ऊबर के सीईओ ट्रैविस कैलानिक से जानिए सफल उद्यमी बनने के 9 नुस्खे
वो आए, उन्होंने देखा और वो ऊबर कर गए. दिल्ली में भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल समारोह में ऊबर के सीईओ ट्रैविस कैलानिक का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत हुआ. वे इस समारोह में ‘ए गीक गाइड टू बिकमिंग एन आंत्रेप्रेन्योर’ टॉक में बोलने के लिए पहुंचे.
केवल 20 मिनट में सभाघर में बैठे ज्यादातर स्थानीय उद्यिमयों को ऊबर के सफर पर ले गए. ऊबर के शुरुआती दिनों से लेकर गीक साख की स्थापना और दर्शकों को यह दिखाया कि कैसे एक चैंपियन की मानसिकता विकसित की जा सकती है. कहानी सुनानी की जादुई कला का बखूबी इस्तेमाल करते हुए कैलानिक ने हर किसी के दिमाग में एक भी संदेह नहीं छोड़ा जो कि एक उद्यमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है ‘सबसे पहले सफर का आनंद लेना.’ कैलिनक के सत्र की कुछ अहम बातें
1. एक अच्छा गीक बने ( गीकः वह है जो सिर्फ विज्ञान या फिर कंप्यूटर में दिलचस्पी लेता है)
ट्रैविस ने अपने प्रेजेंटेशन की शुरुआत ऐसी तस्वीर के साथ की जिसमें एक शिशु कंप्यूटर के सामने बैठा है. इस तस्वीर का उल्लेख करते हुए और अपने बचपन के बारे में बात करते हुए ट्रैविस ने मजाक किया, ‘मैं बचपन से ही कंप्यूटर में दिलचस्पी लेता था और कम उम्र में ही कोडिंग करने लगा. मेरे पिता सिविल इंजीनियर थे. मेरे लिए गीक की तरह बड़ा होना आसान नहीं था.’
2. ऐसी चीज खोजें जिसको लेकर आप भावुक होते हैं.
ऊबर की स्थापना के बारे में बात करते हुए ट्रैविस ने कहा,‘हम पैरिस में यात्रा करना चाह रहे थे लेकिन हमें टैक्सी नहीं मिली.’तो उन्होंने वहां एक बड़ा बाजार देखा जो कि लंबे समय से बदला नहीं था. न्यूयॉर्क में भी उतनी ही संख्या की टैक्सी को 60 सालों से लाइसेंस मिला हुआ था. कैब मालिकों ने लॉबी करते हुए कृत्रिम कमी का निर्माण किया. चीजें इतनी खराब हो गई कि कोई और इस बिजनेस में नहीं आ पाया. ड्राइवर को एक दिन टैक्सी चलाने के लिए 150 डॉलर देने पड़ते थे तब जाकर उसे टैक्सी चलाने के लिए लाइसेंस मिलता और वह टैक्सी चला पाता. इस व्यवस्था की वजह से टैक्सी ड्राइवर और ग्राहकों को समस्या हो रही थी. ड्राइवर रोजी कमाना चाहता था और ग्राहक कम से कम समय में एक जगह से दूसरी जगह जाना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था. और इस प्रकार से ऊबर आया जो कि ड्राइवर के साथ साथ ग्राहक के लिए चीजें आसान बनाना चाहता था.
3. समस्या कितनी भी खराब हो आप ही सुलझाएंगे?
ऊबर में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए ट्रैविस ने यह बात साझा कीं, ‘मैं ऊबर में प्रॉब्लम सॉल्वर इन चीफ हूं. उसी तरह से जैसे गणित के प्रोफेसर जटिल गणित सुलझाने का मजा लेते हैं हम भी उसी तरह से समस्या को सुलझाने की चाह रख रहे थे.’
उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि कैसे ऊबर हीट मैप्स का इस्तेमाल करता है, जो कि कारों को ट्रैक और राइडर पैटर्न की भविष्यवाणी करता है ताकि कैब ड्राइवर को सही समय पर सही जगह पहुंचाने में मदद मिल सके. उन्होंने बताया, ‘यूजर्स को सहज अनुभव देने के लिए हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि मांग कितनी है और ग्राहक कब टैक्सी की तलाश कर रहे हैं. ये सब 15 मिनट पहले होना चाहिए. इस कारण हम आगमन समय की उम्मीद को कम से कम स्तर पर ले जा सकेंगे.’ ऊबर ने मांग और आपूर्ति की समस्या को दूर करने के लिए मूल्य में भारी उछाल का इस्तेमाल किया जिससे ज्यादा मांग के समय में पर्याप्त मात्रा में टैक्सी मौजूद रहे. ट्रैविस को लगता है, ‘आप अच्छे उद्यमी नहीं हो सकते हैं जब आप एक समस्या को सुलझाने के बाद संतुष्ट हो जाए. हमेशा बड़ी चुनौतियां होती हैं. उद्योग में अगली चुनौती हम और अन्य कंपनियां लेने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे गूगल और टेस्ला बिना ड्राइवर वाली कार की समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रही है.
4. एनालिटिकल और क्रिएटिव बने
क्रिएटिविटी के बिना कंप्यूटिंग का कोई मायना नहीं. “रचनात्मकता बुद्धि का आनंद है” –अलबर्ट एनस्टाइन. ट्रैविस का मानना है कि जादू तब होता है जब आप रचनात्मकता के साथ विश्लेषणात्मक क्षमता को मिलाते हैं. वे कहते हैं. कंप्यूटर कुछ भी गणना कर सकता है. लेकिन रचनात्मकता के बिना उनके द्वारा किया गणना कोई मायने नहीं रखता. जब दोनों साथ आते हैं तब आनंद आता है और वह गेम चेंजर साबित हो सकता है. ऊबर में कुछ रचनात्मक पहल के बारे में बात करते हुए ट्रैविस ने ऊबर आइस क्रीम का उदाहरण दिया जहां उन्होंने आइस क्रीम की डिलवरी ड्रोन के माध्यम और ऊबर चॉपर से की. फादर्स डे के मौके पर कंपनी ने हेलीकॉप्टर उड़ान मुहैया कराया.
5. धारणा और हकीकत के बीच का फर्क जानें.
वे कहते हैं, ‘धारणा और हकीकत के बीच हमेशा एक बड़ा अंतर होता है और वही अंतर इनोवेटर्स के लिए खेल का मैदान होता है. जहां पर जादू होता है.’ट्रैविस मानते हैं कि जो भीड़ का पीछा करता है वह कभी भीड़ के आगे नहीं बढ़ सकता और जो अपना इलाका बनाता है वही कुछ अलग करने का मौका रखता है. वे मजाक में कहते हैं, ‘ऐसी चीजें करो जो एकदम विपरीत हो. लचीला बनिए चाहे लोग समझे कि आप पागल हैं. जब आप धारणा और हकीकत के बीच के अंतर को देखेंगे तब आप सही होंगे, नहीं तो चीजें उलटी पड़ जाएंगी.’महान उद्यमी जोखिम को समझने और उन्हें कम करने में महान होते हैं. तो जब कभी दुनिया नाइग्रा फॉल्स पर रस्सी पर चलने जितना जोखिम को देखती है, उद्यमी नामुमकिन को हासिल कर लेते हैं क्योंकि उन्होंने विशेष कौशल को निखारा है.
6. जादू
ट्रैविस ने कहा, ‘सही लोगों को नौकरी पर रखें. भविष्य को देखें और अपनी टीम को रोमांचित करें. स्टीव जॉब्स के पास आईफोन का पेटेंट था और उन्होंने स्मार्टफोन का भविष्य तब देखा जब किसी ने भी नहीं देखा था.’ जादू करने का सबसे अच्छा तरीका है लोगों को आनंद देना या फिर उन्हें पैसे देना, उनकी मदद पैसे बचाने में करना या फिर उनके पैसे को सही मूल्य देना.
7. अपनी कहानी अच्छे से कहना सीखे
हालांकि एक कंपनी को तकनीक और अपने उत्पाद पर ध्यान देना चाहिए. ग्राहक से जुड़ाव को बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है धकेलना सीखना और अच्छी कहानी बताना. इसके बाद ट्रैविस ने एक वीडियो चलाया. जिसमें एक टैक्सी ड्राइवर की नजरों से दुनिया को दिखाया गया. जिसमें रोजमर्रा के नजारे और चमत्कार शामिल थे.
8. रोमांच
ट्रैविस का मानना है कि नामुमकिन करना ही उद्यमिता है. उन्होंने अपने पूर्व के स्टार्टअप का उदाहरण पेश किया. जहां वे और उनके सहयोगी वरकला, तिरुवनंतपुरम के लिए निकल पड़े. वहां रूम बुक करके कुछ हफ्तों तक समुद्र के तटों पर समय बिताया. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने ऐसा क्यों किया. वे कहते हैं, ‘हम ऐसा कर सकते थे. दुनिया वैश्विक हो रही है. तटीय इलाका, बीजिंग और बैंगलोर. एक्शन यहीं है.’साहस के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि ऊबर ने चीन में घुसकर नामुमकिन करने की कोशिश की. एक ऐसा बाजार जहां कोई भी विदेशी कंपनी पैर जमा नहीं पाया. उन्होंने भारतीय आंत्रेप्रेन्योर्स के लिए इन शब्दों में सुझाव दिए, ‘यह केवल आपके शहर या फिर देश के निर्माण के बारे में नहीं लेकिन यह समय है जब इनोवेशन वैश्विक होने जा रहा है.
9. एक चैंपियन की मानसिकता
ट्रैविस ने आंत्रेप्रेन्योर्स से कहा कि वे जो भी कुछ करते हैं उसमें सबकुछ लगा दें. कुछ भी कमी की और वे असफल हो जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘आपके पास जो कुछ भी उसे लगा दें. अगर आपके पास ऊर्जा होगी और आप असफल हो जाएंगे. और आप बार बार ठोकर खाकर गिर जाएंगे और उठ जाएंगे तो यह नामुमकिन है कि आप असफल होंगे.’