अमेजन, फ्लिपकार्ट के खिलाफ आज से सीधी जंग में उतरे 5 लाख व्यापारी
बाजार पर फ्लिपकार्ट, अमेजन के बढ़ते एकाधिकार ने देश के लाखों खुदरा उद्यमियों को सीधी जंग के लिए विवश कर दिया है। आज 20 नवंबर को 500 से अधिक शहरों, सभी राजधानियों में विरोध दिवस के साथ व्यापारियों ने राष्ट्रव्यापी जंग का बिगुल बजा दिया है। अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस इसी मसले पर बात करने भारत आ रहे हैं।
आज 20 नवंबर से देश के 500 से अधिक शहरों, राज्यों की राजधानियों में ‘राष्ट्रीय विरोध दिवस’ मना रहे छोटे कारोबारियों के संगठन कैट ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। उधर, देश में ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े कानूनों में बदलाव से चिंतित अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए जनवरी में भारत आ रहे हैं।
अमेजन ने भारत में पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया हुआ है, जो विदेश में की सबसे बड़ी सब्सिडयरी है। बेजोस पीएम को बताना चाहते हैं कि अमेजन भारत में बड़ी संख्या में नौकरियों के मौके पैदा कर रही है। वह छोटे उद्यमों को भी ताकतवर बना रही है, जबकि भारतीय छोटे कारोबारियों का एक समूह विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध कर रहा है।
गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने अक्टूबर में 15 दिन के दिवाली फेस्टिव सीजन में 31000 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद बेचे थे। उसके बाद से ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध तेज हो चला है। भारत के छोटे कारोबारी फ्लिपकार्ट और अमेजन पर व्यापार के अनुचित तरीके अपनाने के आरोप लगा रहे हैं। इन दोनो बड़ी कंपनियों पर प्रत्यक्ष विदेश निवेश के नियमों के उल्लंघन के भी आरोप हैं। छोटे कारोबारियों का आरोप है कि बहुत कम कीमतों पर उत्पाद बेचने की अमेजन और फ्लिपकार्ट की रणनीति से उनकी बिक्री में तेजी से गिरावट आ रही है।
छोटे खुदरा व्यापारियों के इस राष्ट्रव्यापी विरोध की सबसे बड़ी वजह ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का लगातार उल्लंघन करना बताया गया है। आरोप है कि ये कंपनियां कानून को दरकिनार कर सरकार की एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर-2 का उल्लंघन कर रही हैं।
कैट के तत्वाधान में नयी दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में भी देश के 27 राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेता एक स्वर से अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई की प्रतिबद्धता दोहरा चुके हैं। वैसे तो उनका राष्ट्रव्यापी आंदोलन 13 नवंबर 2019 से शुरू होग चुका है और 10 जनवरी 2020 तक जारी रहेगा, लेकिन आज 20 नवंबर को वे राष्ट्रीय विरोध दिवस मना रहे हैं।
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ इस आंदोलन में ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एल्युमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर्स, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स मर्चेंट्स एसोसिएशन, टॉयज एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ड्रग डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिकल गुड्स एंड अप्लायंस एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ हार्डवेयर मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित देश के 40,000 खुदरा व्यापारियों समेत पांच लाख भारतीय कारोबारी शामिल हैं।
इससे पहले 13 नवम्बर को खुदरा कारोबारी देशभर में ‘राष्ट्रीय जागरूकता अभियान दिवस’ मना चुके हैं। चरणबद्ध तरीके से यह जंग आगे भी जारी रखने का ऐलान किया गया है।