आईआईटी से पढ़कर निकले बिहार के इस शख्स को मिली बोइंग कंपनी की कमान
प्रत्यूष अभी भारत में बोइंग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और आने वाले वक्त में वे अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए F-15 का बिजनेस संभालेंगे।
बोइंग की तरफ से उम्मीद जताई गई है कि प्रत्यूष के भीतर नेतृत्व की अद्भुद क्षमता है और वे कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान प्रत्यूष ने भारत में बोइंग के बिजनेस में काफी योगदान दिया। बोइंग ने इन सालों में सरकार और इंडस्ट्री से भी अपने रिश्ते मजबूत किए।
प्रत्यूष कुमार का जन्म बिहार के एक ऐसे गांव में हुआ था जहां न तो सड़क की पहुंच थी और न ही बिजली की कोई व्यवस्था। यही वजह थी कि उन्हें उनके दादा जी ने 11 साल की उम्र तक पढ़ाया। लेकिन कौन जानता था कि किशोर प्रत्यूष एक दिन विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के हेड बन जाएंगे। प्रत्यूष अभी बोइंग इंडिया के हेड हैं और उन्हें अमेरिका के फाइटर जेट प्रोग्राम F-15 की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रत्यूष अभी भारत में बोइंग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और आने वाले वक्त में वे अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए F-15 का बिजनेस संभालेंगे। इस मौके पर बोइंग इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट मार्क एलेन ने बयान जारी करते हुए कहा, 'मैं प्रत्यूष कुमार को भारत में बोइंग के बिजनेस में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं। उनकी बदौलत देश में एयरोस्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला। प्रत्यूष एक अच्छे लीडर हैं और उनके भीतर वैश्विक टीम को संभालने की क्षमता है।'
बोइंग की तरफ से उम्मीद जताई गई है कि प्रत्यूष के भीतर नेतृत्व की अद्भुद क्षमता है और वे कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान प्रत्यूष ने भारत में बोइंग के बिजनेस में काफी योगदान दिया। बोइंग ने इन सालों में सरकार और इंडस्ट्री से भी अपने रिश्ते मजबूत किए। बेंगलुरु में इंजीनियरिंग और टेक्नॉलजी सेंटर लॉन्च करने से लेकर नई खोज के लिए हैदराबाद में संयुक्त उपक्रम लगाने तक प्रत्यूष ने कई काम किए। उन्होंने भारतीय सेना के लिए अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर बनाने की डील फाइनल की। इससे बोइंग ने भारत में बिजनेस में काफी वृद्धि की।
यह जानना दिलचस्प है कि प्रत्यूष इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी दिल्ली के छात्र रहे हैं। उन्होंने 1989 में मकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से मटीरियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने अमेरिका में मकैंजी और जनरल इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों में नौकरी भी की। वह 2000 के दशक में बोस्टन में स्टार्टअप्स की भी शुरुआत की थी।
प्रत्यूष ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं हमेशा की तरह भारत में बोइंग के भविष्य के लिएउत्साहित हूं और हम भारत में अपनी जड़ों को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं। आने वाले समय में हम अपनी तकनीक, नवाचारों और उत्पादों का विस्तार करना जारी रखेंगे। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसके बारे में जानकर मैं काफी उत्साहित हूं। मुझे उम्मीद है कि F-15 कार्यक्रम के जरिए हम मजबूत व्यावसायिक गति बरकरार रखेंगे।'
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