मोदी सरकार के नए ऐक्शन प्लान में 6.5 करोड़ नौकरियां
जीत का परचम फहरा चुके एनडीए के अगुवा नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ तो कल लेने जा रहे हैं लेकिन उनकी सरकारी मशीनरी पहले से ही पूरी तरह एक्शन में आ चुकी है। उसका पहला टारगेट सरकार के आगामी 100 दिन के काम-काज की सफलता है। नए एजेंडे में टॉप पर है किसानों की खुशहाली और नौकरियों की बरसात।
लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद एक ओर जहां कल 30 मई 2019 को भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ओर से नरेंद्र मोदी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में पुनः प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, वही वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2018-19 का पूर्ण बजट बनाने में जुटा हुआ है। सरकार जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में किसानों के लिए कृषि मद में 30 फीसदी ज्यादा धन का आवंटन कर सकती है। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर से शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया जा चुका है। किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का एजेंडा तैयार हो रहा है।
इस बीच मोदी ने सभी मंत्रालयों से नवनिर्वाचित सरकार के अगले 100 दिन के कामकाज का एजेंडा तलब कर लिया है। शपथग्रहण के तुरंत बाद सरकार बिना वक्त गवाएं पहले से तैयार अपने एक्शन प्लान के मुताबिक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के काम में जुट जाना चाहती है। इस बार केंद्र सरकार देश में 6.5 करोड़ नौकरियों के इंतजाम पर भी अपना एक्शन फोकस करने जा रही है।
पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार पर नौकरियां नहीं देने के आरोप लगते रहे हैं। अब नरेंद्र मोदी अपना ध्यान पूरी तर नौकरियों के सृजन पर फोकस करना चाहते हैं। सड़क और रेलमार्गों के निर्माण के साथ ढांचागत विकास पर निवेश से नौकरियों के भारी अवसर पैदा होने की संभावना है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 100 लाख करोड़ रुपए खर्च कर 30 लाख करोड़ की लागत से देश में सड़कों-रेलमार्गों का जाल बिछाने के साथ ही अब नौकरियों की भी बरसात करने वाली है। इसके अलावा आगामी पांच वर्षों के लिए बने नए एक्शन प्लान के तहत सरकार ऊर्जा सेक्टर पर 20 लाख करोड़ रुपए, करोड़ो बेघर लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउंसिग सेक्टर पर 12 लाख करोड़ रुपए, हेल्थ और रक्षा सेक्टर पर कुल 19 लाख करोड़ रुपए, डिजिटल सेक्टर पर 7 लाख करोड़, माइनिंग और मेटल सेक्टर में 5 लाख करोड़, एजुकेशन तथा पर्यटन सेक्टर पर 1-1 लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
मोदी सरकार कल दोबारा सत्तासीन हो जाने के बाद 2018-19 के पूर्ण बजट में अपना ध्यान दीर्घकालिक योजनाओं पर फोकस करने जा रही है। इसके तहत सरकार के एजेंडे में कृषि क्षेत्र, किसान, इंडस्ट्री, एमएसएमई को कर में रियायत, घरेलू बचत, नौकरियों में उछाल, ग्रामीण रोजगार योजना को सबसे ऊपर रखा गया है। सत्ता की बागडोर संभालते ही तीन महीने पर उसके सौ दिन के काम का मूल्यांकन होगा, इसी बात को ध्यान में रखते हुए निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकिंग सेक्टर एवं दिवालिया कानून में बदलाव कर सकते हैं।
बैंकिंग सेक्टर में कई प्रकार के बदलाव हो सकते हैं। जीएसटी दरों में बदलाव किया जा सकता है। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए निर्माण लागत में कमी एवं रोजगार सृजन किए जा सकते हैं। इस दौरान सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों को आपस में जोड़कर पांच बड़े बैंक बनाने की घोषणा के साथ ही इलेक्ट्रिक कार बाजार को बूस्टर करने के लिए इलेक्ट्रिक थ्री व्हीालर पर सब्सिडी दस हजार से बढ़ाकर बीस हजार रुपए कर सकती है। सरकार के नए एक्शन प्लान में भी आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री श्रम मानधन पेंशन योजना, सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी शीर्ष पर रखा गया है।
यह भी पढ़ें: पहली बार वोट देने वाले युवाओं को 'अपनी सरकार' से हैं क्या उम्मीदें