मिलिए उस भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम से जिसने फ्रेंडशिप कप में पाकिस्तान को हराया
अभी भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को एशिया कप में बुरी तरह से हराया, लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने भी कुछ ऐसा ही करिश्मा किया। यह टीम यूएई में तीन मैचों की सीरीज खेल रही है।
हालांकि इस टीम को कहीं से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिलती और वे अपनी खुद की व्यवस्था पर क्रिकेट खेलने जाते हैं। प्रदीप ने एक बार सचिन तेंदुलकर से संपर्क किया था जिन्होंने बांग्लादेश दौरे के लिए इस टीम को 5 लाख रुपयों की आर्थिक सहायता की थी।
वैसे तो भारतीय क्रिकेट टीम जब भी मैदान पर खेलने उतरती है तो क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें टीवी से हटतीं नहीं, लेकिन अगर विपक्षी टीम पाकिस्तान हो तो मैच का मजा दोगुना हो जाता है। अभी भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को एशिया कप में बुरी तरह से हराया, लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने भी कुछ ऐसा ही करिश्मा किया। यह टीम यूएई में तीन मैचों की सीरीज खेल रही है।
भारतीय टीम की तरफ से कप्तान सोमजीत सिंह के नेतृत्व में 20 ओवर में 181 रनों का स्कोर खड़ा किया वहीं पाकिस्तान टीम ने भारतीय गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए और 16 ओवर में ही 92 रन पर सिमट गए। इस तरह से भारत ने 89 रनों के विशाल अंतर से यह मैच अपने नाम कर लिया। अभी इस फ्रेंडशिप कप के दो मैच खेले जाने शेष हैं। लेकिन इस जीत से भारत ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
इसके साथ ही पहली बार भारत व्हीलचेयर एशिया कप की मेजबानी करेगा। यह आयोजन भारत में अक्टूबर में होगा। व्हीलचेयर एशिया क्रिकेट कप का आयोजन एशियन व्हीलचेयर क्रिकेटिंग असोसिएशन द्वारा किया जाता है। बीते वर्ष नवंबर में बांग्लादेश में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया था कि आगामी एशिया कप भारत में होगा। हालांकि भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। 2011 में इसकी शुरुआत हुई थी। अंतरराष्ट्रीय पैराएथलीट और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रदीप राज ने भारत में व्हीलचेयर क्रिकेट की नींव रखी थी।
दरअसल प्रदीप एक बार दक्षिण कोरिया गए थे जहां उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान की व्हीलचेयर क्रिकेट टीमों से मुलाकात की थी। इससे उनके मन में भारत में भी ऐसी ही क्रिकेट टीम बनाने का आइडिया आया। प्रदीप को लगा कि इससे पैराएथलीट्स को क्रिकेट खेलने का तो मौका मिलेगा ही साथ ही वे देश का प्रतिनिधित्व भी कर पाएंगे। हालांकि इस टीम को कहीं से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिलती और वे अपनी खुद की व्यवस्था पर क्रिकेट खेलने जाते हैं। प्रदीप ने एक बार सचिन तेंदुलकर से संपर्क किया था जिन्होंने बांग्लादेश दौरे के लिए इस टीम को 5 लाख रुपयों की आर्थिक सहायता की थी।
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