खुश रहो और खुशियां फैलाओ
खुश रहना और सफल होना दोनों दो चीज़ें नहीं हैं...ज़िंदगी के इसी फ़लसफे को साझा कर रही हैं योर स्टोरी की संस्थापिका और एडिटर इन चीफ श्रद्धा शर्मा।
जीवन जीने का तरीका सबका अलग-अलग हो सकता है। सफलता के रास्ते सबसे अपने हो सकते हैं। सपनों का आकाश सबका भिन्न-भिन्न हो सकता है, पर इन सबमें एक बात सामान्य है। इन सबका मक़सद एक है। खुशी पाना। सुकून पाना। सारी धींगामुश्ती इसी के लिए है। सारी जद्दोजहद की जड़ में यही है। अगर खुशी, सफलता और जीवन के प्रत्येक क्षण को जीने में मदद करने के लिये कोई जादुई गोली बनी होती तो निःसंदेह मैंने सबसे पहले उसे खाया होता। आखिरकार हमारे संपूर्ण जीवन का उद्देश्य खुशी को पाना ही तो है। क्योंकि आज जीवन में वास्तविक खुशी, बढ़ते हुए बैंक बैलेंस की तरह दूर की कौड़ी हो गई है। आज मैं आपके साथ जीवन में खुशी सुनिश्चित करने वाली कुछ चीजों को साझा करती हूँ। इससे पहले कि आप मेरी बात को हंसी में टाल दें, मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूँ कि आप इसे एक बार अपनाने की कोशिश करें और देखें कि क्या होता है। जो बातें मैं आपके साथ साझा कर रही हूं उनपर मैं अमल कर चुकी हूं और इसके नतीजे आश्चर्यजनक और जादुई रहे। तो आपके लिये पेश है कुछ ऐसे नुस्खे जो जादुई गोलियों के कई गुना अधिक बेहतर नतीजे देते हैंः
1. साझेदारी में काम करें:
सिर्फ अपने बारे में न सोचकर दूसरों के साथ साझेदारी में काम करने का प्रयास करें और ऐसा हमेशा करें। ऐसा करने से यदि आप जीतते हैं तो आपके साथ मेरी भी जीत होती है और सामूहिक रूप से विजेता होने का सुख वाकई दुर्लभ है। (अगली बार जब भी आप अपनी किसी बड़ी गतिविधि या प्रदर्शन के लिये जाएं या अपने परिवार के साथ कहीं बाहर जाएं तो इसको आत्मसात करने के बारे में विचार करें।)
2. छोटा या बड़ा कुछ नहीं होता:
जीवन में कुछ भी छोटा या बड़ा नहीं होता। छोटा या बड़ा हमारी मानसिकता होती है। छोटा से छोटा प्रयास बड़ी मंजिल का रास्ता दिखाती हैं और जीवन में आपकी सबसे बड़ी शक्ति साबित होती हैं। तो आप बड़ा कैसे बन सकते हैं? आप जीवन में महानता कैसे हासिल कर सकते हैं? मुझे नहीं पता। लेकिन एक चीज जो आपको बड़ा बनने में कारगर होती है वह है अपने रोजमर्रा के जीवन में उन्हीं छोटे-छोटे कामों को दिन-प्रतिदिन करना। हर दिन, प्रतिदिन। रोज़ाना उठाए गए ये छोटे-छोटे कदम एक दिन अचानक आपको बहुत ऊँचाई तक ले जाएंगे। एक बार करके तो देखिये। चाहे वो कुछ भी हो। वजन कम करना हो, अपना रेवेन्यू बढ़ाना हो या जीवन के किसी भी पहलू की बात हो, अगर आप एक ही काम को नित्य-प्रतिदिन पूरे यत्न, सही नियत और ईमानदारी से करेंगे तो नतीजे जल्द ही आपकी नजरों के सामने होंगे। और परिणाम सचमुच आश्चर्यजनक होंगे। आप रोजमर्रा में अपने छोटे-छोटे कार्यों को पूरा करने में व्यस्त होंगे और सफलता चुपचाप आपके कदम चूम लेगी।
3. खुद को व्यस्त रखें
वास्तव में कोई किसी की परवाह नहीं करता। किसी को परवाह नहीं है कि कितने परेशान हैं। किस बुरी हालत में में हैं। ऐसे में ख्याल आता है कि आप भी किसी की क्यों परवाह करें? सलाह मानिए, इसपर बेकार का पसीना न बहाएं और कृपया चिंता तो बिल्कुल भी न करें। जैसे-जैसे आप जीवन में आगे बढ़ेंगे और गलतियां करेंगे आपको मालूम होगा कि लोगों (एक सामूहिक इकाई के रूप में) की याद्दाश्त बहुत कमजोर होती है और अधिकतर मामलों में तो लोग बहुत जल्द ही सबकुछ भूल जाते हैं। तो क्यों हम लोगों की परवाह करें और क्यों बेवजह चिंता में पड़े? कोशिश करें और उस ‘बुरे समय’ की अनुभूति को पीछे छोड़ते हुए उस भयानक प्रस्तुति को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने पर विचार करें या फिर सिर्फ एक दौड़ पर निकल जाएं। मेरा विश्वास करके एक बार ऐसा करके देखें और अनुभव करें। आपके जीवन में जब भी यह नकारात्मक भावना हावी होने लगे आप खुद को अधिक से अधिक व्यस्त करने का प्रयत्न करें।
4. ‘हंसो हंसो जल्दी हंसो’
हंसिए, हंसिए और थोड़ा ज्यादा हंसिए। अपने ऊपर हंसिए, अपनी गलतियों पर हंसिए, अपने प्रतिद्वंदियों पर हंसिए, जब आपके वरिष्ठ आपका मजाक बनाएं तब भी हंसिए और यहां तक कि तब भी हंसिए जब आपके साथ हंसने वाला कोई और न हो। हंसना एक सबसे अच्छा उपचार है। इस वर्ष मैं अपने नजदीकियों की नजरों में बहुत अधिक घृणा और आतंक वाली हंसी हंसी हूँ। (बेशक मैं एक बेहद डरावनी हंसी हंसती हूँ और कोई भी मुझे कुछ और हंसने से नहीं रोक सकता)
5. बड़े लक्ष्य का पीछा करो
लक्ष्य ऊँचा रखें। हम सबको पता है कि हमें बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना है। हममें से अधिकतर को लगता है कि हम ऐसा ही कर रहे हैं। लेकिन वास्तव में हमें इस खुशफहमी से बाहर निकालने का, जीवन का अपना ही तरीका है। यह हमारे रोजमर्रा के कामों के रूप में, परिवार से जुड़ी समस्याओं में, तुरंत समाधान वाली स्थितियों में या ऐसे ही अनंत रूपों में हमारे सामने आते रहते हैं। इसके अलावा दुनिया हमेशा अपनी व्यंग भरी बात, ‘‘अच्छा! तो देखते हैं कि क्या आप यह कर सकते हैं,’’ के साथ आप पर अपनी नजरे गड़ाये होती है। और तब हम जीवन जीने और कुछ छोटे सपने देखने के जाल में फंसकर रह जाते हैं। आगे बढि़ये, यह आपका जीवन है, आप पहाड़ों पर चढ़ाई कर सकते हैं। आप किसी गहरी खाई में गिरकर अपना मुंह कीचड़ से गंदा कर सकते हैं। आप नग्न हो सकते हैं और आप दुनिया पर राज करने के बारे में सोच सकते हैं। यह एक नशे की तरह है, बिल्कुल लत की तरह। जो दुनिया के लिये असंभव सपना है उसे अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं। और आप अपने जीवन में जादुई बदलाव को महसूस करेंगे।
6. मदद करो, मदद मांगो
पूछिये, मांगिये और हर संभव मदद करने की तलाश में रहिए। ‘‘माफ कीजियेगा। मैं इस बारे में जानकारी नहीं दे सकता, क्या आप मेरी सहायता करेंगे/करेंगी?’’ यह शायद प्रयोग होने वाली सबसे अच्छी पंक्ति साबित हो। किसी भी बारे में न जानने में और उसे जोर-जोर से कबूलने में क्या गलत है? आप मुझे पूछने दीजिये और बार-बार मुझे दूसरों को मदद के लिये पुकारने दीजिये। ‘‘मुझे आपकी मदद की दरकार है, कृपया मेरी मदद कीजिये,’’ मेरी पसंदीदा पंक्तियां हैं। लेकिन मैं यहां यह भी जोड़ना चाहूंगी कि ‘‘नहीं, मैं अभी व्यस्त हूँ’’ की प्रतिक्रिया मुझे जितनी बार मिली है वह भी अपने आप में एक अजूबा है। लोगों की ‘न’ सुनने के बाद भी मैं हार नहीं मानती हूँ और तभी अचानक जैसे सबकुछ बदल जाता है और कहीं से कोई मेरी मदद करने के लिये आगे आ जाता है और यह अनजान मदद सभी ‘न’ को पीछे छोड़ देती है। तो आप दूसरों से मदद खुलकर मांगे, स्पष्ट और जोर-जोर से मांगे और ऐसा लगातार करें।
7. सबका धन्यवाद!
धन्यवाद, धन्यवाद और बहुत-बहुत धन्यवाद। रोज सुबह नींद से जागने के बाद धन्यवाद करने की आदत डालें और प्रतिदिन सोने जाते समय भी ऐसा करना अपनी दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना अपने परिवार और सहयोगियों को धन्यवाद करने के अलावा जीवन में अपने सबसे नजदीकी और यहां तक कि अपने शत्रु का भी धन्यवाद करें। एक वास्तविक और दिल से किये हुए धन्यवाद से अधिक शक्तिशाली इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। दूसरों पर प्रभाव के मुकाबले यह आपको स्वयं को हद से ज्यादा प्रभावित करता है। आप क्षण-प्रतिक्षण खुश रहने और पूर्ण होने का अभ्यास कर रहे होते हैं। तो आप वर्ष 2015 में अधिक से अधिक शुक्रगुजार रहें स्वयं इसके प्रभाव को महसूस करें।
8. ‘न’ कहने की आदत डालें
प्रतिदिन ‘न’ कहने की आदत डालें। किसी को भी ‘न’ कहना मेरी सबसे बड़ी चुनौती रही है ओर किसी को भी न कहने के लिये बहुत अधिक साहस की जरूरत होती है। मैं किसी को भी चोट नहीं पहुंचाना चाहती और इसी प्रक्रिया में मैं हर चीज को हां कह देती हूँ। नतीजतन मैं पहली ही बार में ‘न’ कहने की तुलना में और अधिक लोगों को निराश करते हुए चोट देती हूं। धीरे-धीरे मैंने ‘न’ कहना सीखा है यानी कि अब मैं लोगों को कई चीजों के लिये मना करने लगी हूँ। हमारे पास सिर्फ एक ही जीवन है और अगर मैं एक स्टार्टअप सैर के लिये जाने से इंकार करूंगी तो क्या मैं अपने प्यारे कुत्तों के साथ अधिक समय बिताने में सफल नहीं रहूंगी? यदि हाँ, तो मुझे तेजी से बीत रहे अपने जीवन से और क्या चाहिये? खुद से यह प्रश्न पूछिये और आपके लिये ‘न’ कहना बहुत आसान हो जाएगा।
9. स्वांत: सुखाय
अकेले होने का आनंद लेना प्रारंभ करें। अगर आप एक उद्यमी है या निकट भविष्य में ऐसा करने की सोच रहे हैं तो अकेलेपन की भावना साये की तरह आपके साथ प्रति क्षण रहेगी। सिर्फ उद्यमी ही क्यों, अगर आप एक बड़े सपने के वाहक हो और किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिये निरंकुशता की हद तक जुनूनी हैं तो आपको जरूर अकेलेपन का अनुभव होगा। मैं नियमित रूप से इसका अनुभव करती हूँ। उस न समझे जाने के दर्द को अपने अंदर समेटते हुए अपने अकेलेपन का आनंद लेना शुरू करें। लेकिन कैसे? मेरे लिये यह रेबेका सोलनिट, ऑगस्टस बौरोज़ जैसे लेखकों से खुद को जोड़ते हुए उनके लेखन को पढ़ने का मौका दिलवाने वाला अवसर होता है। और ऐसा करके मैं कहीं न कहीं खुद को उनके अनुभवों से जोड़ने में सफल होती हूँ और मुझे भी मालूम होता है कि दुनिया में कहीं और कोई और भी वही महसूस कर रहा है जो मैं महसूस कर रही हूँ। इस तरह से यह एक चिकित्सीय अनुभव में बदल जाता है। तो आप अपने बारे में थोड़ा और सोचते हुए खुद के लिये समझ और आत्मविश्लेषण करना शुरू करें।
10. कुल जमा हासिल
अपनी ज़िंदगी की कहानी के बारे में सोचिए। आपकी यह कहानी किस करवट बैठने वाली है यानी उसमें क्या होने वाला है? अपनी कहानी को एक अलग तरीके से देखना और उसके बारे में अलग ढंग से विचार करना, कई बार आपका ध्यान भटकाते हुए आपको विचलित कर सकता है। तो आपकी कहानी क्या होगी? अगर आपको अपना सालाना संस्मरण लिखना हो तो वह कैसा होगा? आप किस चीज का पीछा कर रहे थे? आपने क्या जीता और क्या आप वही सबकुछ हासिल करने में कामयाब रहे जिसके लिये आपने यत्न कर रहे थे? अपने बारे में सोचना शुरू करें। जीवन में किसी स्तर पर ऐसी बौद्धिक स्पष्टता का होना सचमुच अद्भुत है। यकीन मानिये ऐसा करने से जीवन के प्रति आपके नजरिये में आमूल चूल परिवर्तन आ जाएगा और आप एक बेहतर जीवन जीने में सफल रहेंगे।
असल में जीवन में जुनून का होना ज़रूरी है। जुनून तभी होगा जब मंजिल होगी। मंजिल है जुनून है तो कदम तो बढ़ेंगे ही। रास्ते तो बनेंगे ही। उम्मीदें तो बंधेंगी ही। और अगर ये सबकुछ है तो फिर सफलता तो मिलेगी ही। जीवन में दो अहम चीजें हैं। सफलता और सार्थकता। अगर जीवन सार्थकता के साथ सफल है तो फिर सोने पर सुहागा। ऊपर साझा किए गए मेरे विचार संभवत: इन दोनों पहलूओं को समाहित करता है। खुद के लिए तो हर कोई जीता है, तू जी ऐ दिल ज़माने के लिए।