PMJDY खातों के तहत कुल जमा राशि 2,03,505 करोड़ रुपये है: सरकार
‘प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)’ के सफल कार्यान्वयन के नौ साल पूरे हो गए हैं. इसकी शुरुआत से लेकर अब तक 50 करोड़ से भी अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग सुविधा दी गई है. PMJDY खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से 3.4 गुना बढ़कर 16-08-2023 तक 50.09 करोड़ हो गई.
‘प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)’ - वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन के सफल कार्यान्वयन के नौ साल आज पूरे हो गए हैं.
‘PMJDY’ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी. 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को दरअसल गरीबों को एक दुष्चक्र से मुक्ति दिलाने का जश्न मनाने का त्योहार बताया था.
दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में इसे भी शामिल किए जाने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय वित्तीय समावेशन आधारित अपने उपायों के जरिए हाशिये पर पड़े और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को वित्तीय समावेशन एवं आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. वित्तीय समावेशन (FI) के तहत समान और समावेशी विकास के साथ-साथ समाज के उन असुरक्षित समूहों जैसे कि निम्न-आय समूहों और कमजोर वर्गों को किफायती लागत पर वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने को बढ़ावा दिया जाता है जिनकी पहुंच बुनियादी बैंकिंग सेवाओं तक नहीं है.
वित्तीय समावेशन के जरिए गरीबों की बचत राशि को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाया जाता है और यह गांवों में रह रहे उनके परिवारों को धन भेजने का अवसर प्रदान करता है. इसके अलावा यह उन्हें सूदखोर साहूकारों के चंगुल से बाहर निकालता है.
‘PMJDY’ की 9वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने संदेश में कहा, "PMJDY की अगुवाई में ठोस उपायों के 9 साल के महत्वपूर्ण दौर और डिजिटल बदलाव ने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांति ला दी है. यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि जन धन खाते खोलकर 50 करोड़ से भी अधिक लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया गया है. इन खातों में से लगभग 55.5 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं, और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इन खातों में कुल जमा राशि बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है. इसके अलावा, इन खातों के लिए लगभग 34 करोड़ ‘रुपे कार्ड’ बिना किसी शुल्क के जारी किए गए हैं, जिसके तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान किया जाता है."
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, "समस्त हितधारकों, बैंकों, बीमा कंपनियों और सरकारी अधिकारियों के आपसी सहयोग से PMJDY एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में उभर कर सामने आई है, जो देश में वित्तीय समावेशन के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल रही है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परिकल्पना की थी."
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने भी इस अवसर पर ‘PMJDY’ के बारे में अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा, "PMJDY योजना ने समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को औपचारिक बैंकिंग के दायरे में लाकर वित्तीय अस्पृश्यता को कम कर दिया है. समाज के कमजोर वर्गों की पहुंच बैंकिंग सुविधाओं तक सुनिश्चित करके, ऋणों की उपलब्धता तक लोगों की पहुंच को सुविधाजनक बनाकर, बीमा एवं पेंशन कवरेज प्रदान करके और वित्तीय जागरूकता बढ़ाकर इस योजना ने दूरगामी परिणाम प्रस्तुत किए हैं और अर्थव्यवस्था पर इसका कई गुना सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा, ‘जन धन-आधार-मोबाइल (जैम)’ ने आम आदमी के खातों में सरकारी लाभों का निर्बाध रूप से सफल हस्तांतरण संभव कर दिया है. PMJDY खाते इसके साथ ही डीबीटी जैसी जन-केंद्रित पहल का आधार बन गए हैं और इसने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों के समावेशी विकास में अहम योगदान दिया है."
अब जबकि हमने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं, तो हम इस योजना के अब तक के प्रमुख पहलुओं और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं.
- 9 अगस्त 2023 तक PMJDY खातों की कुल संख्या: 50.09 करोड़; 55.6 प्रतिशत (27.82 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं और 66.7 प्रतिशत (33.45 करोड़) जन-धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं.
- इस योजना के प्रथम वर्ष के दौरान 17.90 करोड़ PMJDY खाते खोले गए.
- PMJDY खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना (3.4) बढ़कर 16-08-2023 तक 50.09 करोड़ हो गई है.
- PMJDY खातों में कुल जमा राशि 2,03,505 करोड़ रुपये है.
- खातों की संख्या में 3.34 गुना वृद्धि के साथ जमा राशि लगभग 13 गुना बढ़ गई है (अगस्त'2023/अगस्त'2015)
- 16.08.2023 तक प्रति खाता औसत जमा राशि 4,063 रुपये है.
- अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाता औसत जमा राशि 3.8 गुना से भी अधिक बढ़ गई है.
- औसत जमा राशि में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों के बीच बचत की आदत विकसित होने का एक और संकेत है.
- PMJDY खाताधारकों को कुल 33.98 करोड़ 'रुपे कार्ड' जारी किए गए.
- जुलाई 2023 तक कुल 6.01 लाख गांवों की मैपिंग जेडीडी ऐप पर की गई है. मैपिंग किए गए कुल गांवों में से 5,99,468 (99.7प्रतिशत) को बैंकिंग आउटलेट (बैंक शाखा, बैंकिंग कॉर्नर या इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) 5 किमी के दायरे में है) से कवर कर दिया गया है.