उधार के पैसों से हॉस्टल की फीस भरने वाली एथलीट सीमा ने बनाया नया रिकॉर्ड
जब सिर पर कुछ कर गुजरने का जुनून सवार हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल आसान हो जाती है...
इसी साल की शुरुआत में सीमा ने यूथ नेशनल में तीन हजार मीटर दौड़ में नौ मिनट, 56 सेकंड का रिकार्ड बनाते हुए यूथ एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए कांस्य पदक जीता था।
परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद सीमा की मां केसरी देवी ने हार नहीं मानी और बेटी के जुनून और प्रतिभा को देखते हुए उसे साई हॉस्टल धर्मशाला भेजा।
सीमा ने भी उधार के इन पैसों की अहमियत समझी और अपनी मेहनत के बलबूते पदक लाकर खुद को साबित भी कर दिया। सीमा ने दो साल पहले ही हॉस्टल में प्रवेश लिया था लेकिन वह लगातार रिकॉर्ड बनाते जा रही हैं।
जब सिर पर कुछ कर गुजरने का जुनून सवार हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल आसान हो जाती है। हिमाचल के धर्मशाला की रहने वाली एथलीट सीमा कुमारी की कहानी कुछ ऐसी ही है। आभावों में जीवन गुजारने वाली सीमा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 16 से 20 नवंबर तक हुई 33वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्टस चैंपियनशिप में रिकॉर्ड अपने नाम किया है। सीमा ने तीन हजार मीटर दौड़ 9 मिनट 50 सेकंड में पूरी कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। इसके पहले वह बैंकॉक में आयोजिक हुई अंडर-18 यूथ एशियन गेम्स में मध्यम दूरी की दौड़ में कांस्य पदक जीता था।
लगातार सफलता की इबारत लिखने वाली चंबा जिले की सीमा की कहानी संघर्षों से भरी रही है। उनके पिता बजीरू राम की काफी पहले मौत हो चुकी है। जिसकी वजह से उनके परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा। घर की स्थिति को संभालने के लिए उनके भाई ने भेड़ पालन का काम शुरू कर दिया। वहीं बाकी दो भाई मजदूरी करते हैं। उनके परिवार में सीमा के अलावा अन्य दो बहनें भी हैं जिनकी शादी हो चुकी है। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद सीमा की मां केसरी देवी ने हार नहीं मानी और बेटी के जुनून और प्रतिभा को देखते हुए उसे साई हॉस्टल धर्मशाला भेजा।
हॉस्टल भेजने के लिए सीमा की मां के पास पैसे नहीं थे। लेकिन रिश्तेदारों ने उनकी मदद की तब जाकर कहीं उन्हें साई हॉस्टल में प्रवेश मिल सका। सीमा ने भी उधार के इन पैसों की अहमियत समझी और अपनी मेहनत के बलबूते पदक लाकर खुद को साबित भी कर दिया। सीमा ने दो साल पहले ही हॉस्टल में प्रवेश लिया था लेकिन वह लगातार रिकॉर्ड बनाते जा रही हैं। उन्होंने पिछले दिनों तीन हजार मीटर का नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर बैंकॉक में यूथ एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व प्राप्त करने का अवसर हासिल किया।
धर्मशाला साई हॉस्टल की सीमा ने भविष्य की चैंपियन होने का संकेत दे दिया है। इस एथलीट के नाम अंडर-16 आयु वर्ग की दो हजार मीटर दौड़ का रिकार्ड दर्ज है। इसी साल की शुरुआत में यूथ नेशनल में तीन हजार मीटर दौड़ में नौ मिनट, 56 सेकंड का रिकार्ड बनाते हुए यूथ एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए कांस्य पदक जीता था। इसी माह संपन्न हुई जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सीमा ने तीन हजार मीटर की दौड़ को अंडर-18 आयु वर्ग में नौ मिनट, 50 सेकंड में जीत कर नया राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया है।
हॉस्टल के एथलेटिक्स कोच केयर सिंह पटियाल ने बताते हैं कि होनहार धावक सीमा ने तीन हजार मीटर की दौड़ 10.05 मिनट में पूरी की थी जबकि पहले स्थान पर रही कोरिया की धाविका ने यह दौड़ 10.00 मिनट में पूरी की थी। सीमा ने इससे पहले तमिलनाडु में नवंबर 2016 में आयोजित अंडर-16 वर्ग की दो हजार मीटर दौड़ 6 मिनट 27 सेकंड 13 मिली सेकंड में पूरी कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। सीमा की जीत का सिलसिला लगातार जारी है औऱ आने वाले समय में वह बड़े आयोजनों में देश को मेडल दिला सकती हैं।
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