Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

इस साल क्यों नहीं दिया जा रहा साहित्य का नोबेल?

इस साल क्यों नहीं दिया जा रहा साहित्य का नोबेल?

Tuesday October 02, 2018 , 4 min Read

साहित्य के साथ यह सब भी होना था हमारे ही समय में। इस साल नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा नहीं होने की वजह बन गए एक-दो नहीं, बल्कि व्यभिचार के डेढ़ दर्जन मामले। इस शर्मनाक कांड की जड़ में रहे फ्रांसीसी नागरिक जीन-क्लाउड अरनाल्ट, जिनको कोर्ट ने दुष्कर्मों का दोषी करार दिया है।

image


साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था का कहना है कि वह बुरे दौर से गुज़र रही है और इस वजह से इस साल इन पुरस्कारों को रद्द किया जा रहा है। साल 1901 से दिए जा रहे इन पुरस्कारों में अभी तक का ये सबसे बड़ा मामला है। 

नोबेल पुरस्कार से जुड़ी स्वीडिश अकादमी की सदस्य कवयित्री कैटरीना फ्रोस्टेनसन के पति जीन-क्लाउड अरनाल्ट को दो साल जेल की सजा सुनाई गई है, वह तो ठीक, लेकिन इसी वजह से नोबेल पुरस्कार देने वाली स्वीडिश अकादमी की पूरी दुनिया में छवि धूमिल हुई है और अब साहित्य का नोबले पुरस्कार घोषित नहीं होगा। पिछले 70 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि अब साहित्य का नोबेल पुरस्कार घोषित नहीं किया जाएगा। स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने साल 1895 में अपनी वसीयत में इन पुरस्कार की स्थापना की थी। नोबेल पुरस्कार रसायन, साहिय, शांति, भौतिकी और साइकोलॉजी (मेडिसीन) के क्षेत्र में दिए जाते रहे हैं। अल्फ्रेड नोबेल की याद में 1968 में इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में भी नोबेल पुरस्कार दिए जाने लगे। पुरस्कारोंका निर्णय अलग-अलग स्तरों पर किया जाता है। द रॉयल स्वीडिश अकादमी ऑफ़ साइंसेज़ फ़ीजिक्स, केमिस्ट्री और इकोनॉमिक्स विषयों को देखती है। द नोबेल असेंबली अवॉर्ड मेडिसीन और द स्वीडिश अकादमी लिटरेचर के क्षेत्र का चुनाव करता है। शांति के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार एकमात्र ऐसा है, जो स्वीडिश ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा नहीं चुना जाता। नॉर्वे नोबेल कमेटी इसका फ़ैसला करती है।

नोबेल पुरस्कार की घोषणा रुक जाने के पीछे की पूरी कहानी कुछ इस प्रकार है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की एक जिला अदालत ने सर्वसम्मिति से 72 वर्षीय अरनाल्ट को साल 2011 में एक महिला से दुष्कर्म का दोषी करार दिया था। स्वीडन में दुष्कर्म के मामले में न्यूनतम दो और अधिकतम छह साल की ही सजा होती है। अभियोजकों ने अरनाल्ट के लिए तीन साल सजा की मांग की थी। अरनाल्ट को हालांकि दुष्कर्म के दूसरे मामले में बरी कर दिया गया। स्वीडिश अकादमी पिछले साल नवंबर में उस समय विवादों में घिर गई थी, जब स्वीडन के एक अखबार ने 18 महिलाओं के बयान प्रकाशित किए थे। इन महिलाओं ने अरनाल्ट पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे।

फोटोग्राफर अरनाल्ट पर यह भी संदेह है कि उसने 1996 की शुरुआत में एक सदी पुरानी स्वीडिश अकादमी के नियमों का उल्लंघन कर प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेताओं के नाम लीक कर दिए थे। अरनाल्ट पर आरोप लगने के बाद 18 सदस्यीय नोबेल अकादमी में मतभेद खुलकर सामने आ गया और अकादमी की स्थायी सचिव सारा डेनियस समेत छह सदस्यों ने इस्तीफा दे दिए। इसके बाद अरनाल्ट की पत्नी कैटरीना फ्रोस्टेनसन ने भी पद छोड़ दिया। कवयित्री कैटरीना को 1992 में अकादमी का सदस्य बनाया गया था। उन पर भी इस साल भ्रष्टाचार और पति के संस्कृति केंद्र को सब्सिडी देने के आरोप लगे हैं।

साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था का कहना है कि वह बुरे दौर से गुज़र रही है और इस वजह से इस साल इन पुरस्कारों को रद्द किया जा रहा है। साल 1901 से दिए जा रहे इन पुरस्कारों में अभी तक का ये सबसे बड़ा मामला है। अकादमी के कुछ सदस्यों की दलील है कि परंपरा को बनाए रखने के लिए पुरस्कार दिए जाने चाहिए लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि अकादमी इस स्थिति में नहीं है कि वो अवॉर्ड का फ़ैसला ले सके। पिछले साल नवंबर में कैंपेन से प्रेरित होकर 18 महिलाओं ने अर्नाल्ट पर आरोप लगाया था। हालांकि अर्नाल्ट ने इन सभी आरोपों से साफ़ इनकार किया। उस वक़्त संस्था ने अर्नाल्ट की पत्नी लेखिका कटरीना फ्रोसटेंसन को निकाले जाने के ख़िलाफ़ वोट किया था।

लाभ के पद का फ़ायदा उठाने के आरोप और नोबेल पुरस्कारों के विजेताओं के नामों के लीक हो जाने की बात पर अकादमी बंट गई। इसके बाद इस्तीफ़ों का दौर शुरू हुआ, जिसमें फ्रोस्टेंशन और अकादमी की प्रमुख प्रोफ़ेसर सारा डेनियस का नाम भी शामिल रहा। अब इसमें सिर्फ़ 11 सदस्य ही बने हुए हैं, जिनमें से केरस्टिन एकमैन 1989 से निष्क्रिय हैं। इससे पहले 1936 में भी पुरस्कार नहीं दिए गए थे लेकिन उस साल का पुरस्कार एक साल बाद इयुगेन ओ'नील को दिया गया। इससे पहले अकादमी ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि नोबेल पुरस्कारों के सम्मान को इससे गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने वादा किया कि ये सुनिश्चित करना उनकी ज़िम्मेदारी है ताकि अकादमी में लोगों का भरोसा बना रहे।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से तैयार की जा रही खाद