई और काम कर रहे हैं तो आप इस नियम को ठीक से फॉलो नहीं कर रहे हैं.
इंप्रूवमेंट पर फोकस करेंः जैसा ऊपर भी कहा गया है, सफलता कई छोटी-छोटी आदतों से मिलकर बनी है. इंप्रूवमेंट या यूं कहें कि सेल्फ इंप्रूवमेंट इन्हीं आदतों में से एक है. हममें से कई लोग सेल्फ इंप्रूवमेंट कहने पर उसे प्रोडक्विटी समझ लेते हैं, मगर ऐसा नहीं है. पूरे दिन प्रोडक्टिव बने रहना जरूरी है मगर बिना लर्निंग, रिफ्लेक्शन और एक्सपेरिमेंटेशन के प्रोडक्टिव होने का कोई मतलब नहीं है. तुरंत नतीजे न नजर आने के बाद भी लर्निंग प्रक्रिया को जारी रखना काफी मुश्किल होता है. सेल्फ इंप्रूवमेंट एक दिन में नहीं होता. यह प्रक्रिया आपसे आपका समय मांगती है. आपको इस दौरान लग सकता है कि मुझे कोई नतीजा तो नहीं दिख रहा है. मगर लंबे समय में जाकर आपको इसके रिजल्ट जरूर मिलेंगे.
आहिस्ता आहिस्ता शुरू करें
बहुत हद तक मुमकिन है कि आपमें से कई को 5 आवर रूल में ढलने में काफी दिक्कत आए. अगर दिन में एक घंटा देना आपको भारी लग रहा है तो आप 15 मिनट से शुरू कर सकते हैं. बिल गेट्स हर साल अपनी बुक रेकमंडेशन साझा करते हैं. हमारी सलाह होगी कि आप उनमें से कोई किताब पढ़ें. शुरुआत में आपको इस नियम पर टिके रहने में दिक्कत आ सकती है मगर जैसे ही आप इसके आदी हो जाएंगे आपको कुछ समय बाद इसके फायदे नजर आने लगेंगे. इसलिए 5 आवर रूल को एक बार तो मौका जरूर देना चाहिए.
(Translated By- Upasana)