'बनिहाल'... जहां आपको मिले अपना जीवन साथी
एप्पल के पूर्व कर्मचारी ने बनाया गूगल जैसा एलगॉरिद्म
जम्मू और श्रीनगर के बीच स्थित बनिहाल के नाम पर ऑडली का नाम रखा गया, ये एक मैचमेकिंग स्टार्टअप है। जब पूछा गया कि एक मैचमेचिंग स्टार्टअप का नाम एक छोटे से शहर के नाम पर क्यों रखा गया, तो इस पर इशदीप सॉहे का कहना है कि बनिहाल के एक तरफ जहां जम्मू का समतल इलाका है, तो दूसरी तरफ कश्मीर की घाटी। उनका कहना है कि शादी भी कुछ इसी तरह है, एक शख्स बनिहाल जैसी सुरंग से दूसरी तरफ पहुंचता है तो उसकी जिंदगी बिलकुल बदल जाती है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद इशदीप और उपेंदर संदादी ने माइक्रोसॉफ्ट में काम किया। इसी दौरान इशदीप कुछ निवेश करना चाहता था, तभी उसने वॉरेन बफेट का दिया एक भाषण सुना, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी इंसान के लिए सबसे अहम फैसला वो होता है कि वो किससे शादी कर रहा है।
वो कहते हैं, अगर आप इस फैसले के बारे में सोचते हैं, तो इस बारे में कोई भविष्यवाणी कर पाना काफी मुश्किल है कि अगले 60 साल में किसी की जिंदगी कैसी रहेगी, और इसके साथ ही ये भी भविष्यवाणी कर पाना मुश्किल है कि किसी की पत्नी की जिंदगी अगले 60 साल में कैसी रहेगी। ये दोनों ही बातें मिलकर इस बात की भविष्यवाणी करने में और भी मुश्किल कर देती हैं कि किसी जोड़ी की जिंदगी साथ-साथ कैसे गुजरेगी।
वो बताते हैं कि सौभाग्यवश न्यूरोसाइंस में किए गए शोध में पता चला है कि किसी इंसान के फैसला लेने में कौन से कारक होते हैं, जो उसे प्रभावित करते हैं। इसी समय जब उन्होंने एक अच्छी जोड़ी बनाने के लिए एलगॉरिद्म विकसित करने का फैसला किया। इशदीप कहते हैं, “मैं बनिहाल के लिए इस आइडिया पर चिंतन-मनन कर रहा था और लोग कैसे शादी करते हैं इस पर चर्चा के बाद उपेंदर भी मेरे साथ आ गया।”
मास्टर डिग्री के लिए शोधपत्र बनाते समय उन्होंने पहली बार किसी जटिल समस्या का बेहद आसान समाधान तलाशने और सभी जानकारी हासिल करने की चुनौती की खुशी का पहली बार अनुभव किया था। 2003 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में काम करना शुरू किया था और फोन+ नाम का एक आइडिया डेवलप किया, जिसे थिंकवीक के तहत बिल गेट्स के सामने पेश किया गया था। उन्होंने इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया था। माइक्रोसॉफ्ट के बाद इशदीप एप्पल के पहले आईफोन के प्रोजेक्ट के लिए काम किया। एक उद्यमी के तौर पर ये उनका पहला अनुभव था और तब उन्हें पता चला कि वो किसी आइडिया को अंजाम तक भी पहुंचा सकते हैं।
बनिहाल को बनाना
शादी के लिए जीवनसाथी तलाशते समय कई विकल्पों को देखना आम बात है। फैसला लेने के लिए लोग दोस्तों, विज्ञापनों, ऑनलाइन और ऑफलाइन कम्युनिटी की ओर देखते हैं। जो शादी करने वाले होते हैं, आमतौर पर उनका यही जवाब होता है कि वे ऐसे किसी की तलाश में हैं जो उन्हें पसंद होने के साथ ही मेल भी खाते हों।
इशदीप बताते हैं, “हमलोग शादी के लिए ऐसे पांच मेल मुहैया कराते हैं, जिनमें से किसी एक के शादी में तब्दील होने की उम्मीद रहती है। हमारी कोशिश होती है कि हम लोगों को ऐसे लोगों के साथ मिलवाएं, जिनसे मिलने के बाद उन्हें खुशी मिले और उन्हें लगे कि उन्होंने इससे पहले इससे बेहतर इंसान के साथ मुलाकात नहीं की है।”
बनिहाल की ये कोशिश होती है कि वो उसका प्रोग्राम किसी को बिलकुल सही मैच तलाशने में मदद करे। किसी एक उम्मीदवार के लिए बीस के आसपास प्रोफाइल खंगाले जाते हैं जिन्हें देखने के बाद वो उनमें से किसी को पसंद कर सकें। यहां कंप्यूटर प्रोग्राम एक पर्सनल मैचमेकर के तौर पर काम करता है। इशदीप इसे गूगल सर्च से तुलना करते हैं, जहां आपके कीवर्ड सर्च करने के बाद भले ही पांच हजार से ज्यादा विकल्प दिखाई दे, लेकिन आपको शुरू के पांच विकल्पों के बाद अक्सर आगे बढ़ने की जररूत नहीं पड़ती है, क्योंकि आपकी खोज वहीं पूरी हो जाती है।
बनिहाल पर यूजर सिर्फ उससे मेल खाने वाले प्रोफाइल को ही देख सकता है, और उसका अपना प्रोफाइल भी चुने हुए यूजर्स को ही दिखाई देता है। इशदीप ने आगे विस्तार से बताया कि वो किसी प्रोफाइल को किसी दूसरे प्रोफाइल के साथ मेल कराने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान देते हैं। इशदीप के मुताबिक जब हम किसी से मिलते हैं तो हमारे दिमाग में खुद ब खुद उस इंसान को लेकर धारणा बन जाती है। ये धारणा हमारे अनुभवों के साथ हमेशा अपडेट होती रहती हैं।
वो बताते हैं, शादी में एक शख्स सामने वाले से बेहद सामान्य तरीके से जुड़ता है, और अक्सर उसके बारे में सूचनाएं अपडेट होती रहती हैं। सोच का ये मॉडल हर उस शख्स के लिए होता है जो अपना प्रोफाइल पूरा कर रहा होता है। एक यूजर जब-जब इस एप्प को इस्तेमाल करता है, एलगॉरिद्म अपडेट होता रहता है और उसी के आधार पर वो उसके लिए सही मैच की तलाश करता है।
चुनौतियों का सामना
इशदीप के लिए ये अवश्यंभावी था कि एक अच्छी टीम के लिए उन पर माइक्रोसॉफ्ट का असर हो। इशदीप कहते हैं कि करीब-करीब हर हफ्ते उम्मीदवारों का इंटरव्यू कर-करके वो इसकी अहमियत को समझ गए थे। बकौल इशदीप, “किसी भी स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी चुनौती अच्छे लोगों का मिलना होता है, और बनिहाल में हमने इसे सबसे ज्यादा अहमियत दी। मैं 10 साल से इस बात को समझता रहा हूं, पर आज भी मैं ये देखकर हैरान रहता हूं कि कैसे एक अच्छे लोगों की टीम कारोबार को आगे बढ़ाने में असरदार होती है।”
फिलहाल कैलिफोर्निया के रेडवुड सिटी और दिल्ली में संचालित बनिहाल एक ऐसा बीज है जिसे स्टैनफोर्ड के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डॉ डेविड चेरिटन और कुछ एंजेल निवेशकों ने फंड किया है। बनिहाल के बीटा लॉन्च से इसका हजारों यूजर्स हैं।
मैचमेकिंग का कारोबार
आज ऑनलाइन फॉर्म में मैचमेकिंग का कारोबार 30 फीसदी की दर से वृद्धि कर रहा है। सच तो ये है कि पिछले दस साल में इस क्षेत्र की तीन बड़ी वेबसाइट्स शादी, जीवनसाथी और भारत मैट्रिमॉनी ने करीब पचास लाख शादियों को अंजाम दे चुकी हैं। फिलहाल मैचमेकिंग का बाजार करीब 100 मिलियन डॉलर का बताया जाता है जिनमें से 50 फीसदी यूजर्स तो सिर्फ आठ महानगरों से हैं।