Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पहले की नौकरी, फिर बनीं गृहिणी और अब उद्यमी हैं मोनिका अरुण...

ट्रेवल एजेंसी ग्लोबट्रोटर ट्रेवल क्लब एलएलपी की संंस्थापक हैं मोनिका...अपना फायदा नहीं अपने क्लाइंट्स की सुविधा का रखती हैं पूरा खयाल

पहले की नौकरी, फिर बनीं गृहिणी और अब  उद्यमी हैं मोनिका अरुण...

Tuesday September 22, 2015 , 5 min Read

सफल होना जितना मुश्किल है उतना ही आसान भी है। सफलता को ज्यादातर लोग प्रसिद्धी से जोड़ कर देखते हैं जो बिल्कुल गलत है। जरूरी नहीं जो प्रसिद्ध है वो सफल भी हो या जिसको अपेक्षाकृत कम लोग जानते हैं वो असफल है। सफलता को पैसों से भी नहीं तोला जा सकता। असल में सफल वो इंसान होता है जो अपने प्रयासों से लोगों को प्रेरित करे, जिसने अपने काम के बूते समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने में कामयाबी पायी हो और जिसने खुद तो अपना भविष्य संवारा ही हो लेकिन उसके कारण कई लोगों की जिंदगी में बदलाव आए हों। एक ऐसी ही सफल महिला हैं मोनिका अरुण जो आज सफलतापूर्वक अपनी खुद की एक ट्रेवल एजेंसी ग्लोबट्रोटर ट्रेवल क्लब एलएलपी को चला रहीं हैं। मोनिका उन महिलाओं के लिए मिसाल हैं जो शादी और बच्चों की जिम्मेदारी के बाद अमूमन नौकरी छोड़ देती हैं और उसके बाद चारदिवारी तक ही अपनी जिंदगी को सिमेट कर रख देती हैं।

image


मोनिका के लिए खुद का काम शुरू करना इतना आसान नहीं था। उनके पास भी बाकी गृहणियों की तरह काफी जिम्मेदारियां थीं लेकिन उनकी मेहनत, लगन और सही सोच ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है जहां वे अपने घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपना खुद का काम भी सफलतापूर्वक कर रहीं हैं और उनके क्लाइंट्स भी उनसे बेहद खुश रहते हैं उनकी कंपनी से जो भी एक बार सेवाएं लेता है उसके बाद वो कहीं और नहीं जाता।

मोनिका मुंबई की हैं। मुंबई में ही उनका जन्म हुआ वहीं उन्होंने पढ़ाई और फिर नौकरी की। उन्होंने ट्रेवल और टूरिज्म का कोर्स किया और उसके बाद कई नामी गिनामी ब्रैंड़्स जैसे थॉमस कुक, कॉक्स एंड किंग्स, एसओटीसी में लगभग 20 सालों तक काम किया। उनके पति की नौकरी बेगलूरू में लगी, बेंगलूरू उनके लिए नया शहर था कई चीजों को समझना था, जिम्मेदारियां भी ज्यादा थी साथ ही उनका बच्चा भी मात्र 1 साल का था तो उन्होंने तय किया कि वे अब नौकरी नहीं करेंगी और गृहस्ती पर ही ध्यान देंगीं। काफी समय तक ऐसा हुआ भी लेकिन उनके अंदर हमेशा कुछ काम करने की भूख थी उन्होंने अपने पुराने मित्रों से कह कर ऐसा काम तलाश करने की कोशिश की जिसमें वे घर से ही काम कर सकती थीं। लेकिन बात नहीं बनी। उनके पुराने बॉस ने उन्हें सलाह दी कि उनके पास अच्छा तजुर्बा है और वे काम में भी परफेक्ट हैं तो वे खुद का काम शुरू करें।

image


लेकिन मोनिका इसके लिए तैयार नहीं थीं खुद का काम करने के लिए खुद ही सारी चीजों को मैनेज करना होता है। लोगों से खुद ही बात करनी होती है जहां नौकरी में आपका काम सीमित होता है वही अपने काम में सारा काम आपकी देखरेख में ही किया जाता है। यह एक बड़ा दायित्व था जिसे उठाने से वह बच रही थीं, लेकिन सबके काफी कहने पर मोनिका को भी लगा कि क्यों न एक प्रयास किया जाए और उन्होंने अपना काम शुरू किया अपने पार्किंग लॉट के पास की जगह जो कि सोसाइटी वाले गोडाउन के लिए प्रयोग कर रहे थे मोनिका ने लोगों से बोलकर वो जगह अपने प्रयोग के लिए ले ली और वहीं पर अपना ऑफिस खोल दिया । वहां उन्हें कुछ लोगों की भी आवश्यक्ता थी तो उन्होंने कुछ लोगों को भी रखा चूंकि वे कई सोसाइटी की मेंबर थीं इसलिए शुरूआत में उन्हें वहीं से क्लाइंट मिलने शुरू हो गए जो दिन ब दिन बढ़ने लगे। मोनिका अपने क्लाइंट्स से पहले सब उनके बारे में पूछतीं व उन्हें अच्छी सलाह देतीं। आम तौर पर ट्रेवल और टूरिज्म से जुड़े लोग कुछ चुनिंदा डेस्टीनेशन्स के बारे में ही लोगों को सलाह देते हैं जहां से उनको ज्यादा प्रॉफिट होता है लेकिन मोनिका ने अपने मार्जिन की परवाह किये बिना लोगों को सही सलाह देना शुरू किया और ज्यादा से ज्यादा लोग उनसे जुड़ने लगे। मोनिका बताती हैं कि उनका काम लोगों को ट्रेवल डेस्टीनेशन पर भेजकर ही खत्म नहीं हो जाता बल्कि जब तक उनका क्लाइंट वापस घर आकर उनसे बात नहीं कर लेता वे तब तक उसे अधूरा मानती हैं। मोनिका के क्लाइंट्स का कहना है कि ट्रेवल के दौरान हमेशा ऐसा ही अनुभव होता है जैसे कोई ट्रेवल एेजेन्ट उनके साथ ही चल रहा हो।

लोगों के सकारात्मक फीड़बैक्स मोनिका और उनकी टीम को और अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं। मोनिका ने अभी तक कंपनी के प्रचार के लिए कुछ नहीं किया न तो पैसा लगाया न किसी को बोला कि उनका प्रचार करे वे बताती हैं कि जो लोग उनसे सेवाएं लेते हैं वो खुद ही उनका प्रचार कर देते हैं। उनकी कंपनी को शुरू हुए लगभग ढ़ाई साल ही हुआ है लेकिन लगातार बढ़ते हुए क्लाइंट बेस के चलते उन्हें और स्टाफ की जरूरत है ताकि काम और बढ़िया ढ़ंग से किया जा सके। मोनिका पहले से ट्रेन्ड लोगों का चुनाव नहीं करती बल्कि वे फ्रेशर्स पर ज्यादा भरोसा करती हैं और उन्हें खुद अपने हिसाब से ट्रेन करती हैं। कंपनी का मोटो है प्रॉमिस लैस एंड डिलीवर मोर अौर मोनिका इसी मोटो पर काम करती हैं। केवल लाभ कमाना उनका मकसद नहीं है लोगों को अच्छी सुविधाएं देना और अपने क्लाइंट्स को संतुष्ट करना ही उनका मुख्य उद्देश्य है और वे अपनी टीम के साथ इसी काम को पूरा करने के लिए रात दिन लगी हुई हैं।