हर हाथ को काम दिलाने के लिए बाज़ार में उतरा kaam24.com,मकसद है कर्मचारी भी खुश, कंपनी भी खुश
ब्लू कॉलर या ग्रे कॉलर जॉब्स के लिए kaam24.com एक ऐसा मंच है जो रोजगार की तलाश की मुश्किलात को कम करता है. kaam24.com का उद्देश्य ब्लू और ग्रे कॉलर कर्मचारियों और नियोक्ता के बीच ऐसे पुल का काम करना है जिससे दोनों को लंबे वक्त में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. कंपनियों को बेहतर कर्मचारी मिले और कर्मचारियों को बेहतर वेतन के साथ साथ अनाचार से भी बचाया जा सके. फिलहाल बाजार में कुछ ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो ब्लू और ग्रे कॉलर जॉब्स की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं लेकिन जब योरस्टोरी ने इस बारे में kaam24.com के संस्थापकों से पूछा तो उनका कहना है कि हां जरूर बाजार में दो से तीन खिलाड़ी मौजूद हैं लेकिन कोई भी इस क्षेत्र में अग्रणी नहीं है. साथ ही संस्थापकों का कहना है कि उनकी रणनीति ऐसी है जो अन्य खिलाड़ियों से उन्हें जुदा करती है. जैसे मिस्ड कॉल की सुविधा और नौकरी की तलाश करने वालों का ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन. कंपनी का कहना है कि अब यही कॉन्सेप्ट अन्य कंपनियां भी अपना रही हैं. कंपनी लगातार डेटाबेस को मजबूत कर रही है और साथ ही ऐसे कर्मचारियों की मदद करती है जो इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. कंपनी अपने डेटाबेस में हजारों प्रोफाइल का डाटा रखती है ताकि नियोक्ता को कर्मचारियों के चुनाव में आसानी हो सके. कंपनी का कहना है कि कर्मचारियों की तलाश में जो भी नियोक्ता उनके पास आता है उसको बाजार में मौजूद अन्य खिलाड़ियों से करीब 50 फीसदी कम कीमत पर रिजूम पैकेज मिलता है. कंपनी की रिजूम पैकेज 899 रुपये से शुरू होती है. कंपनी के सभी संस्थापक सीए हैं और उनके मुताबिक उनकी पृष्ठभूमि की वजह से ही उन्हें इस जोखिम को उठाने का साहस मिला.
कंपनी के सह संस्थापक फारुक लारी, मयंक बंसल, मानव बजाज और सचिन जैन सभी फाइनेंस और प्रोसेस कंसल्टिंग का अनुभव रखते हैं. संस्थापकों का मानना है कि वे इस जोखिम के जरिए समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डालना चाहते हैं इसलिए उन्होंने कंपनी का विजन ‘कमाएगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया’ रखा. kaam24.com की शुरुआत के बारे में सह-संस्थापक फारुक लारी कहते हैं,
‘प्रोफेशनल करियर के दिनों में जब हम अपने दफ्तरों में काम करते थे तो हमने महसूस किया कि हर दफ्तर चाहे छोटे हो या बड़े, हर दुकान, हर शोरूम में ऐसे लोगों की जरूरत है. अपार संभावनाओं के बावजूद इस क्षेत्र में नौकरी की तलाश करना एक कठिन समस्या थी, साथ ही साथ मालिक को भी कर्मचारी ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ती. अखबार और एजेंटों का सहारा लिया जाता एक अच्छे कर्मचारी को ढूंढने के लिए. इन विचारों ने मोबाइल और वेब बेस्ड मंच विकसित करने का बल दिया. इस तरह से न केवल नौकरी ढूंढने वालों की मदद होगी बल्कि नौकरी पर रखने वालों को सही समय पर सही उम्मीदवार चुनने में भी मदद मिलेगी. साथ ही साथ देश की सामाजिक आर्थिक विकास में भी योगदान होगा.’
कंपनी का दावा है कि उसने अब तक पचास हजार नौकरी की तलाश करने वालो को नियोक्ता के साथ जोड़ने का काम इस मंच के जरिए किया है. फिलहाल कंपनी मुनाफा रिजूम सब्सिक्रिप्शन और जॉब प्रमोशन के जरिए बना रही है यह मुनाफा कंपनी को सीधे नियोक्ताओं से मिल रहा है. भविष्य में कंपनी अन्य उत्पादों के भी लॉन्च की योजना बना रही है.
kaam24.com का कहना है कि वह नौकरी की तलाश करने वाले और नियोक्ताओं के लिए अधिक अहमियत को विकसित करने का लक्ष्य रखती है. और इसी लिए कंपनी लगातार रिसर्च करती है ताकि नियोक्ताओं के लिए हर संभव कोशिश की जा सके. जिससे उम्मीदवार की भर्ती का समय कम किया जा सके और आसानी से कर्मचारी की सेवा का इस्तेमाल किया जा सके.
कंपनी का कहना है कि वह चरणबद्ध तरीके के साथ पैन इंडिया में खुद को स्थापित करने का लक्ष्य रखती है. वह चाहती है कि एक ऐसा मंच तैयार हो जिससे न केवल बड़े और मध्यम व्यापारों की थोक जरूरतों को पूरा किया जा सके बल्कि छोटे व्यापार से लेकर छोटे दुकानों और घरेलू जरूरतों के लिए कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया आसान बन सके. जो अब तक मोबाइल और तकनीक आधारित हायरिंग बेस्ड प्रक्रिया से वंचित थे. कंपनी का कहना है कि वह हर एक ब्लू और ग्रे कॉलर जॉब सीकर को अपने मंच पर लाना चाहती है और उनका समर्थन एक अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन देने में करना चाहती है.
कंपनी के सह-संस्थापकों का कहना है कि वे इस जोखिम से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. वे कहते हैं कि यह तो शुरुआत है और उन्हें बहुत लंबा सफर तय करना है. वे कहते हैं कि इस वेंचर के जरिए नियोक्ताओं और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की बहुत बड़ी समस्या को सुलझाना चाहते हैं. वे कहते हैं कि इस श्रेणी के लोगों की मदद कर वह देश को अगले विस्तार के स्तर पर ले जाना चाहते हैं.