Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पीएम स्वनिधि योजना के तहत प्राप्त हुए 5 लाख से अधिक आवेदन

योजना के तहत स्वीकृत ऋणों की संख्या एक लाख से अधिक

पीएम स्वनिधि योजना के तहत प्राप्त हुए 5 लाख से अधिक आवेदन

Thursday August 13, 2020 , 3 min Read

पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्म-निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत 02 जुलाई,2020से ऋण देने की प्रक्रिया के शुरू होने के 41 दिनों के भीतर ही मंजूर किए गए ऋणों की संख्या और इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की संख्या क्रमश: 1 लाख और 5 लाख को पार कर गई है।


k

फोटो साभार: enterhindi


पीएम स्वनिधि योजना शुरू होने से सड़क पर रेहड़ी लगाकर अपना व्यापार करने वालों के बीच काफी उत्साह देखा गया है,जो कोविड-19 लॉकडाउन के बाद फिर से अपने व्यवसायों को शुरू करने के लिए सस्ती कार्यशील पूंजी ऋण की तलाश कर रहे हैं।


पीएम स्वनिधि योजना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘आत्म-निर्भर भारत अभियान’ के दायरे में लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों और उसके आसपास के अर्द्ध-शहरी/ ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर (रेहड़ी वाले छोटे व्यापारियों) को कोविड-19 लॉकडाउन के बाद फिर से अपना कारोबार शुरू करने के लिए बिना किसी की गारंटी के एक साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा देना है। इसके तहत ऋण के नियमित पुनर्भुगतान करने पर प्रोत्साहन के रूप में प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी, निर्धारित डिजिटल लेनदेन करने पर सालाना 1,200 रुपये तक का कैशबैक और आगे फिर से ऋण पाने की पात्रता भी प्रदान की गई है।


पीएम स्वनिधि योजना में अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों- सार्वजनिक एवं निजी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों,सहकारी बैंकों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बैंकों आदि के अलावा ऋण देने वाली संस्थाओं के रूप में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)और लघु वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) को योजना से जोड़कर इन छोटे उद्यमियों के द्वार तक बैंकों की सेवाएं पहुंचाने का विचार किया गया है। डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म पर इन विक्रेताओं को लाना इनके क्रेडिट प्रोफाइल का निर्माण करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है ताकि इन्हें औपचारिक शहरी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में मदद मिल सके।


इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को दी गई है। रेहड़ी-खोमचे वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को उधार देने के लिए इन ऋणदाता संस्थानों को लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई)के माध्यम से प्रोत्साहित करने हेतु इनके पोर्टफोलियो के आधार पर एक ग्रेडेड गारंटी कवर प्रदान किया जाता है।


सड़कों पर रेहड़ी लगाकर व्यापार करने वाले ज्यादातर विक्रेता बहुत कम लाभ पर अपना व्यवसाय करते हैं। इस योजना के तहत ऐसे विक्रेताओं को लघु ऋण से न केवल बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है,बल्कि उन्हें आर्थिक प्रगति करने में भी मदद मिलेगी। एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म (pmsvanidhi.mohua.org.in), वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के उपयोग ने इस योजना को न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रबंधन के उद्देश्य के साथ समाज के इस तबके तक पहुंचने और इन्हें लाभ पहुंचाने में सक्षम बनाया है।


(सौजन्य से: PIB_Delhi)