रुढ़ियों को तोड़कर फैशन की दुनिया में क़दम जमाने वाली अनीता डोंगरे
एक उद्यमी के रूप में, जीवन में आगे क्या करना की तुलना में, शायद पारिवारिक आपत्तियों से निपटना सबसे आसान था। अनीता फैशन की तरफ़ छोटी सी उम्र में ही आकर्षित हुई, जब उन्होंने अपने घर में महिलाओं को सुन्दर कपड़े बुनते देखा।उनकी माँ पुष्पा सव्लानी एक कुशल कलाकार थी, जो अनीता और उसके भाई बहन के लिए कपड़े बुनती थी, जब वह बहुत युवा थी।
50 वर्षीय अनीता डोंगरे के लिए, महिला के रूप में जिंदगी जीना रोमांचक रहा है। वो एक ऐसे पारंपरिक भारतीय परिवार में पैदा हुईं, जहाँ पर महिलाएं सारे स्टीरियोटाइप काम करती थीं, जो समाज चाहता था। उनकी बहनें, चाची और दूसरी महिलाएं, पत्नियां और माँ बनकर खुश थी, लेकिन जिंदगी ने अनीता के लिए कुछ और ही सोचा था।
"मैं पारंपरिक सिंधी परिवार में पली बढ़ी। मेरे दादा-दादी जयपुर से थे। मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ जयपुर में बितायी है और बच्चे के रूप में मैंने देखा कि मेरे चचेरे भाई-बहन के लिए कैसे प्रतिबंधन का माहौल था। मेरे पिता मेरे जन्म से कुछ महीनों पहले मुंबई आ गये थे। मुंबई बहुत अलग ही शहर था जहाँ पर महिलाएं उद्यमी थी” – अनीता कहती हैं। उनके परिवार में कोई भी महिला उद्यमी नही थी। 50 चचेरे भाई-बहन के उनके बड़े परिवार में से कोई भी महिला ने कभी भी कहीं भी काम नही किया। इसलिए जब अनीता ने इंटर्नशिप करने के बाद जॉब की तो परिवार वाले चौंक गये। अनीता कहती हैं, “सब लोग चौंक गये और मुझे सभी लोग सलाह देने लगे। और कहा गया कि अगर औरत काम करना चाहती है, इसका मतलब है कि उसका परिवार उसकी देखभाल करने में असमर्थ है।”
...लेकिन अब यह पुराना लगता है। आज, अनीता डोंगर देश में अग्रणी फैशन डिजाइनरों में से एक है और बहुत से ज्ञात और अज्ञात चेहरों के लिए कपडें तैयार किये हैं। हर स्टोरी ने उनसे उनकी उद्यमशीलता की यात्रा के बारे में बात की।
शुरुआत
एक उद्यमी के रूप में, जीवन में आगे क्या करना की तुलना में, शायद परिवारिक आपत्तियों से निपटना सबसे आसान था। अनीता फैशन की तरफ़ छोटी सी उम्र में ही आकर्षित हुई, जब उन्होंने अपने घर में महिलाओं को सुन्दर कपड़ें बुनते देखा। उनकी माँ पुष्पा सव्लानी एक कुशल कलाकार थी, जो अनीता और उसके भाई बहन के लिए कपड़े बुनती थी, जब वह बहुत युवा थी।
अपने सपने की तरफ़ उनका कदम SNDT यूनिवर्सिटी, मुंबई से फैशन की डिग्री से शुरू हुआ। वह कहती है,
“जब मैं 15 साल की थी तब से मुझे डिजाईन और फैशन पसंद था। बहुत से मेरे दोस्त, जिनके साथ मैंने NM कॉलेज में कॉमर्स पढ़ी, चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। लेकिन मुझे यह बोरिंग लगता था। केवल फैशन मुझे उतसाहित करता था। इसलिए मैं निश्चित थी कि मैं क्या करने जा रही था। ”
उन्होंने एक छोटे से 300 वर्ग फुट क्षेत्र से, अपनी छोटी बहन के साथ कारोबार शुरू किया और कुछ वर्षों बाद उनके छोटे भाई भी व्यापार में शामिल हो गए। शुरूआती साल मुश्किल थे क्योकिं उनके पास काम करने की माकूल जगह नही थी। “शुरूआती सालों में कई मुश्किलें आयी। इस दौरान कई बार बंद करने के बारे में सोचा, पर वह बहुत क्षणिक था। मैं सुबह उठ कर कहती थी ‘मैं क्या करू ,समझ में नही आ रहा” , अनीता कहती हैं, “ऐसा भी समय आया जब हमारे मकान मालिक ने हमें घर से बाहर कर दिया क्योंकि हमारे पास किराया देने के लिए रुपये नही थे।”
वह कहती हैं,
“शुरूआती सालों में रुपयों को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन बाद में सब सही हो गया। मुझे लगता है, एक उद्यमी के लिए हर रोज़ एक चुनौती है। हर दिन नई चुनौतियाँ देता है। आज भी इस स्तर पर मैं रोज़ चुनौतियों का सामना करती हूँ, लेकिन मुझे लगता है कि आप को उनसे निपटना सीखना होता है।”
फैशन पसंद होने के कारण, अनीता डोंगरे अपने बिज़नेस करने के तरीके पर ध्यान देती हैं। उनकी कंपनी AND 1999 में और ‘रिटेल वेस्टर्न वियर’, ‘ग्लोबल देसी’ 2007 में लॉन्च हुई। अनीता कहती है कि वह नये उत्पाद की लॉन्च के समय कोई रणनीति नही अपनाती हैं। वह सिर्फ़ अपने दिल की सुनती हैं। यहाँ तक कि अपना ब्रैंड लॉन्च करने का कारण यह था कि जिन स्टोर्स में वह वेस्टर्न कपड़े देती थी उन्होंने लेने से मना कर दिया। उनको अनीता का डिजाईन पसंद नही आया। “14-15 साल पहले मैंने कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रख कर वेस्टर्न कपड़ों को बदलाव के साथ पेश किया लेकिन किसी ने भी मेरे डिजाईन को नही लिया। मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने निर्णय किया कि मैं अपने आप करुँगी और इस तरह अनीता डोंगरे के डिजाईन का जन्म हुआ।”- मुस्कराते हुए कहती हैं।
वर्तमान में, AND के देश भर में 104 स्टोर हैं और 2010 से 57 प्रतिशत की CAGR दर से बढ़ रहे हैं। वे वित्तीय वर्ष 2014 तक 350 करोड़ रुपए का कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं।
महत्वाकांक्षी उड़ान
अनीता ने हाल ही में मॉरीशस में दो ‘ग्लोबल देसी’ स्टोर खोले हैं। वह हमारे देश में मौजूद पर्याप्त अवसरों में आशावान हैं। वह कहती हैं, “मेरी दोस्त ने मेरे से 20 साल पहले कहा, तुम अगर अमेरिका में होती तो तुम्हारा बिज़नेस 100 गुना बढ़ा होता। लेकिन कोई बात नही। मुझे भारतीय परिधान बनाना पसंद है और यहाँ पर इसके लिए बहुत अवसर हैं।”
उनके परिवार का उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके और बिज़नेस के लिए उनका परिवार शक्ति का स्तम्भ है। उन के पिता ने उन्हें बिज़नस शुरू करने के लिए रुपये दिये, जिसके लिए उन्होंने ब्याज भी लिया। वह कहती हैं -
“मेरे पिता सख्त आदमी थे और मुझे ख़ुशी है वह एक नम्र पिता नहीं थे। उन्होंने हमें पैसे का महत्व बताया। यहाँ तक कि आज मैं और मेरी बहन कंपनी चलाते समय, जब हमें महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेना होता है तो हम उनके बारे में सोचते हैं। उन्होंने हमें पैसे का आदर करना सिखाया जो की बहुत महत्वपूर्ण है।”
अनीता कहती हैं कि उन्हें कपड़े बनाना पसंद है और वह उसे तब तक करना चाहती हैं जब तक वह कर सकती हैं। और निराशा और असफलताओं के बावजूद, अपना काम करना बंद करना मुश्किल है। वह कहती हैं -
“लोगों को अच्छे कपड़े पहनना, महिलाओं को अच्छा अनुभव कराना मुझे पसंद है। मैं अंत तक काम करना चाहती हूँ। मैं अपने पीछे एक शानदार फैशन हाउस छोड़ कर जाना चाहती हूँ जो हमारी बनायी हुई प्रणाली पर विश्वास करता हो।”
हमेशा खुश रहो और अपने काम पर गर्व करो। अनीता यही सलाह दूसरी महिला उद्यमियों को देती हैं। अच्छे से काम करो और जब आप किसी काम के शुरुआत में करते है, वह अच्छा ही होता है। वह कहती हैं,“आप किसी भी चीज की शुरुआत पैसे कमाने के उद्देश्य से शुरू नही कर सकते हो। अपना अच्छा दो, बाकी सब अच्छा होगा।”