'MySmartPrice' पर जाएं, रेट कम्पेयर करें, अपनी ज़रूरत की चीज़ खरीदें
एक करोड़ से ज्यादा विजिटर यहां रेट कम्पेयर करते हैं
Wednesday July 08, 2015 , 6 min Read
कम वक्त में ही प्राइम कम्परिजन साइट MySmartPrice ने कैसे अपनी अलग पहचान बनाई, बता रहे हैं कंपनी के मार्केटिंग पीआर हेड श्रीकुमार नायर..
2010 में दो लैपटॉप और दो बेहद ही महत्वाकांक्षी इंजीनियरों द्वारा शुरू की गई माईस्मार्टप्राइस को करीब पांच साल पूरे हो चुके हैं। 2011 में मैंने जब माईस्मार्टप्राइस को इसकी मार्केटिंग टीम के इकलौते सदस्य के तौर पर ज्वाइन किया था, तब इस साइट के पास 20 लाख विजिटर्स के ट्रैफिक के साथ और उम्मीदों वाला एलेक्सा का 500वां रैंक था। करीब साढ़े तीन साल बाद, आज माईस्मार्टप्राइस के पास एक करोड़ यूजर्स हैं और ये सालाना 120 मिलियन डॉलर का कारोबार कर रही है। लेकिन अभी तक हमने कोई टीवी विज्ञापन नहीं किया, या प्रचार के लिए विशाल होर्डिंग नहीं लगाए, न ही नामचीन हस्तियों को इसमें शामिल किया और न ही किसी विवाद से हमारा नाम जुड़ा। यह पद खुद की तारीफ करने के लिए नहीं है, इसका मकसद महत्वाकांक्षी लोगों को उनके कारोबार को जमीन से आसमान तक पहुंचाने में सही सलाह देना है। इनमें से कुछ सलाह आपके कारोबार के लिए ठीक हो सकते हैं, जबकि कुछ नहीं, क्योंकि इंटरनेट की प्रकृति ही ऐसी है।
ए डॉलप ऑफ एसईओ
भारत और विदेशों में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) ने कई वेसबसाइट्स और स्टार्टअप्स के विकास में योगदान दिया है। आज इस टर्म का कम कीमत पर तेज ट्रैफिक देने का वादा करने वाली कंटेंट कंपनियां और कंसल्टेंट गलत इस्तेमाल करने लगे हैं। एसईओ एक कला न होकर एक विज्ञान है और जिसे किसी एजेंसी को सौंपा नहीं जा सकता है और न ही इसे अनिच्छा से घर पर किया जा सकता है। एसईओ के फायदे कई हैं जिन्हें एक ब्लॉग के पोस्ट में शामिल नहीं किया जा सकता है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि सावधानी और निश्चित कोशिश के तहत एसईओ आपकी वेबसाइट को आपके ग्राहक तक जरूर पहुंचा सकता है। अगर आपने अपने कारोबार को लेकर एक ऐसा शब्द तलाश लिया है जो न सिर्फ आपके कारोबार का वर्णन करता है, बल्कि आपके संभावित ग्राहक भी उसी शब्द से आपसे जानकारी हासिल करते हैं, तो समझ लीजिए की आपने अपने प्रतियोगियों से आधी लड़ाई जीत ली जो अपने संभावित ग्राहकों को भरोसे में लेने के लिए पारपंरिक प्रचार पर अरबों रुपये खर्च करते हैं। आप अपनी लड़ाई को बेहद ही सावधानी से चुनें। प्रत्येक वेडिंग फोटोग्राफर के लिए वेडिंग फोटोग्राफर के तौर पर नाम कमाना संभव नहीं है। लेकिन हो सकता है कि आप ‘कैंडिड फोटोग्राफर’ या ‘वेडिंग फोटोग्राफर इन बैंगलोर’ जैसा कोई नाम हासिल कर लें। यहां आपको एक चेतावनी देता हूं, एसईओ बनना या करना एक लगातार कोशिश करने वाला काम है, और कई बार ये उद्यमियों के लिए काफी मुश्किल भरा विकल्प भी होता है। अपनी खास प्रकृति की वजह से एसईओ कई बार काफी परेशान करने वाला भी हो जाता है। आप एसईओ को लेकर इस तरह की उम्मीद बिलकुल भी न पालें कि ये आपके हर काम के लिए एकमात्र विकल्प है या ये आपके ट्रैफिक के तेजी से विकास करने का एक माध्यम है।
समाज की एक पहचान
एक जुबान से दूसरी जुबान या फिर बात तेजी से फैलना अक्सर आपके ग्राहक आधार को बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। आपके उत्पाद को लेकर अनुभव साझा करना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यूजर्स को ट्विटर और फेसबुक पर उनकी राय के जरिए उत्पाद पर चर्चा करवाना भी जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि ग्राहक अपने जो अनुभव साझा करें वो अच्छे और उपयोगी हों। अच्छी कंपनियां विज्ञापन के बजाए जुबान से जुबान के जरिए अपने ब्रांड को बनाना पसंद करती हैं। ट्विटर पर आप अपने ग्राहकों के साथ चर्चा करने के लिए दोस्ताना और अनौपचारिक तरीका अपनाकर ये सुनिश्चित करें कि यूजर्स को उनके सभी सवालों के जवाब ठीक-ठीक मिल जाएं। अपने यूजर्स को आपके ब्रांड के प्रोडक्ट्स के अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने के बाद आप उन्हें अपनी कहानी सुनाएं। ऐसा करना फेसबुक पर एड कैंपेन चलाने जैसा अहम है।
PR to taste
अखबारों, ब्लॉग्स और खबरों के दूसरे माध्यमों के जरिए जन-संपर्क बनाना आपके अपने कारोबार के प्रति भरोसा बनाने का अभिन्न हिस्सा है। अगर आपका कोई संभावित ग्राहक आपका नाम या आपके प्रोडक्ट का नाम किसी पत्रिका, या अखबार के लेख या फिर ब्लॉग पर पढ़ा होगा, तो इसकी उम्मीद बेहद कम है कि वो आपके साथ कारोबार करने का विरोध करेगा। जन-संपर्क सिर्फ एक एजेंसी के भरोसे पूरा कर पाना मुश्किल काम है और इसके लिए कंपनी को भी अपनी ओर से कोशिश करनी चाहिए। ये अपने बारे में प्रचलित कहानी से एक बेहतर कहानी बनाने जैसा है। हालांकि एक अच्छी कहानी बनाना काफी मुश्किल है। हर कोई विवाद पर निर्भर नहीं रह सकता है। प्रत्येक कंपनी को भारी मात्रा में फंडिंग नहीं मिल सकता है और शायद, प्रत्येक कंपनी को ऐसे संस्थापक नहीं मिल सकते, जो अखबारों में बेहतर दिखते हों। ऐसे में ये महत्वपूर्ण है कि आप अपनी कंपनी के बारे में डाटा के जरिए, अपने प्रोडक्ट के जरिए या फिर कारोबार में हो रहे नए आविष्कारों के जरिए अच्छी-अच्छी कहानियां बताएं। ये काम हर क्षेत्र में होना चाहिए, चाहे वो मार्केटिंग हो, प्रोडक्ट मैनेजमेंट हो या फिर रोज-मर्रा का संचालन।
अपनी रणनीति खुद बनाएं
आज के प्रतियोगी बाजार में, हर किसी के लिए एक ही रणनीति कामयाबी हासिल नहीं करा सकती है। सबसे ज्यादा अहम ये है कि आप अपनी क्षमता पर ध्यान केंद्रित करें और अपने ग्राहकों को खास तरीके से अपील करें। कोई एक कंपनी मजबूत एसईओ के सहारे आगे बढ़ती और सावधानी व लंबे समय के लिए बनाई गई रणणीति के जरिए विजिटर्स हासिल करती है, जबकि कोई दूसरी कंपनी ज्यादा सामाजिक होकर ज्यादा कामयाब हो जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी कंपनी पेड विज्ञापनों के बजाए अखबारों की सुर्खियों में ज्यादा रहती है। मतलब साफ है कि हर किसी के लिए एक ही रणनीति कामयाबी का फॉर्मूला नहीं हो सकता है। सच तो ये है कि ज्यादातर कंपनियों को एक ऐसा तरीका तलाशना होगा जो उस कंपनी के लिए सही हो। ये इन सभी तीनों का अलग-अलग अनुपात में समावेश से हो सकता है। उम्मीद करते हैं कि आप भी अपनी कामयाबी का कोई मंत्र तलाश ही लेंगे।