आग लगने की घटनाओं पर सरकार ने Ola, Okinawa व अन्य को भेजा कारण बताओ नोटिस
कारण बताओ नोटिस में सरकार ने कंपनियों से पूछा है कि आम लोगों को खराब गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की डिलीवरी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए.
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में आग लगने की घटनाओं को लेकर जांच के आदेश देने के बाद सरकार ने अब ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर ईवी समेत अन्य ईवी निर्माता कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कारण बताओ नोटिस में सरकार ने कंपनियों से पूछा है कि आम लोगों को खराब गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की डिलीवरी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए.
सूत्रों का कहना है कि ईवी निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस पर जुलाई के अंत तक जवाब देने के लिए कहा गया है. कंपनियों का जवाब मिलने के बाद सरकार तय करेगी कि इन ईवी निर्माताओं के खिलाफ कौन सी कार्रवाई की जाए.
इससे पहले पिछले महीने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्श अथॉरिटी (CCPA) ने अप्रैल में उनके ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं को लेकर प्योर ईवी और बूम मोटर्स को नोटिस भेजा था.
वहीं, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भी अपनी तरफ से भेजे गए कारण बताओ नोटिसों पर ईवी निर्माताओं के जवाबों का इंतजार कर रहा है.
बता दें कि, दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मामलों की जांच करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी शुरुआती जांच में पाया है कि आग लगने की कई घटनाओं में शामिल दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में सामान्य सुरक्षा तंत्र भी मौजूद नहीं है. उसने उनकी बैटरी सेल्स या उनकी डिजाइन में भी गंभीर खामियां पाईं.
वहीं, इससे पहले दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मामलों की जांच करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को कहा था. उसने भी दो पहिया ईवी की बैटरियों में गंभीर खामियां पाई थीं.
अब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स(BIS) ने देश में ईवी में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ग्राहकों की सुरक्षा के लिए लिथियम-आयन बैटरियों के इस्तेमाल के लिए मानक में बदल दिए हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने पहले ही गलती पाए जाने पर ईवी निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.