इंडियन एयरफोर्स को मिली एक और महिला फाइटर पायलट, जाने कौन हैं मेघना शॉनबाग
मिलें इंडियन एयरफोर्स की छठवीं महिला फाइटर पायलट से...
अपनी युवावस्था से ही ऐक्टिव और एडवेंचरस रहने वाली मेघना शनिवार को इंडियन एयरफोर्स के ट्रेनिंग सेंटर से फ्लाइंग ऑफिसर बनकर ग्रैजुएट हुईं। वह इंडियन एयरफोर्स की छठवीं महिला फाइटर पायलट हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी वह इस क्षेत्र में नौकरी नहीं करना चाहती थीं। उनकी तमन्ना हवाओं में उड़ने की थी इसलिए उन्होंने एयरफोर्स की तैयारी शुरू कर दी। मेघना का सेलेक्शन हो गया और उन्होंने एयरफोर्स अकैडमी डुंडीगल से ट्रेनिंग हासिल की।
अक्सर मिडल क्लास फैमिली के बच्चों पर डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना थोप दिया जाता है। भले ही उनकी हसरत जिंदगी में कुछ और करने की हो। लेकिन मेघना शॉनबाग कभी इन मिडल क्लास सपनों के पीछे नहीं दौड़ीं। क्योंकि उन्हें तो जिंदगी में उत्साही काम पसंद थे। अपनी युवावस्था से ही ऐक्टिव और एडवेंचरस रहने वाली मेघना शनिवार को इंडियन एयरफोर्स के ट्रेनिंग सेंटर से फ्लाइंग ऑफिसर बनकर ग्रैजुएट हुईं। वह इंडियन एयरफोर्स की छठवीं स्त्री फाइटर पायलट हैं।
मेघना कर्नाटक ही नहीं पूरे दक्षिण भारत की ऐसी पहली स्त्री हैं। उनका जन्म चिकमंगलूरु में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उडुपी के एक बोर्डिंग स्कूल में हासिल की। स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने श्री जयचमराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मैसूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी वह इस क्षेत्र में नौकरी नहीं करना चाहती थीं। उनकी तमन्ना हवाओं में उड़ने की थी इसलिए उन्होंने एयरफोर्स की तैयारी शुरू कर दी। मेघना का सेलेक्शन हो गया और उन्होंने एयरफोर्स अकैडमी डुंडीगल से ट्रेनिंग हासिल की।
मेघना को किरण एमकेआई एयरक्राफ्ट और पिलाटस बेसिक ट्रेनर विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई है अब उन्हें एडवांस ट्रेनिंग के लिए बीदर भेजा गया है जहां वे हॉक उड़ाने का प्रशिक्षण हासिल करेंगी। मेघना ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, 'मुझे हमेशा से एडवेंचर्स पसंद थे। मैंने काफी माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइंबिंग और राफ्टिंग की है। लेकिन एयरफोर्स में जाने का फैसला मैंने पैराग्लाइडिंग के दौरान किया। वहां मुझे फोर्स के कई लोग मिले और उनकी जिंदगी ने मुझे ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। '
हालांकि फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए पहले स्त्रियों को नहीं हायर किया जाता था। लेकिन एक फैसले के बाद तीन स्त्रियों को ट्रेनिंग दी गई। उनसे भी मेघना को प्रेरणा मिली। वह कहती हैं, 'जब मुझे पता चला कि मैं फाइटर प्लेन उड़ा सकती हूं तब से मैंने ख्वाब बुनने शुरू कर दिए थे।' मेघना ने बताया कि एयरफोर्स का पुराना विमान किरण उड़ाना उनके लिए सबसे चुनौती भरा रहा। इसके बाद उन्हें हॉक उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके बाद वे सीधे फाइटर प्लेन में बैठेंगी। उन्हें मिराज और मिग विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि मेघना की तमन्ना राफेल विमान उड़ाने की है।
भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहली बार 18 जून 2017 को डुंडीगल वायुसेना अकादमी में लड़ाकू विमान पायलट के रूप में तीन महिला अधिकारियों को वायुसेना में शामिल किया गया था। लड़ाकू विमान पायलटों के रूप में भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी को शामिल किया गया था।
यह भी पढ़ें: भारत की हार्डवेयर मैनुफ़ैक्चरिंग इंडस्ट्री को सशक्त बनाने की जुगत में लगा कोलकाता का यह स्टार्टअप