...क्योंकि 'Toonz Retail' रखते हैं आपके बेबी का ख्याल
बेबी ब्रांड्स में खास पहचान Toonz Retail एक छत के नीचे बच्चों की जरुरत के हर सामान खरीद सकते हैं
भारत में बेबी ब्रांड्स का नाम आते ही जेहन में अलग-अलग जरुरतों के लिए अलग-अलग नाम आने लगते हैं। Pre-Cared, BabyOye, Little1 सरीखे ऑनलाइन स्टोर्स ने इसे बेहद आसान कर दिया है। लेकिन, बेबी ब्रांड्स के क्षेत्र में बढ़ती ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा के बीच ऑफलाइन रिटेल स्टोर Toonz Retail ने ना सिर्फ अपनी जगह बनाई है बल्कि इसकी एक खास पहचान भी है। इन स्टोर्स से आप एक छत के नीचे बच्चों की जरुरत के हर सामान खरीद सकते हैं। कपड़ों से लेकर खिलौने तक, वॉकर से लेकर रॉकर तक, गुड़िया से लेकर वीडियो गेम्स तक आपके बच्चे के लिए हर सामान यहां मौजूद है।
क्रिस्टल ग्रुप के अंकुर अग्रवाल इसके प्रमोटर हैं, तो एमडी शरद वेंकट इसके प्रबंधन की सारी जिम्मेदारी निभाते हैं। Toonz में अपनी पारी शुरू करने से पहले शरद Pantaloons और Future Retail में काम कर चुके हैं और वहां के अनुभव का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।
Toonz की शुरुआत 2010 में हुई थी। शुरुआत में इसका फोकस बच्चों के कार्टून चरित्रों पर था। लेकिन, प्रबंधन ने 2012 में Toonz का विस्तार करते हुए इसके अपने ब्रांड्स लॉन्च करने का फैसला किया। ये वही समय था जब शरद वेंकट बतौर एमडी कंपनी से जुड़े थे। Toonz ने दो अलग-अलग एज ग्रुप के लिए दो अलग-अलग ब्रांड लॉन्च की। WowMom तीन साल तक के बच्चों के लिए कपड़े, नर्सरी प्रोडक्ट और दूसरी जरुरतों के सामान उपलब्ध कराने के लिए थी तो SuperYoung 4-12 साल तक के बच्चों की जरुरतों के सामान को उपलब्ध करा रहा था।
Toonz Retail ने अलग तरह की रणनीति अपनाते हुए अपना फोकस मेट्रो शहरों के बजाय टियर-2 और टियर-3 शहरों पर रखा। इसने जिन बाजारों पर फोकस किया वो मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्य और उत्तर में हरियाणा है। शरद वेंकट बताते हैं, “किड्स मार्केट में बहुत सारी संभावनाएं हैं। इसका बाजार 30 हजार करोड़ से लेकर 80 हजार करोड़ के बीच फैला हुआ है और अभी भी इससे किसी बड़े ब्रांड का नाम नहीं जुड़ा है।”
परंपरागत ऑफलाइन बिजनेस ही Toonz Retail की ताकत है, मगर धीरे-धीरे कंपनी ने ऑनलाइन बिजनेस में भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। WowMom और Super Young ब्रांड्स को बेचने के लिए Toonz ने फ्लिपकार्ट, जेबोंग, स्नैपडील और अमेजॉन जैसे ऑनलाइन रिटेलर्स से हाथ मिलाया है। शरद के मुताबिक, फिलहाल हर महीने 1000 के करीब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। भले ही ऑफलाइन सेल्स के मुकाबले ये ट्रांजैक्शन्स कुछ भी नहीं हों, मगर एक शुरुआत तो हो ही चुकी है। शरद को यकीन है कि Toonz देर-सबेर ऑनलाइन बिजनेस में भी कामयाब होगी। शरद का कहना है कि वो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को अगले एक साल में दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हालांकि वो निकट भविष्य में खुद का ई-कॉमर्स स्टोर शुरू करने की किसी भी योजना से इंकार कर रहे हैं।
इस साल Toonz Retail का 30 करोड़ रुपये का टर्न ओवर रहा है और कंपनी ने इसे 2016-17 में 100 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। शरद बताते हैं कि किफायती कीमत में क्वॉलिटी प्रोडक्ट मुहैया कराना ही Toonz की कामयाबी का मूल मंत्र है।