अब घर बैठे लें लाइव शो का मजा
- अब बीम इट लाइव के जरिए कहीं भी अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देखिए लाइव शोज- कलाकारों को दुनिया और दुनिया को कलाकारों से जोड़ा गौरव वोरा की बीम इट ने
जिंदगी में मनोरंजन बहुत जरूरी है और उसमें भी यदि कोई लाइव शो देखने को मिल जाए तो दिल खुश हो जाता है। कई बार हम लाइव शो देखने की इच्छा तो रखते हैं लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि हम देख नहीं पाते। जैसे कई बार यह शो हमारे घर से काफी दूर और देर रात आयोजित होते हैं। तो कई बार इन शोज का टिकट हमारे बजट से बाहर होता है और कई बार हमारे पास समय की कमी होती है। इसी प्रकार और भी कई कारण पैदा हो जाते हैं। आपकी इसी इच्छा को पूरा करने और शोज न देख पाने की दिक्कतों को दूर करने के लिए गौरव वोरा ने बीम इट लाइव नाम की एक कंपनी की शुरुआत की। यह कंपनी लाइव शोज को आपके कंप्यूटर स्क्रीन तक पहुंचाने का काम करती है।
गौरव का लक्ष्य है कि वह उन लोगों तक इन शोज को पहुंचाए जो इन्हें देखने की हसरत रखते हैं। साथ ही शोज पेश कर रहा कलाकार भी इस माध्यम से अपनी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बनाने में सफल हो जाता है।
कैसे हुई कंपनी की शुरुआत -
गौरव ने पीईएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइस में इंजीनियरिंग की। शुरुआत से ही कुछ अपना काम करने की इच्छा उनके अंदर प्रबल थी। दूसरी बात गौरव लोगों तक अपनी बात को बहुत अच्छी तरह पहुंचाने की कला में भी माहिर रहे हैं। यह बात उनके स्कूल की इस एक छोटी सी घटना से भी साबित हो जाती है। स्कूल के दौरान गौरव कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया करते थे। एक बार स्कूल में फेंसी शो आयोजित हुआ जिसमें गौरव चने बेचने वाले बने थे। इस दौरान उनके पास चने और कुछ अन्य खाने का सामान भी था जिसे शो के बाद उनकी मम्मी ने दोस्तों के साथ खाने को कहा। लेकिन गौरव ने इस सामान को दोस्तों के बीच नहीं बांटा बल्कि उसे बेचा और करीब बीस रुपए कमा लिए। यह बेशक एक छोटी सी घटना है और आपको सुनकर हंसी भी आ गई हो लेकिन यह घटना गौरव के इस गुण की ओर संकेत करती है कि वे बचपन से किसी चीज को बेचने का हुनर जानते थे।
इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में गौरव ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर एक नॉन वेजेटेरियन फास्ट फूड शॉप खोली। यह शॉप बैंगलोर में एक स्कूल के नज़दीक थी। इस शॉप से उन्होंने काफी मुनाफा कमाया। लेकिन गौरव ने इस शॉप को जल्दी बंद भी कर दिया क्योंकि उनका लक्ष्य फूड बिजनेस नहीं था।
क्या है बीम इट लाइव -
इंजीनियरिंग के बाद ही गौरव को बैंगलोर में एक कंपनी में नौकरी मिल गई। उसी दौरान मंदी का दौर भी चल रहा था इसलिए कंपनी ने नई नियुक्तियों को लटकाना शुरु कर दिया। इस घटना ने गौरव को सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन्हें भविष्य में क्या करना चाहिए। गौरव ने फिर से फूड बिजनेस में जाने की सोची और एक रेस्त्रां खोल दिया। इस दौरान उन्होंने देखा कि उनके कई दोस्त कई लाइव शोज देखने जाया करते थे। लेकिन कई बार वे समय के आभाव के चलते नहीं जा पाते थे। तो कई बार शोज घर से काफी दूर हो रहा होता था। कभी टिकट बहुत ज्यादा महंगा होने की वजह से शोज देख पाना मुश्किल होता था। यहीं से गौरव को बीम इज का आइडिया आया। फिर गौरव ने इस विषय पर रिसर्च करनी शुरु की और उन्हें पता चला कि भारत में साठ मिनियन ब्रॉडबैंड यूज़र हैं। लेकिन कोई भी बड़ी कंपनी लाइव स्ट्रीमिंग का कार्य नहीं कर रही है। इस प्रकार गौरव ने जुलाई 2014 में अपना पहला शो लाइव स्ट्रीम किया।
क्या है लाइव स्ट्रीमिंग -
लाइव स्ट्रीम का अर्थ है किसी कार्यक्रम की इंटरनेट के द्वारा लाइव प्रस्तुति। इससे फायदा यह हुआ कि हर इंटरनेट यूज़र इन शोज को देखने लगा। अब उसे इस बात की चिंता नहीं थी कि टिकट नहीं मिली तो क्या होगा। रात को देर तक शो देखने जाने का झंझट नहीं था। जो हो रहा था वह स्क्रीन पर लाइव दिख रहा था।
बीम इज लाइव टीम और उसके कार्य -
बीम इज लाइव बैंगलोर में स्थित है और यह कई कलाकारों से जुड़ी हुई है। यह पोटल दुनिया भर के दर्शकों के लिए खुला हुआ है। आपको बस इस पोटल में आना है और आप फ्री में कोई भी शो देख सकते हैं।
बीम इज लाइव का मक्सद दुनिया को करीब लाना है। फिलहाल यह तीन लोगों की टीम है। जिसमें गौरव के अलावा शिरीष और मनीष काम कर रहे हैं। शिरीष ने एमबीए मार्किंटिंग में किया है और इससे पहले इन्होंने टॉसफॉम आईएनसी और टेंपल एडवरटाइजिंग के लिए काम किया है। अभी वे बीम इज लाइव में मार्किंटिंग का पूरा कार्य देख रहे हैं।
मनीष ऑपरेशन का पूरा कार्य देखते हैं। अभी वे मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर कर रहे हैं। कंपनी के दो रेवन्यू मॉडल हैं। दर्शकों के सब्सक्रिप्शन और विज्ञापन के द्वारा। कंपनी का प्रचार अभी पूरी तरह से सोशल मीडिया द्वारा किया जा रहा है। कई बार इवेंट ऑर्गनाइज़र भी लोगों तक पहुंचने में इनकी मदद करते हैं। कंपनी का मानना है कि एक बार जो हमारे माध्यम से इन लाइव शोज को देख लेता है वो खुद ही कंपनी की मार्किंटिंग में एक सहायक की भूमिका निभाने लगता है। यानी दर्शकों को इतना मज़ा आता है कि वे कंपनी की माउथ पब्लिसिटी करने लगते हैं। गौरव मानते हैं कि यदि आपका प्रोडक्ट अच्छा है तो आपको बस एक बार उसकी मार्किंटिंग की जरूरत पड़ती है। बाकी काम खुद ब खुद होने लगते हैं।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं -
शुरुआत में कंपनी को लगा कि शायद इंटरनेट की वजह से उन्हें कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन जल्दी ही उन्हें पता चल गया कि यहां ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
कंपनी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वह है फंड जुटाना ताकि कंपनी का विस्तार किया जा सके। साथ ही अच्छे लोगों का चुनाव कर उन्हें नौकरी पर रखा जा सके। कंपनी जल्दी ही भारत के अन्य शहरों तक भी अपनी पहुंच बनाना चाहती है। साथ ही कंपनी का लक्ष्य दो मिलियन डॉलर से लेकर पांच मिलियन डॉलर तक फंड जुटाना भी है।