देश में हर रोज़ 15 हजार टन से अधिक प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से छह हजार टन बिना उठाए रह जाता है और यह फैला रहता है। पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल माधव दवे ने लोकसभा में आज एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उपभोग और उपभोक्ताओं की प्रवृत्ति बदली है और पैट बोतलों तथा प्लास्टिक में उत्पादों की पैकिंग का चलन कई गुना बढ़ गया है।

दवे ने बताया कि पूर्ववर्ती योजना आयोग द्वारा वर्ष 2014 में गठित किए गए कार्य बल की रिपोर्ट के अनुसार शहरी इलाकों में सालाना 6.2 करोड़ टन निगमों का ठोस कचरा होता है।
हालांकि उन्होंने सीपीसीबी की वर्ष 2014-15 की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि देश में 5.14 करोड़ टन ठोस कचरा निकलता है जिसमें से 91 फीसदी एकत्र किया जाता है और 27 फीसदी का शोधन किया जाता है तथा बाकी 73 फीसदी डंपिंग साइटों पर फेंक दिया जाता है।
दवे ने बताया, ‘‘ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुमान के अनुसार देश में पैदा होने वाले 15,342 टन प्लास्टिक कचरे में से 9,205 टन रिसाइकिल किया जाता है और 6,137 टन कचरा उठाया नहीं जाता और यह फैला रहता है। ’’-पीटीआई
