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अपनी बेटी के नाम को मशहूर करने के लिए शुरु किया 'वन्या क्रिएशंस'

बेटी के जन्म के बाद खरीददारी के लिये समय नहीं मिलने के चलते वेदिका ने प्रारंभ की आॅनलाइन शाॅपिंगअन्य महिलाओं को घर बैठे बेहतर उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिये रखी ‘वन्या क्रिएशंस’ की नींवमहिलाओं के लिये तैयार और सिले-सिलाए कपड़े उपलब्ध करवाने वाला आॅनलाइन पोर्टल है वन्या

अपनी बेटी के नाम को मशहूर करने के लिए शुरु किया 'वन्या क्रिएशंस'

Friday July 24, 2015 , 6 min Read

क्या आपने कभी ऐसी किसी महिला के बारे में सुना है जो अपनी बेटी के नाम को पूरी दुनिया में मशहूर करने और दूर-दूर तक फैलाने के लिये इतनी बेकरार हो कि वह इसके लिये एक स्टार्टअप की स्थापना ही कर दे?

वेदिका भाटिया ने बिल्कुल ऐसा ही किया और महिलाओं के लिये आॅनलाइन कपड़े उपलब्ध करवाने एक कंपनी की स्थापना करते हुए उसका नामकरण अपनी बेटी के नाम पर करते हुए Vanya Creations (वन्या क्रिएशंस) रखा।

‘‘वन्या के हमारे जीवन में आने के बाद हमारा सामना बिल्कुल अलग तरह की चुनौतियों से होने लगा क्योंकि अब हमें अपनी बेटी और खुद के लिये शाॅपिंग के समय को उसकी नींद के समय के हिसाब से पुर्ननिर्धारित करना पड़ा और उसके सोने का समय अन्य बच्चों की तरह बिल्कुल अप्रत्याशित था। इस वजह से मैंने आॅनलाइन खरीददारी की ओर रुख किया और मुझे मालूम हुआ कि मेरी तरह अधिकतर महिलाएं भी कुछ ऐसी ही परेशानियों से दो-चार हो रही हैं। बस यही मेरी आँखें खोलने वाला पल था!’’

उन्होंने इस विचार को अपने अंदर जीवित रखा और अपने पिता और पति से अल्टीमेटम मिलते ही इस दिशा में काम करना प्रारंभ कर दिया।

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यह वेदिका का उद्यमिता के साथ कोई पहला जुड़ाव नहीं है और उन्होंने एक ईवेंट मैनेजमेंट फर्म के साथ काम करना प्रारंभ करके अपने करियर का आगाज किया था। उस समय अपना एक उपक्रम शुरू करने की इच्छा के चलते उन्होंने उन्होंने वर्ष 2005 में मुंबई में ‘बाईनरी कंसल्टेंट्स’ के नाम से अपनी कंपनी प्रारंभ की। तीव वर्षों तक इसके सफल संचालन के बाद उन्हें आखिरकार कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते इसे बंद करना पड़ा और उन्होंने ग्लोबलप्रोक्योर और डायरेक्टआई के साथ नौकरी कर ली। उन्होंने इसके साथ ही एमबीए करने के लिये मुंबई के एनएमआईएमएस में भी दाखिला ले लिया। दिल्ली की रहने वाली वेदिका ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद पब्लिक रिलेशंस और कम्युनिकेशन में परस्नातक किया और वर्ष 2002 में विवाह के बाद मुंबई आ गईं। तीन वर्षों तके मुंबई में रहने के बाद वे अपने पति के साथ बैंगलोर आ गईं।

योरस्टोरी ने वेदिका से व्यापार की दुनिया में उनके सामने आनी वाली विभिन्न प्रकार की चुनौतियों और उनसे निबटने के उनके तौर-तरीकों के बारे में जानने के लिये विस्तृत बातचीत की।

वेदिका इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि बाजार प्रतिस्पर्धियों से भरा हुआ है और उन्होंने व्यवसाय की दुनिया में कदम रखने से पहले खुद से इस सवाल को पूछा भी था। वेदिका कहती हैं, ‘‘लेकिन मुझे एक अहसास था कि अगर हम उचित कीमतों पर ऐसे विशेष उत्पादों को अपने उपभोक्ताओं के सामने प्रस्तुत करने में कामयाब होते हैं जो बाजार में काम कर रहे अन्य व्यवसाइयों के पास उपलब्ध नहीं हैं तो हम अपने लिये एक अच्छा व्यावसाय खड़ा कर सकते हैं।’’

उनका मानना है कि अगर आप अपने व्यापार के प्रारंभिक दिनों में अपने उपभोक्ताओं को प्रसन्न रखने में सक्षम होते हैं तो आपका व्यापार जल्द ही गति पकड़ लेता है। ‘‘पहले उपाभोक्ता को अपनी ओर आकर्षित करना काफी मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। प्रारंभ में हमने अपने उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने के लिये उन्हें कम कीमतों वाले उत्पादों से रूबरू करवाया और फिर उसके बाद हम धीरे-धीरे अपने यहा उच्च मूल्य वाले उत्पादों को बेचने के लिये लाने लगे। मैंने सिर्फ अपने उपभोक्ताओं के विश्वास के आधार पर इस व्यवसाय को खड़ा किया है और इसे बनाए रखने के लिये मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ।’’

‘‘मेरे पति अक्सर लोगों को मेरे बारे में बताते हुए ये कहते हैं कि अगर मुझे अजनबियों से भरे एक कमरे में भेज दिया जाए तो मैं कुछ समय बाद मित्रों की एक मंडली के साथ बाहर आती दिखूंगी।’’

नेटवर्किंग करते हुए अपने लिये एक वृहद सामाजिक दायरे का निर्माण करना वेदिका की रोजमर्रा की जिंदगी का एक हिस्सा है और वे इस काम को बहद सरलता से कर लेती हैं क्योंकि उन्हें लोगों से मिलना और उनसे बातें करना बेहद पसंद है। वे कहती हैं, ‘‘मैं शायद ही कभी लाभ कमाने के लिये संबंध बनाती हूँ लेकिन हमेशा ऐसे संबंध बनाती के प्रयास में रहती हूँ जो व्यापार से कहीं आगे तक जारी रहें।’’

निश्चित रूप से वेदिका की यह खूबी उन्हें औरों से कहीं आगे खड़ा रखने में मदद करती है और विशेषकर जिस क्षेत्र में वे कार्यरत हैं उसमें तो यह बेहद जरूरी है।

आॅनलाइन कपड़ों के खुदरा बाजार में अपने लिये विश्वास और प्रतिष्ठा स्थापित करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। ‘‘मुझे अब भी व्यापार का अपना वह पहला हफ्ता याद है जब हम अपने पहले उपभोक्ता के इंतजार में बैठे अपने नाखून चबा रहे थे।’’

चूंकि वन्या महिलाओं के फैशन से संबंधित है इसलिये नए डिजाइन और विशेषता बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं।

वेदिका के अनुसार इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या यह सुनिश्चित करना है कि आपके तैयार किये हुए कपड़े आपके उपभोक्ता को बिल्कुल फिट आएं। हर खरीद के बाद वेदिका अपने उपभोक्ता से संपर्क करने का हरसंभव प्रयास करने के अलावा उनसे सामग्री, फिटिंग, डिलीवरी इत्यादि से संबंधित फीडबैक भी लेती हैं।

वेदिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती भुगतान इकट्ठा करना होती है। ‘‘जब फैशन से संबंधित खरीद की बात आती है तो यह बिल्कुल आवेगी और क्षणिक होती है और अधिकतर मौकों पर उपभोक्ता तकनीकी चुनौतियों या एनईएफटी या नकद भुगतान की प्रक्रियाओं के चलते अपनी पसंद के उत्पाद को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है।’’ इस प्रकार की परेशानियों से खुद को दूर रखने के लिये उन्होंने एक सेवा प्रदाता के माध्यम से क्रेडिट कार्ड के द्वारा भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू की है और इसके बारे में उनका कहना है, ‘‘इसने बहुत हद तक मेरी मदद की है लेकिन अभी भी भुगतान के एक बड़़े हिस्से से निब्टना एक बहुत बड़ी चुनौती है।’’

वेदिका व्हाट्सएप्प और फेसबुक को अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिये इस्तेमाल करती हैं और फेसबुक पर तो उनके उद्यम के बहुत सारे फाॅलोवर्स भी हैं।

वे जल्द ही अपनी एक वेबसाइट लेकर आने की प्रक्रिया में हैं और फिलहाल वे अपने पति की सहायता से लोगों के साथ ईमेल के माध्यम से जुड़ते हुए उन्हें अपने नवीनतम उत्पादों के बारे में सूचित करती हैं।

वेदिका को अपने पूरे परिवार का समर्थन मिलता है और वे उन्हें अपनी सफलता का स्तंभ मानती हैं। एक तरफ तो बहुत सारे प्रसन्न उपभोक्ता उन्हें प्रेरित करते हैं और दूसरी तरफ उनके परिवार के सभी सदस्य उन्हें हमेशा याद दिलते रहते हैं कि उंजिल अभी बहुत दूर है और एक दिन उन्हें वेदिका क्रियेशंस को एक अंर्तराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में मशहूर करना है और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।