31 मार्च से पहले पेटीएम शुरू करेगा पेमेंट बैंक
साल 2020 तक पेटीएम का लक्ष्य 50 करोड़ ग्राहकों तक पहुंचना है।
पेटीएम जल्दी ही पेमेंट बैंक के रूप में अपना काम शुरु करने वाला है, जिसक जानकारी पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने दी है।
विजय शेखर शर्मा, फाउंडर एंड सीईओ, पेटीएमa12bc34de56fgmedium"/>
"पेटीएम का मोबाइल वॉलिट का काम तो सिर्फ एक शुरुआत थी, असली शो तो पेमेंट बैंक के आगाज के बाद शुरू होगा: विजय शेखर शर्मा"
एक कार्यक्रम में पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा है, कि जनवरी में रिजर्व बैंक से फाइनल अप्रूवल पाने वाला पेटीएम पेमेंट बैक मार्च के अंत तक अपना काम शुरू कर सकता है। उनका कहना है, कि उनकी कंपनी का मोबाइल वॉलिट का काम तो सिर्फ एक शुरुआत थी, असली शो तो पेमेंट बैंक के आगाज के बाद शुरू होगा।
शर्मा कहा कहना है, कि इस महीने के अंत तक वे एक बैंक के रूप में बदल जायेंगे। मोबाइल वॉलिट उनके बिज़नेस का सिर्फ 'कर्टेन रेजर' था, असली शो तो अभी शुरू होना बाकी है।' उनकी मानें, तो जहां एसबीआई के 20.7 सब्सक्राइबर्स हैं, वहीं पेटीएम के 21.5 करोड़ यूज़र्स मौजूद हैं (आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक अन्य सभी ई-वॉलेट ने एक साथ मिलकर 19 करोड़ लेनदेन किया है, जबकि पेटीएम एक महिने में 20 करोड़ का लेनदेन करता है) और साल 2020 तक पेटीएम का लक्ष्य 50 करोड़ ग्राहकों तक पहुंचना है।
कुछ समय पहले तक जिस पेटीएम के बारे में एक खास वर्ग ही जानता था, वो पेटीएम नोटबंदी के बाद भारतीय जनता में तेज़ी से वायरल हो गया और ये सच है, कि जिनके पास स्मार्टफोन है उनके पास पेटीएम एप भी है। पेटीएम ने अपने ग्राहकों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी है, जिसकी सबसे बड़ी वजह नोटबंदी रही, क्योंकि पेटीएम के अलावा लोगों के पास डिजिटल भुगतान का कोई दूसरा विकल्प नहीं था। पारंपरिक बैंकों के साथ प्रतियोगिता का विरोध करते हुए शर्मा कहते हैं, कि 'कंपनी को किसी के साथ कोई कॉम्पटिशन करने की आवश्यकता नहीं है।'
विजय शेखर शर्मा को इस बात की खुशी है, कि उनका स्टार्टअप अब बिजनेस मॉडल के रूप में एक्सेप्ट किया जा रहा है। उनका कहना है, कि 'टेक्नोलजी कमजोर नहीं है। आने वाले दो-तीन सालों में देश में 40-50 करोड़ स्मार्टफोन यूज़र्स होंगे। जिन इलाकों में स्मार्टफोन नहीं हैं, उसकी सबसे बड़ी वजह टेलिकॉम नेटवर्क है। टेलिकॉम नेटवर्क हों, तो जिन इलाकों में बिजली-पानी नहीं है, वहां भी स्मार्टफोन आ जायेंगे। इसलिए ये टेक्नोलजी की दिक्कत नहीं, टेलिकॉम नेटवर्क की दिक्कत है।