पेटेंट के लंबित मामलों के निपटान में तेजी लाएगी सरकार
बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के मामले में लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुये सरकार ने कहा कि अगले 18 महीनों में इनके निपटान में तेजी लाई जायेगी जिससे लंबित आवेदनों की संख्या घटकर अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों के स्तर पर आ जायेगी।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग :डीआईपीपी: सचिव अमिताभ कांत ने यहां स्टार्टअप सम्मेलन में कहा,
‘‘हमारे पास बौद्धिक संपदा अधिकारों :आईपीआर: के भारी संख्या में आवेदन लंबित हैं। हमने हाल ही में 1,000 के करीब पेटेंट परीक्षकों की भर्ती की है। इस काम के लिये हम आईआईटी को भी आउटसोर्स कर रहे हैं।’’
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा,
‘‘18 महीने के भीतर ही हम पेटेंट के लंबित आवेदनों की संख्या को ठीक उसी स्तर पर ले आयेंगे जिस स्तर पर यह अमेरिका और जापान में हैं। एक साल की अवधि में हम ट्रेडमार्क के लंबित आवेदनों की संख्या को शून्य स्तर पर ले आयेंगे।’’
जरूरी कार्यबल की कमी के चलते एक नवंबर 2015 की स्थिति के अनुसार देश में 2.46 लाख पेटेंट आवेदन और 5.32 लाख ट्रेडमार्क पंजीकरण के आवेदन लंबित थे। दूसरी तरफ अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों में इस तरह के लंबित आवेदनों की संख्या काफी कम रहती है।
अमिताभ कांत सम्मेलन में एक सत्र का संचालन कर रहे थे जिसमें आर्थिक मामलों, वित्तीय सेवाओं, एमएसएमई, कापरेरेट कार्य और एचआरडी विभाग सहित विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित थे और सवालों का जवाब दे रहे थे।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम :एमएसएमई: सचिव अनूप के.पुजारी ने कहा कि मंत्रालय का एक पन्ने का नया पंजीकरण फार्म काफी प्रचलित हो गया है। इसे और सरल बनाने के लिये प्रयास जारी हैं। सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के. शिवाजी ने एक सवाल के जवाब में कहा, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक :सिडबी: स्टार्टअप के मामले में काफी सक्रिय है। यह स्टार्टअप शुरू किये जाने और शुरुआती दौर में उसके वित्तपोषण में काफी मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और रिजर्व बैंक की मदद से सिडबी ने जो बड़ी कारवाई शुरू की है, उससे हम 2,000 करोड़ रपये की राशि का ‘भारत आकांक्षा कोष’ शुरू करने में सफल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हम 1,100 करोड़ रपये के लिये प्रतिबद्धता जता चुके हैं और इसमें से अब तक कुल 25 उद्यम कोषों की प्रतिबद्धता के साथ उनकी परियोजनाओं पर काम आगे बढा है।’’ यह पूछे जाने पर कि स्टार्टअप केवल बैंगलूरू और गुड़गांव तक ही सीमित नहीं रहेंगे इनका विसतार अन्य शहरों में भी होगा। मानव संसाधन विकास सचिव वी.एस. ओबरॉय ने कहा उनका मंत्रालय उद्यमियों को इस मामले में पूरा समर्थन, सहयोग और सहायता करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि अगले कुछ महीनों के दौरान इन्हें पूरे देश में फैलाया जाये। इस मामले में मैं मजबूत सहयोग देख रहा हूं और यह सहयोग केवल महानगरों और बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। यह देश के अन्य भागों में भी है और हम वहां भी ध्यान दे रहे हैं।’’