दो युवतियों ने दिया नए कवियों को अभिव्यक्ति का मंच
मन के भाव प्रकट करने जुड़ रहे हैं कई रचनाकार तृप्ति शेट्टी और अंकिता शाह के प्रयास और प्रयोग की खूब हो रही है सराहना
Monday March 16, 2015 , 3 min Read
कविता मन के भावों को प्रकट करने का ऐसा प्रभावशाली माध्यम है जो कम शब्दों में बड़ी से बड़ी बात आसानी से समझाने में कामयाब है। भारत के शहरों में साहित्य, कला व थिएटर का तेजी से विस्तार हो रहा है, यह हमारी संस्कृति के विकास के लिए अच्छा संकेत है।
आपने अक्सर फेसबुक में लोगों को अपनी बात कविता के माध्यम से रखते हुए देखा होगा और कविता पसंद आने पर कई बार लाइक भी दिऐ होंगे। यानी कविता कहना- पढऩा और सुनना-सुनाना लोग बहुत पसंद करते हैं। लोगों की कविताओं में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मुंबई में एक पोइट्री क्लब की शुरुआत की गई है।तृप्ति शेट्टी और अंकिता शाह ने कविताओं को प्रमोट करने के लिए पोइट्री क्लब की शुरुआत की।
तृप्ति और अंकिता की दोस्ती कॉलेज में हुई। अंकिता कॉलेज में डिबेटिंग और लिट्रेचर सोसाइटी की ज्वाइंट सेकेट्री थीं और तृप्ति रोट्रैक्ट क्लब में संपादक के तौर पर कार्य कर रही थीं। जून 2013 में दोनों ने तय किया कि अब समय आ गया है, मिलकर कुछ ऐसा काम करें ताकि कविता पसंद करने वाले लोगों को एक ऐसा मंच मिल सके जहां वे अपनी कविताएं लोगों को सुनाएं और दूसरों की कविताओं का आनंद लें। इसी सोच के साथ द पोयट्री क्लब की स्थापना मुंबई में की गई।
क्लब का उद्देश्य -
क्लब का उद्देश्य कविता के उत्थान और विकास की दिशा में काम करना है। अक्सर देखा जाता है कि जब भी कोई संस्था कविता पाठ आयोजित करती है तो अधिकांश कार्यक्रम प्रतियोगितानुमा होते हैं। लेकिन पोयट्री क्लब में कोई प्रतियोगिता नहीं होती बस कविता सुनी और सुनाई जाती हैं। क्लब कवियों का एक ऐसा समूह बनाना चाहता है जिसमें चाहे कोई नया कवि हो या पुराना कवि सभी साथ मिलकर कविता सुने-सुनाएं। जो जिस भाषा में लिखता है उसी भाषा में अपनी कविता सुनाए। क्लब हर भाषा की कविता को प्रोत्साहित करता है। हर किसी के लिए क्लब में एंट्री फ्री रखी गई है और न ही भविष्य में फीस लेने की कोई योजना है क्योंकि मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को कविताओं से जोडऩा है। हां एक नियम जरूर है कि हर कवि केवल एक ही कविता का पाठ कर सकता है।
क्लब की सफलता के पीछे एक-दो नहीं बल्कि कई लोगों का हाथ है यह सभी की मिलीजुली मेहनत का असर है। पिंट रूम, बांद्रा बिना किसी शुल्क लिए पोयट्री क्लब को मासिक बैठकें करने देता है। दिन-ब-दिन बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अब विभिन्न स्थानों से क्लब को सत्र आयोजित करने के लिए बुलावे भी मिलने लगे हैं। जहां पहले यह आयोजन किसी कैफे, पार्क या फिर किसी मित्र के घर पर आयोजित होते थे वहीं अब परिदृश्य बदल चुका है।
भविष्य की योजनाएं -
भविष्य में पोयट्री क्लब ऐसे इवेंट करवाना चाहता है जहां लोग भी आकर कविताओं को सुनें और आनंद लें। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज में भी कार्यक्रम करने की योजनाएं हैं। फंड के आभाव में पोयट्री क्लब का प्रमोशन केवल सोशल साइट्स पर जैसे फेसबुक, यू-ट्यूब या फिर मेल के माध्यम से ही किया जाता है। जिस रफ्तार से पोयट्री क्लब आगे बढ़ रहा है कोई संदेह नहीं कि आने वाले वर्षों में पूरे देश में हमें कविताओं की गूंज सुनने को मिले।