मेहनत माँ-बेटे की, फायदा किडनी रोगियों को...
- कम पैसों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहा है वीजीएससी। - मरीज़ों के इलाज के साथ-साथ सेहत संबंधी सलाह भी दे रहा हैं वीजीएसी। - वीजीएससी एक डायलेसिस टेक्नोलॉजिस्ट ट्रेनिंग अकादेमी भी चला रही है। जहां 12 वीं पास छात्र विश्वस्तरीय ट्रेनिंग ले सकते हैं।
विजय गंगा स्पेशिलिटी केयर एक नॉन प्रॉफिट मेडिकल स्टार्टआप है जिसकी शुरुआत चेन्नई में हुई। इस स्टार्टअप का मकसद सही कीमत पर नेप्रोलॉजी हेल्थ केयर सर्विस देना है। विजय गंगा स्पेशिलिटी केयर यानी वीजीएससी की शुरुआत डॉक्टर सरिता दसारी ने की। अपने दस साल के करियर में डॉक्टर सरिता ने पाया कि किडनी और मधुमेह के मरीज हमारे देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने तय किया कि वे नेप्रोलॉजी में फोकस करेंगी और मरीजों को इस विषय में जानकारी देंगी साथ ही लोगों में अपनी सेहत के प्रति जागरुकता भी पैदा करेंगी। ताकि किडनी संबंधी रोग शुरुआती दौर में भी पकड़े जा सकें और उनका सही समय पर इलाज किया जा सके। इसके अलावा वे उन लोगों की भी मदद करना चाहती हैं जो गरीबी की वजह से मंहगी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं ले पाते।
डॉक्टर सरिता के बेटे संजय वी दसारी बावसन कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। यह कॉलेज ऐंथ्रपे्रन्योरशिप की पढ़ाई के लिए जाना जाता है। संजय भी कोई नया काम शुरु करना चाहते थे। जब उनकी मां ने अपनी इच्छा बेटे को बताई तो दोनों ने तय किया कि अब वे दोनों इस काम को मिलकर करेंगे। इस प्रकार वीजीएससी की शुरुआत हुई। और उसके बाद मां बेटे की जोड़ी ने गरीब मरीज़ों को एजुकेट करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। संजय वीजीएससी में एमडी हैं।
किडनी की बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है और आमतौर पर शुरुआती दौर में यदि लापरवाही की गई तो इसका पता नहीं चल पाता। लोगों को तो कई बार यह भी पता नहीं चल पाता कि वे जिस दिक्कत को झेल रहे हैं उसकी वजह किडनी है। जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उस समय सिवाए ऑपरेशन के कोई और चारा नहीं बचता।
भारत में डायलेसिस के केस प्रति वर्ष तीस प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहे हैं। सन 2030 तक मरीज़ों का आंकड़ा लगभग सौ मिलियन तक पहुंच सकता है। जिस प्रकार यह संख्या तेजी से बढ़ रही है ऐसे में पैसे वालों को तो फिर भी अच्छा इलाज उपलब्ध हो जाएगा लेकिन गरीब लोगों के लिए इलाज कराना बहुत दिक्कत भरा हो सकता है। सन 2009 की एक रिसर्च के अनुसार दो लाख तीस हजार लोग जोकि बुरी तरह किडनी फेलियर से ग्रसित थे उनमें से 90 प्रतिशत की मृत्यु नौ महीने के अंदर ही हो गई। जिसका एकमात्र कारण समय पर सही उपचार न मिल पाना था।
वीजीएससी की शुरुआत एक छोटे क्लीनिक के रूप में हुई जो पेशेंट को डायलेसिस की सेवा और जरूरी सलाह भी देता था लेकिन आज यह क्लीनिक बहुत सारी नई स्वास्थ्य सेवाएं मरीज़ों को प्रदान कर रहा है।
वीजीएससी ने एक डायलेसिस टेक्नोलॉजिस्ट ट्रेनिंग अकादेमी जिसको 'ट्रेन फॉल लाइफ' का नाम दिया गया, की शुरुआत की। यह 12 वीं पास छात्रों को ट्रेनिंग देता है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छात्रों को बोनेन से सर्टीफिकेट भी मिलता है। बोनेन एक बेहतरीन इंटरनेशनल संस्था है जोकि निफ्रोलॉजी प्रोफेशनल को सर्टीफिकेट देती है। कोर्स के दौरान छात्रों को अंग्रेजी बोलना, बेसिक कंप्यूटर स्किल भी सिखाया जाता है। इसके अलावा कार्डियक लाइफ सपोर्ट भी कोर्स का एक हिस्सा है। कोर्स में इस तरह के विषय जोडऩे से छात्रों के लिए काम की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसके अलावा एक इंटरनेशनल सर्टीफिकेट होने से छात्र भारत ही नहीं विदेशों में भी काम कर सकते हैं।
भारत में किडनी केयर की मार्किंट काफी बढ़ रही है। बहुत सारी कंपनियां हैं जो कम दामों पर डायलेसिस की सेवा प्रदान करती हैं। लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में काफी कुछ करने की जरूरत है। वीजीएससी मरीज़ों को अच्छी क्वालिटी की सुविधाएं दे रहा है। इनका मोटो है- प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर।
डायलेसिस बहुत दर्दनाक और एक टाइम कंज्यूमिंग प्रोसीज़र है। इसलिए वीजीएससी की कोशिश रहती है कि इनके पेशेंट उस स्टेज तक न पहुंचें और समय रहते उन्हें अच्छा इलाज मिल जाए। इसके अलावा वीजीएससी फीजियोथेरिपी और डाइटीशियन को भी अपने साथ रखा है जो मरीज़ों को जरूरी सलाह देते हैं। ताकि मरीज़ में रोग बढऩे की संभावना को कम किया जा सके। इसके अलावा यहां मरीज़ की नियमित जांच भी होती रहती है। अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने के अलावा वीजीएससी छात्रों के लिए एक इंस्टीट्यूट भी चला रहा है। वीजीएससी किडनी के मरीज़ों की तो मदद कर ही रहा है साथ ही भारतीय युवाओं का करियर भी संवार रहा है। इनकी टीम में बहुत ही अनुभवी और भारत के जानेमाने डॉक्टर्स हैं। जो कई सालों से लोगों को अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं जैसे - डॉक्टर कृष्णमूर्ती, डॉक्टर वेंकटेश आदि। इसके अलावा अमेरिकन बोर्ड द्वारा सर्टीफाइड फीजियोथेरिपिस्ट भी शामिल हैं।
वीजीएससी भविष्य में भारत के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती है। निकट भविष्य में सेहत संबंधी और भी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लॉच करना इनकी आगे की योजनाओं में शामिल है ताकि लोगों में अपनी सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ते और कई बड़ी बीमारियों को शुरुआती दौर में ही सही इलाज द्वारा खत्म किया जा सके।