भारतीय मूल की श्रुति पालानीअप्पन डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन की सबसे युवा डेलीगेट
भारतीय मूल की 18 वर्षीय युवती अमेरिका में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन की सबसे युवा डेलीगेट बन गई है। इस कन्वेंशन में हिलेरी क्लिंटन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनी गईं।
सीडर रेपिड्स की रहने वाली और हॉवर्ड विश्वविद्यालय की छात्रा श्रुति पालानीअप्पन हिलेरी की बहुत बड़ी समर्थक हैं। श्रुति के पिता पालानीअप्पन अंदीअप्पन ने भी कड्रेंनशल्ज़ समिति के सदस्य के तौर पर कन्वेंशन में शिरकत की।
श्रुति यहां की मीडिया और डेलीगेट्स के बीच आकषर्ण का केंद्र रही, जिनमें अरिजोना की 102 वर्ष की जैरी एम्मेट भी थीं जो कन्वेंशन में सबसे बुजुर्ग डेलीगेट हैं। सबसे युवा डेलीगेट होने के अलावा, श्रुति ने मंगलवार को तब इतिहास बनाया जब उन्हें ‘रोल कॉल वोट’ के दौरान आयोवा का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
श्रुति ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘रॉल कॉल के वक्ता के तौर पर आयोवा के डेलीगेशन का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना एक सपने जैसा था, जिसके लिए मैं बेहद आभारी हूं। साथ ही में हमारे अगले राष्ट्रपति को नामित करने की प्रतिक्रिया का हिस्सा बनने को लेकर भी आभारी हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ साथ ही में, हमने प्रमुख राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर पहली महिला - हिलेरी
डीएनसी में सेवानिवृत सिख सैनिक गुलाबी पगड़ी में
अमेरिकी सेना में अपने योगदान से सम्मानित हो चुके एक सिख अमेरिकी पूर्व सैन्य अधिकारी गुलाबी पगड़ी में डेमोक्रेटिक कन्वेशन में पहुंचे और और वह हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में शीर्ष सेवानिृत जनरलों की जमात में शामिल हो गए।
मेजर (सेवानिवृत) कमलजीत सिंह कालसी यहां डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में जनरल :सेवानिवृत: जॉन एलेन एवं अन्य शीर्ष सेवानिवृत अमेरिकी जनरलों के साथ पार्टी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के समर्थन में शामिल हुए ।
सिंह उन कुछ सिख अमेरिकियों में हैं जिन्हें अमेरिकी सशस्त्रबलों में सेवा का गौरव प्राप्त है। वह कन्वेंशन में सेना के जनरलों और अन्य सैन्य अधिकारियों में अलग पहचान वाले थे। उन्हें अफगानिस्तान में अपनी सेवा को लेकर कांस्य स्टार पदक मिल चुका है।
वर्ष 2009 में कलसी अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की अनुमति पाने वाले पहले अमेरिकी सिख बने थे।आर. क्लिंटन को चुनकर इतिहास बनाया है।’’ श्रुति ने कहा कि पार्टी के डेलीगेट के तौर निर्वाचित होना एक लंबी प्रक्रिया है। -पीटीआई