Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

अब हिंदी में बनाइए ईमेल, वेबसाइट और UPI; अंग्रेजी नहीं बनेगी रुकावट

भारत में इंटरनेट को शुरु हुए 27 साल हो चुके हैं. लेकिन अब तक एक बात कॉमन थी, इंटरनेट पर वेबसाइट का डोमेन नेम (पहचान) सिर्फ एक ही भाषा - अंग्रेजी में होता था. अब यह भी बदलने जा रहा है; इस क्रांतिकारी बदलाव का श्रेय जाता है गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप — Agaamin Technologies के फाउंडर साजन नायर को.

अब हिंदी में बनाइए ईमेल, वेबसाइट और UPI; अंग्रेजी नहीं बनेगी रुकावट

Thursday September 22, 2022 , 8 min Read

'पहचान' (आइडेंटिटी) आधुनिक समाज का महत्वपूर्ण आधार है. लोगों, जगहों और चीजों की पहचान करने की हमारी क्षमता के कारण ही व्यवसाय, शासन और समाज संभव हुआ है. हमारी वास्तविक दुनिया में पहचान का सटीक उदाहरण 'आधार संख्या' है. आधार के जरिए भारतीय नागरिक अब कई सर्विसेज का ऑनलाइन लाभ उठा सकते हैं.

अब अगर इसी तरह दुनियाभर में पहचान का कोई एक समान तरीका हो तो...?

इसी तरह का समान तरीका इंटरनेट की दुनिया में भी क्रांति लाएगा. इससे सेवाओं और कारोबार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी. साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अगले ट्रिलियन डॉलर के विकास को आधार मिलेगा.

भारत में इंटरनेट की शुरुआत हुए 27 साल हो चुके हैं. और तब से लेकर अब तक हर रोज़ टेक्नोलॉजी की बदौलत इसने कई बदलाव देखें हैं.

लेकिन अब तक एक बात कॉमन थी, जिस पर शायद ही कभी किसी का ध्यान गया हो. इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट का डोमेन नेम (पहचान) सिर्फ एक ही भाषा - अंग्रेजी में होता था. अब यह भी बदलने जा रहा है; इस क्रांतिकारी बदलाव का श्रेय जाता है गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप — Agaamin Technologies और इसके फाउंडर साजन नायर को.

YourStory ने हाल ही में साजन से बात की और उनसे जाना कि कैसे उन्होंने इस बदलाव का आग़ाज़ किया, अब तक का सफ़र कैसा रहा और भविष्य को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं.

कैसे हुई शुरुआत?

स्टार्टअप की शुरुआत और उद्देश्य के बारे में बताते हुए साजन कहते हैं: "एक ऐसे देश में जहां 1.3 अरब में से केवल 11 करोड़ लोग अंग्रेजी बोलते हैं, ऐसे में जो कोई भी बड़े पैमाने पर प्रभाव डालने का प्रयास करता है, उसे हिंदी, बंगाली, मलयालम जैसी मातृभाषाओं में काम करना चाहिए!"

साजन बताते हैं: "हमने इस साल की पहली तिमाही में बीटा वर्जन लॉन्च किया. हमारी वेबसाइट https://agaamin.in है. स्मार्ट नेम रजिस्ट्री के अलावा हम एक मार्केट प्लेस पर भी काम कर रहे हैं जहां इन नामों (डोमेन नेम) को खरीदा और बेचा जा सकता है.

सिस्टम बनाते समय हमने कुछ खास बातों का खयाल रखा —

  • हमने फोन नंबर सेव करने के तरीके को देखा और महसूस किया कि नंबर के बजाय 'नाम' रखना बेहतर है, जिसे लोग पढ़ सकें.

  • हमने महसूस किया कि अधिकांश दुनिया अंग्रेजी नहीं बोलती है. विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां लोग अपनी मातृभाषा को पसंद करते हैं, इसलिए किसी भी सिस्टम के प्रभावी होने के लिए उसे पूरे भारत और दुनिया के लिए अपनी भाषा में काम करना चाहिए.

इस तरह, हमारा नेमिंग सिस्टम अंग्रेजी, सभी स्थानीय भाषाओं, संख्याओं और यहां तक कि इमोजी में भी काम करता है.

कैसे काम करता है स्टार्टअप?

इसे सरल शब्दों में समझते हैं — आप अपनी ऑनलाइन डिजिटल आइडेंटिटी के रूप में अपनी ईमेल आईडी, सोशल मीडिया यूजर नेम या फोन नंबर का उपयोग करने के बजाय, इंटरनेट पर हर किसी के पास अपनी पसंद की भाषा में "स्मार्ट नेम" या सिंगल यूनिक पर्सनल नेम होगा (उदाहरण: Sajan.nair)

यह स्मार्ट नेम आपके काम आ सकता है:-

  • डोमेन नेम

  • ईमेल आईडी (जैसे: नमस्ते@साजन.नायर)

  • क्रिप्टो के लिए वॉलेट एड्रेस

  • आपका UPI आईडी

  • मेटावर्स के लिए अवतार का नाम

  • सभी ऐप्स के लिए एक यूनिवर्सल साइन ऑन

इसके अलावा भी यह कई और जगहों पर काम आ सकता है. चूंकि यह एक "प्रोग्रामेबल नेम" है, यूज केस केवल इंसान की कल्पना तक सीमित हैं.

कंपनी Handshake पर बनाई गई एक स्मार्ट नेम रजिस्ट्री हैं. Handshake एक PoW (Proof of Work) ब्लॉकचेन है जो डिसेंट्रलाइज्ड इंटरनेट के लिए रूट ज़ोन की तरह काम करता है. जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान में इंटरनेट को मैनेज अमेरिका स्थित एक नॉन-प्रोफिट सेंट्रलाइज्ड ब्यूरोक्रेटिक ऑर्गेनाइजेशन ICANN द्वारा किया जाता है.

हमारे TLDs (top-level domains) [इसे आगे विस्तार से समझाया गया है] या एक्सटेंशन Handshake पर हैं और Agaamin ब्लॉकचेन की टॉप रजिस्ट्री की तरह काम करता है. हमारे पास अपना खुद का रजिस्ट्रार है और दुनिया के दूसरे हिस्सों में रजिस्ट्रार बनने के लिए दूसरे लोकल प्लेयर्स के साथ पार्टनरशिप करना चाहते हैं.

एक यूजर के रूप में एक बार जब आप कोई डोमेन नेम खरीद लेते हैं, तो आपके डैशबोर्ड में एक DNS (Domain Name System) मैनेजमेंट कंसोल होता है. आप जो कुछ भी चाहते हैं उसे रिकॉर्ड करने के लिए आप DNS का इस्तेमाल कर सकते हैं!

जब भी आप किसी वेबसाइट का नाम URL बार में टाइप करते हैं तब वह डोमेन नेम की मदद से आपके सर्वर के IP एड्रेस को पॉइंट करता है जिससे आप उस वेबसाइट को देख पाते हैं, जिसके बारे में आपने सर्च किया था.

Agaamin अभी तक एक बूटस्ट्रैप्ड (खुद के निवेश से शुरू) स्टार्टअप है. साजन ने अब तक लगभग 45 लाख रुपये का निवेश किया है. उन्होंने 3000 से अधिक हाई वैल्यू के TLDs के लिए लाइफटाइम IP (intellectual property) अधिकार हासिल किए हैं. वे दुनिया भर में विशेष रूप से भारत और दक्षिण एशिया की सभी प्रमुख संस्कृतियों को कवर करते हैं.

यदि आप सोच रहे हैं कि TLDs क्या है…. google.com नाम में, ".com" एक TLD है. हमारे पास सभी भारतीय भाषाओं में भारत के लिए .भ/, उनकी संबंधित भाषाओं में सभी प्रमुख भारतीय उपनाम, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व, रूस, जापान के लिए सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शब्द और सभी प्रमुख देशों आदि के लिए फ्लैगिकॉन (फ्लैग + इमोजी) हैं.

क्या थी चुनौतियां?

साजन नायर कहते हैं: "नॉन-टेक्निकल बैकग्राउंड से आने के कारण सबसे बड़ी समस्या यह थी कि लोग मुझे गंभीरता से नहीं ले रहे थे. सभी ने सोचा कि यह सिर्फ बातें हैं. इसे हक़ीक़त में साकार नहीं किया जा सकता. कोई भी इस प्रोजेक्ट को हाथ में नहीं लेना चाहता था, जबकि मैं पैसे देने के लिए भी तैयार था. इससे मुझे थोड़ा झटका लगा! लेकिन इसने मुझे हर किसी को गलत साबित करने के लिए और भी दृढ़ बना दिया."

वे आगे बताते हैं, "और मैंने ठान ली कि इसे साकार करना ही है. मैंने खूब रिसर्च की. YouTube और Freecodecamp.org से बहुत मदद मिली. जब मैंने आर्किटेक्चर और एग्जीक्यूशन को समझ लिया, तो मैंने कोडिंग के लिए एक डेवलपर की तलाश शुरू की, तभी मुझे एहसास हुआ कि भारत में पूरा "डेवलपर" इकोसिस्टम मुख्य रूप से एंड्रॉइड और आईओएस पर ऐप्स डेवलप करने के लिए तैयार है. जब इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर और ब्लॉकचेन पर काम करने की बात आती है तो टैलेंट पूल बहुत कम होता है."

Agaamin के वर्तमान टेक हेड राजू गुप्ता को ऑन-बोर्ड करने के बारे में बताते हुए साजन कहते हैं, "यहां मैंने खुद को भाग्यशाली पाया. राजू मेरे विजन को समझते थे और इसको लेकर उतने ही उत्साहित थे, जितना मैं. हमने अपनी Mega Registry को पूरा करने के लिए 5 महीने से अधिक समय तक काम किया."

बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल

स्टार्टअप के बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल के बारे में बताते हुए साजन कहते हैं: "हम अपने प्राइमरी मॉडल के तौर पर डोमेन नेम के लिए एनुअल रिनिवल (renewal) फीस के साथ आगे बढ़ रहे हैं. यह चलन पहले से ही डोमेन नेमस्पेस इंडस्ट्री द्वारा फॉलो किया जा रहा है और इस तरह यह एक टाइम टेस्टेड, मैच्योर इंडस्ट्री प्रैक्टिस है."

साजन बताते हैं: "हमारे पास Handshake कम्यूनिटी के यूजर हैं. हम अभी बेहद ज्यादा मार्केटिंग नहीं कर रहे हैं."

स्टार्टअप इस वर्ष रेवेन्यू के बजाय टेक्नोलॉजी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने पर जोर दे रहा है. साजन बताते हैं: "अब हम स्मार्ट नेम इकोसिस्टम बनाने के लिए IITs, BITs IIMs, LSR और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों और कॉलेजों के साथ टाई-अप करना चाह रहे हैं ताकि वे उन पर शानदार चीजें बनाना शुरू कर सकें."

एक बार जब चीजें आइडेंटिफिकेशन सिस्टम का उपयोग करके बन जाएंगी, तो रिनिवल फीस के रूप रेवेन्यू भी हासिल होगा.

Agaamin की USP (unique selling proposition) के बारे में पूछे जाने पर साजन कहते हैं — आपकी मातृभाषा में आपकी खास डिजिटल ऑनलाइन आइडेंटिटी.

भविष्य की योजनाएं

स्टार्टअप का लक्ष्य अब फिनटेक स्पेस में एक बड़ी समस्या को हल करने के लिए स्मार्ट नेम्स का उपयोग करना है.

UPI बेहद उपयोगी है, लेकिन मुख्य रूप से लापरवाही से फोन नंबरों की अदला-बदली करके इसे इस्तेमाल किया जाता है. जबकि क्यूआर कोड ने इस समस्या को कुछ हद तक हल कर दिया है. हमारे समाज में मनी ट्रांसफर के लिए फोन नंबरों की अदला-बदली जारी है. यह प्राइवेसी का मसला हो सकता है; खास तौर पर महिलाओं के लिए. जैसे-जैसे UPI अंतरराष्ट्रीय होता जाएगा यह चिंता और बढ़ती जाएगी.

Agaamin को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए साजन कहते हैं: "हम अपने स्मार्ट नेम्स को UPI नेम्स के रूप में इस्तेमाल करने में सक्षम होने के लिए UPI के ऊपर एक ऐप लेयर बनाएंगे. इस लेयर को बाद में सभी क्रिप्टो एड्रेस, सरकारी CBDCs और यहां तक कि PayPal जैसी सर्विसेज तक बढ़ाया जा सकता है. ये नाम भारतीय भाषाओं में काम करेंगे."

साजन ने बातचीत के अंत में बताया कि Agaamin को हाल ही में IIT Mandi द्वारा इनक्यूबेशन के लिए चुना गया है. इसके साथ ही स्टार्टअप को NIIMS में अटल इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा भी इनक्यूबेशन के लिए चुना गया है.