'औरत से आदमी' और 'आदमी से औरत' बने केरल के कपल करने जा रहे हैं शादी
46 साल के ट्रांसमैन आरव अपुकुट्टन और 22 साल की ट्रांसवूमन सुकन्या कृष्णा ने तमाम मुश्किलों और चुनौतियों के बावजूद एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया है।
दोनों के बीच में उम्र का काफी फासला है लेकिन फिर भी सुकन्या ने आरव का प्रणय निवेदन स्वीकृत कर लिया। आरव जन्म से ही बायोलॉजिकली फीमेल थे वहीं सुकन्या बायोलॉजिकली एक पुरुष पैदा हुई थीं।
आरव बताते हैं कि अब वह किसी भी आम इंसान के जितने ही खुश रहते हैं। लेकिन आरव के साथ ये अच्छी बात रही कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी किसी तरह का उत्पीड़न नहीं सहा।
भारत में ट्रांसजेंडरों को कलंक या टैबू के तौर पर देखा जाता है, लेकिन केरल के दो ट्रांसजेंडर की शादियों के लिए आम समाज के लोग काफी उत्साहित हैं। इस बदले हुए माहौल के बारे में बात करते हुए ओपन स्पेस की डायरेक्टर अनीता चेरिया ने बताया कि शिक्षा और चेतना के साथ-साथ कुछ खास पहल की बदौलत समाज में बराबरी आ सकेगी। 46 साल के ट्रांसमैन आरव अपुकुट्टन और 22 साल की ट्रांसवूमन सुकन्या कृष्णा ने तमाम मुश्किलों और चुनौतियों के बावजूद एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया है। इस कपल ने सर्जरी के जरिए अपना जेंडर चेंज किया है। इनकी शादी इसी सितंबर महीने में होने वाली है।
तीन साल पहले आरव एक रिश्तेदार से मिलने हॉस्पिटल गए थे, जहां उन्होंने सुकन्या को देखा। सुकन्या उन्होंने देखा कि सुकन्या मलयालम में किसी से फोन पर बात कर रही हैं। जब उन्हें लगा कि सुकन्या भी केरल से है तो उन्होंने एक आम मलयाली की तरह सुकन्या से पूछ ही डाला, 'क्या आप भी केरल से हैं?' केरल के कोट्टयम की रहने वाली सुकन्या से आरव की बातचीत हुई और उन्होंने एक दूसरे का नंबर भी ले लिया। अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए आरव बताते हैं कि हम शुरू में फोन पर ही एक दूसरे से बात करते थे, लेकिन धीरे-धीरे एक दूसरे से बात करने की गति बढ़ती गई और हम रोजाना बात करने लगे।
आरव ने कहा, 'सुकन्या से बात करते हुए मुझे लगता था कि ये तो मेरी तरह ही सोचती है। कुछ ही दिनों में मैंने उसे अपना प्रेम प्रस्ताव भेज दिया।' उन दोनों के बीच में उम्र का काफी फासला है लेकिन फिर भी सुकन्या ने आरव का प्रणय निवेदन स्वीकृत कर लिया। आरव जन्म से ही बायोलॉजिकली फीमेल थे वहीं सुकन्या बायोलॉजिकली एक पुरुष पैदा हुई थीं। हालांकि आरव को अपनी जिंदगी में उतनी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा जितना कि सुकन्या को। उन्हें परिवार, रिश्तेदारों के साथ ही सोसाइटी की ओर से भी तरह तरह के कमेंट सुनने पड़े। आरव को भी कभी-कभी ऐसी बातें सुनने को मिलती थीं लेकिन वे पूरे आत्मविश्वास के साथ इन चुनौतियों का सामना करना जानते थे। वे इस बात का पूरा श्रेय अपनी मां को देते हैं।
सुकन्या कहती हैं कि उन्होंने काफी पहले ही इस रिश्ते के बारे में अपने परिवार को बता दिया था इसलिए घरवालों को शादी की बात सुनकर कोई आश्चर्य नहीं लगा।
आरव बताते हैं, 'मैं दिमागी तौर पर हमेशा से एक आदमी था, लेकिन किसी से शादी करना मेरे बस की बात नहीं थी क्योंकि मेरा शरीर एक महिला का था। इसी वजह से मैंने सर्जरी के जरिए अपना अंग परिवर्तन का निर्णय ले लिया।' आरव बताते हैं कि अब वह किसी भी आम इंसान के जितने ही खुश रहते हैं। लेकिन आरव के साथ ये अच्छी बात रही कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी किसी तरह का उत्पीड़न नहीं सहा। सुकन्या जो कि बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती हैं, वह बताती हैं कि एक दिन वह साड़ी पहनकर एक शादी में गईं। क्योंकि अभी तक उन्हें कई लोग पुरुष के तौर पर जानते थे। इस पर वह बताती हैं कि मुझे अपनी पहचान खुले तौर पर जाहिर करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
इसके बाद सुकन्या ने अपना नाम और सर्जरी के जरिए अपनी पहचान भी बदलने का फैसला ले लिया। शादी समारोह के बारे में बात करते हुए आरव बताते हैं कि वे इसे एकदम सादगी से मनाना चाहते थे, लेकिन उनके दोस्त पार्टी करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने शादी में एक भव्य आयोजन करने का फैसला कर लिया। सुकन्या कहती हैं कि उन्होंने काफी पहले ही इस रिश्ते के बारे में अपने परिवार को बता दिया था इसलिए घरवालों को शादी की बात सुनकर कोई आश्चर्य नहीं लगा। दोनों के लिए बायोजिकली बच्चे पैदा करना आसान नहीं है इसलिए अभी से दोनों ने बच्चा गोद करने की प्लानिंग बनाई है। अच्छी बात यह है कि कानून के मुताबिक दोनों बच्चा गोद ले भी सकते हैं।
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