500 करोड़ रुपये का ऋण जुटाने वाली कंपनियों के लिए ई-बुक अनिवार्य
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिवेश बोर्ड(सेबी) ने आज कहा कि एक वित्त वर्ष में निजी नियोजन के ज़रिए 500 करोड़ रुपये या अधिक का ऋण जुटाने वाली कंपनियों के लिए इलेक्ट्रानिक बुक व्यवस्था अनिवार्य है।
इस कदम से निजी नियोजन के आधार पर ऋण प्रतिभूतियों को जारी करने की प्रक्रियाओं को सुसंगत बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे दक्षता बढ़ेगी, मूल्य खोज व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और शेयर बाज़ार में तरलता की स्थिति सुधरेगी।
नियामक ने कहा कि निजी नियोजन के आधार पर 500 करोड़ रुपये या अधिक का ऋण जुटाने पर ई-बुक व्यवस्था एक जुलाई से अनिवार्य होगी।
सेबी ने बार-बार पूछे जाने वाले सवालों के जवाब में कहा कि यदि एक वित्त वर्ष में किसी कंपनी द्वारा कई निर्गम लाए जाते हैं और इनका कुल मूल्य 500 करोड़ रुपये से अधिक हो जाता है, तो कंपनी को इस व्यवस्था का इस्तेमाल करना होगा।
नियामक ने इसके साथ ही कहा कि यह व्यवस्था उन ऋण प्रतिभूतियों के निर्गम के लिए स्वैच्छिक होगी जिसमें सिर्फ एक निवेशक है और जहाँ कूपन की दर निश्चित है। मान्यता प्राप्त शेयर बाजार इलेक्ट्रानिक बुक प्रदाता (ईबीपी) के रूप में काम करने के पात्र हैं। (पीटीआई)