8 तरह के लाइफ इंश्योरेंस प्लान हैं मौजूद, अपनी जरूरत को देखकर करें चुनाव
कुछ पॉलिसी कवर ऐसे भी हैं, जो केवल कवरेज उपलब्ध कराते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कवरेज के साथ-साथ सेविंग्स व निवेश के जरिए रिटर्न पाने का भी विकल्प देते हैं.
किसी अनहोनी के चलते अगर परिवार का एकमात्र कमाने वाला शख्स दुनिया से चला जाए तो जीवन बीमा काफी हद तक मददगार रह सकता है. व्यक्ति पर निर्भर लोगों के लिए जीवन बीमा (Life Insurance) कुछ हद तक वित्तीय तौर पर राहत देता है. लेकिन जीवन बीमा एक ही तरह का नहीं होता है. कुछ पॉलिसी कवर ऐसे भी हैं, जो केवल कवरेज उपलब्ध कराते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कवरेज के साथ-साथ सेविंग्स व निवेश के जरिए रिटर्न पाने का भी विकल्प देते हैं. भारत में इस वक्त 8 तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...
टर्म इंश्योरेंस
टर्म इंश्योरेंस एक निश्चित समय के लिए खरीदा जा सकता है, जैसे 10, 20 या 30 साल. इस प्लान में चुनी गई अवधि के लिए कवरेज मिलता है. ऐसी पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता, यानी ये सेविंग्स/प्रॉफिट कंपोनेंट के बिना लाइफ कवर उपलब्ध कराती हैं. टर्म प्लान अन्य पॉलिसी की तुलना में सस्ते होते हैं. टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर पॉलिसी के तहत एश्योर्ड सम यानी एक तय रकम बेनिफीशियरी को दी जाती है.
सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स
ऐसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए बेहतरीन सेविंग्स टूल तो उपलब्ध कराते ही हैं, साथ ही इंश्योरेंस कवर के रूप में आपके परिवार को एक निश्चित धनराशि का आश्वासन भी देते हैं. इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कैटेगरी में ट्रेडिशनल प्लान और यूलिप लिंक्ड, दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं.
एंडोमेंट पॉलिसी
इस तरह की पॉलिसी में बीमा और निवेश दोनों होते हैं. निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है और अवधि खत्म होने पर बोनस के साथ एश्योर्ड सम, पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है. पॉलिसीधारक की मौत होने या निर्धारित सालों के बाद एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है. कुछ पॅलिसी गंभीर बीमारी के मामले में भी भुगतान करती हैं.
मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी
यह पॉलिसी एक तरह की एंडोमेंट पॉलिसी ही है, इसमें भी निवेश और बीमा का मेल है. अंतर यह है कि मनीबैक पॉलिसी में बोनस के साथ एश्योर्ड सम, पॉलिसी टर्म के दौरान ही किस्तों में वापस होता है. आखिरी किस्त पॉलिसी खत्म होने पर मिलती है. पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मौत होने पर पूरा एश्योर्ड सम, बेनिफीशियरी को मिलता है. इस पॉलिसी का प्रीमियम सबसे ज्यादा होता है.
यूलिप प्लान
यूलिप प्लान में भी प्रोटेक्शन और निवेश दोनों रहते हैं. एंडोमेंट और मनीबैक पॉलिसी में मिलने वाला रिटर्न एक हद तक पक्का होता है, वहीं यूलिप के साथ रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. कारण है कि यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिल जाती है. आप तय कर सकते हैं कि आपका कितना पैसा शेयर में लगे और कितना पैसा बॉन्ड में लगे. ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बेस्ड होता है.
आजीवन लाइफ इंश्योरेंस
आजीवन लाइफ इंश्योरेंस (Whole Life Insurance Plan) में पॉलिसीधारक को जीवनभर प्रोटेक्शन मिलता है. पॉलिसी का कोई निश्चित टर्म नहीं होता. पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर, नॉमिनी को बीमा का क्लेम मिलता है. अन्य जीवन बीमा में उम्र की एक मैक्सिमम लिमिट होती है, जो आमतौर पर 65-70 साल होती है. उसके बाद मौत होने पर नॉमिनी डेथ क्लेम नहीं ले सकता. लेकिन आजीवन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की खासियत है कि पॉलिसीधारक की मौत 95 साल की उम्र में ही क्यों न हुई हो, नॉमिनी क्लेम कर सकता है. इस पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक के पास इंश्योर्ड सम को आंशिक रूप से विदड्रॉ करने का, पॉलिसी के एवज में पैसा लोन के तौर पर लेने का विकल्प रहता है.
रिटायरमेंट प्लान
यह एक रिटायरमेंट सॉल्यूशन प्लान है, इसमें लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं होता है. प्लान के तहत अपने रिस्क का आकलन कर एक रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. तय की गई एक अवधि के बाद आपको या आपके बाद बेनिफीशियरी को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम का भुगतान किया जाएगा. यह भुगतान मासिक, छमाही या सालाना आधार पर हो सकता है.
चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी
ये प्लान बच्चों की शिक्षा के खर्च और अन्य जरूरतों को देखते हुए बनाए गए हैं. चाइल्ड प्लान में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद एकमुश्त रकम दी जाती है लेकिन पॉलिसी खत्म नहीं होती है. भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की ओर से निवेश जारी रखती है. बच्चे को एक निश्चित अवधि तक पैसा मिलता है.