बेंगलुरु में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाली महिलाओं के लिए उजाला करना चाहता है एक व्यक्ति
आकर्ष बेंगलुरु में सड़क पर दुकान लगाने वाली महिलाओं के लिए मदद करना चाहते हैं। उन्होंने इस दिवाली पर मंजुला और बाकी सभी दुकानदारों के लिए सोलर लैंप उपलब्ध करवाने के बारे में सोचा है।
आकर्ष का कहना है कि ये हमारे लिए ताजे सामान की व्यवस्था करती हैं इनके लिए इतना तो करना ही पड़ेगा। आकर्ष यह काम दान के जरिए करने जा रहे हैं। उन्हें इस काम के लिए कई लोगों ने दान दे भी दिया है।
पेशे से आर्किटेक्चर और अर्बन मैनेजमेंट और डेवलपमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई करने वाले आकर्ष ने नीदरलैंड में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काफी काम भी किया है।
बेंगलुरु में जयनगर इलाके में 9th ब्लॉक के पास मंजुला देवी हर रोज अपना ठेला लगाती हैं। वह यहीं पर पैदा हुईं और यहीं पली बढ़ीं। अब वे हर रोज तड़के सुबह 3 बजे उठती हैं और 7 बजे तक उनकी दुकान सज जाती है। वे रात 10 बजे तक अपनी दुकान पर ही रहती हैं। लेकिन यहां पर रात में लाइट की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है और हर रोज 500 से 1000 रुपये का नुकसान भी होता है। इस कारण उन्हें और बाकी सड़क पर दुकान लगाने वाले लोगों को अपने घर से गैस वाली लानटेन लानी पड़ी। इसके लिए भी उन्हें हर सप्ताह 250 रुपये देने पड़ते हैं। अगर ये खराब हो जाएं तो उन्हें 100 रुपये एक्स्ट्रा खर्च करने पड़ते हैं।
बेंगलुरु की इन दुकानदार महिलाओं की मदद करने के लिए आकर्ष शामनुर आगे आए हैं। पेशे से आर्किटेक्चर और अर्बन मैनेजमेंट और डेवलपमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई करने वाले आकर्ष ने नीदरलैंड में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काफी काम भी किया है। अब वे इंडिया में रहकर ही यहां के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। वह बेंगलुरु में सड़क पर दुकान लगाने वाली महिलाओं के लिए मदद करना चाहते हैं। उन्होंने इस दिवाली पर मंजुला और बाकी सभी दुकानदारों के लिए सोलर लैंप उपलब्ध करवाने के बारे में सोचा है। आकर्ष की पहल से इन महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आने वाला है।
आकर्ष ने अपने क्राउडफंडिंग पेज पर कहा, 'मैं बेंगलुरु में फेडरेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर एसोसिएशन यूनियन्स के साथ मिलकर यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि किस-किस इलाके में ऐसी महिला दुकानदार हैं जिन्हें सोलर लैंप की जरूरत है। मैं 100 महिलाओं को चुनूंगा और आपके सहयोग से उन्हें सोलर लैंप की व्यवस्था करवाऊंगा।' उन्होंने बताया कि सोलर लाइट के माध्यम से प्रदूषण रहित प्रकाश की व्यवस्था हो जाएगी और इससे उन तमाम गरीब महिलाओं को फायदा होगा जो प्रकाश के आभाव में अपनी दुकान जल्दी बंद कर देती हैं या जिन्हें इसकी वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। लाइट के साथ उन्हें इससे मोबाइल चार्जिंग की सुविधा भी मिल जाएगी।
खास बात यह है कि इन पोर्टेबल लाइटों को आकर्ष ने महिलाओं के सुझाव से खुद ही डिजाइन किया है। जिन महिलाओं के लिए सोलर लाइटों की व्यवस्था की जा रही है उनमें से फल, सब्जी और फूल की दुकान लगाने वाली औरतें शामिल हैं। आकर्ष का कहना है कि ये हमारे लिए ताजे सामान की व्यवस्था करती हैं इनके लिए इतना तो करना ही पड़ेगा। आकर्ष ने यह सारा काम दान के जरिए करने के लिए सोचा है। उन्हें इस काम के लिए कई लोगों ने दान दे भी दिया है। अगर आप भी उन्हें कुछ सहयोग करना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें।
यह भी पढ़ें: हिंदू कैंसर मरीज के लिए पैसे जुटाने के लिए नहीं निकाला बंगाल के मुस्लिमों ने मुहर्रम जुलूस