दुनिया के सबसे आलसी देशों में भारत
नेचर जर्नल में छपी रिपोर्ट से साफ है कि युवाओं के देश भारत को अपनी आलसी प्रवृत्तियों का त्याग करना होगा। भारत में पुरुष जहां औसतन 4606 कदम चलते हैं, तो वहीं महिलाएं 3684 कदम चलती हैं। विशेषज्ञों और डायटिशन के अनुसार फिट रहने के लिए प्रतिदिन 10 हजार कदम चलना जरुरी है। लोगों को लगता है कि सुबह एक घंटे की वॉकिंग से एक्सरसाइज़ पूरी हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है, पूरा दिन ऐक्टिव रहना जरुरी है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए सर्वे में रिसर्चर्स ने 46 देशों के 7 लाख लोगों पर सर्वे किया। इस रिसर्च में लोगों के स्मार्टफोन में इन्सटॉल स्टेप काउन्टर्स की मदद से लोगों की वॉकिंग ऐक्टिविटी को ट्रैक किया गया।
शारीरिक गतिविधियां घटने से होने वाली बीमारियों के कारण विश्व में सालाना 53 लाख लोगों की मौत होती है। ऐसे में लोगों को शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने की सलाह दी गई है। इस सर्वे में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जिनकी मदद से मोटापा दूर करने में मदद मिल सकती है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के ताजा शोध के मुताबिक भारतीय वैश्विक औसत से अधिक आलसी हैं। भारतीय रोजाना वैश्विक औसत से भी कम चलते हैं। यह शोध लोगों के स्मार्टफोन में मौजूद अर्गस नामक ऐप से प्राप्त डाटा की मदद से किया गया है। नेचर जर्नल द्वारा किए गए शोध को इस विषय का सबसे बड़ा शोध बताया जा रहा है। नेचर जर्नल में छपी इस रिपोर्ट से साफ है कि युवाओं के देश भारत को अपनी आलसी प्रवृत्तियों का त्याग करना होगा। अगर हम सुबह की सैर या शारीरिक श्रम से तौबा करेंगे तो वो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर नुकसानदेह होगा, बल्कि भारत के आर्थिक विकास पर भी असर पड़ेगा। भारत इन देशों में 39वीं रैंकिंग पर है। यहां पर लोग औसतन एक दिन में 4297 कदम चलते हैं। डेटा के अनुसार भारतीय महिलाएं, पुरुषों से कम चलती हैं।
भारत में पुरुष जहां औसतन 4606 कदम चलते हैं, तो वहीं महिलाएं 3684 कदम चलती हैं। विशेषज्ञों और डायटिशन के अनुसार फिट रहने के लिए प्रतिदिन 10 हजार कदम चलना जरुरी है। लोगों को लगता है कि सुबह एक घंटे की वॉकिंग से एक्सरसाइज़ पूरी हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है, पूरा दिन ऐक्टिव रहना जरुरी है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले सात लाख से अधिक लोगों के स्मार्टफोन से जुटाए गए आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर ये नतीजा निकाला गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक शारीरिक गतिविधियां घटने से होने वाली बीमारियों के कारण विश्व में सालाना 53 लाख लोगों की मौत होती है। ऐसे में लोगों को शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने की सलाह दी गई है।
अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस सर्वे में रिसर्चर्स ने 46 देशों के 7 लाख लोगों पर सर्वे किया। इस रिसर्च में लोगों के स्मार्टफोन में इन्सटॉल स्टेप काउन्टर्स की मदद से लोगों की वॉकिंग ऐक्टिविटी को ट्रैक किया गया। सबसे कम आलसी हांगकांग के लोग और सबसे अधिक आलसी इंडोनेशिया के लोग हैं। यहां लोग एक दिन में औसतन 6880 स्टेप चलते हैं। इस सर्वे में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जिनकी मदद से मोटापा दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके शोधकर्ताओं ने माना कि इसके परिणामों से लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में काफी मदद मिलेगी। कई देशों में मोटापे के पीछे लोगों की एक्टिविटी में असमानता भी वजह रही है। एक्टिविटी में असमानता, आर्थिक असमानता की तरह है।
एक्टिविटी में जितनी ज़्यादा असमानता, उतना ज़्यादा मोटापा। रिसर्च टीम के एक सदस्य टिम अल्थॉफ ने कहा, 'उदाहरण के तौर पर, स्वीडन में एक्टिविटी में ज्यादा हिस्सा लेने वाले और कम महत्व देने वालों के बीच का अंतर काफी कम है। यहां मोटापे का स्तर भी कम है।' रिचर्स टीम में शामिल बायो-इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर स्कॉट डेल्प ने कहा, 'यह अध्ययन मानव विकास पर किए गए किसी भी रिसर्च के मुकाबले 1000 गुना बड़ा है।' अब तक कई ऐसे हेल्थ सर्वे हुए हैं, लेकिन इस नए अध्ययन में ज़्यादा देशों से डेटा जुटाया गया है। इसमें न सिर्फ लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखी गई बल्कि उनके व्यवहार और दूसरे विषयों को भी परखा गया।
पुरुषों के मुकाबले औरतों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी
अमेरीका और मेक्सिको दोनों देशों में औसतन एक बराबर कदम दर्ज किए गए, लेकिन अमरीका में एक्टिविटी में काफी अंतर और मोटापे के ज़्यादा मामले देखने को मिले। इस सर्वे के मुताबिक कई देशों में एक्सरसाइज के मामले में महिलाओं और पुरुषों की संख्या में भी काफी अंतर है। रिसर्च टीम को यह जानकर हैरानी हुई कि जापान जैसे देशों में मोटापा और असमानता काफी कम है। यहां महिला और पुरुष एक साथ एक्सरसाइज करते हैं।
अमेरीका और सऊदी अरब जैसे देशों में एक्सरसाइज में भारी अंतर देखने को मिला है। यहां महिलाएं फिटनेस के मामले में कम समय देती हैं। सऊदी अरब में इसी कारण से महिलाओं की शिक्षा में शारीरिक शिक्षा को शामिल किया जा रहा है। शोधकर्ता ज्यूरे लेस्कोवेक ने कहा, 'जब भी एक्टिविटी में असमानता बढ़ती है, महिलाओं की एक्टिविटी का स्तर पुरुषों के मुकाबले काफ़ी नाटकीय ढंग से गिरा है। इसका असर महिलाओं में मोटापे के तौर पर ज़्यादा देखने को मिला है।' विशेषज्ञों और डायटीशियन के अनुसार फिट रहने के लिए प्रतिदिन 10 हजार कदम चलना जरुरी है। लोगों को लगता है कि सुबह एक घंटे की वॉकिंग से एक्सरसाइज़ पूरी हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है, पूरा दिन एक्टिव रहना जरुरी है।
-प्रज्ञा श्रीवास्तव