भारत में कोविड-19 के 66,732 नये मामले सामने आने से संक्रमण के मामले 71 लाख के पार पहुंचे
आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 71,20,538 हो गए हैं। एक दिन में संक्रमण के कारण 816 और मौत होने से इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 1,09,150 तक पहुंच गई।
नयी दिल्ली, भारत में कोविड-19 के 66,732 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 71 लाख के पार पहुंच गयी, जबकि बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या 61 लाख हो गई है, जिससे देश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 86.36 प्रतिशत पर पहुंच गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार यह जानकारी सामने आयी है।
सुबह आठ बजे अद्यतन किये गये आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 71,20,538 हो गए हैं। एक दिन में संक्रमण के कारण 816 और मौत होने से इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 1,09,150 तक पहुंच गई।
लगातार चौथे दिन कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या नौ लाख से नीचे रही।
जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 8,61,853 है, जो कि कुल मामलों का 12.10 प्रतिशत है।
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में मृत्यु दर 1.53 प्रतिशत है।
भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। यह 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख और 11 अक्टूबर को 70 लाख की संख्या को पार कर गया।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 11 अक्टूबर तक कुल 8,78,72,093 नमूनों की जांच हो चुकी है। रविवार को 9,94,851 नमूनों की जांच की गई।
देश में हुई 816 मौत में से 309 मौत महाराष्ट्र में हुई, जबकि कर्नाटक में 75, तमिलनाडु में 65, पश्चिम बंगाल में 59, उत्तर प्रदेश में 41, पंजाब में 35, आंध्र प्रदेश में 30 और दिल्ली में 29 मरीजों की मौत हुई है।
देश में अब तक हुई कुल 1,09,150 मौत में से 40,349 महाराष्ट्र में, 10,252 तमिलनाडु में, 9,966 कर्नाटक में, 6,394 उत्तर प्रदेश में, 6,224 आंध्र प्रदेश में, 5,769 दिल्ली में, 5,622 पश्चिम बंगाल में, 3,833 पंजाब में और 3,566 गुजरात में हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौत अन्य बीमारियों के कारण हुईं।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, "हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसांधान परिषद के आँकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।’’
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)