हसरतों के घर को 'लिवस्पेस' की आंखों से देखिए, एकदम अलग दिखेगा
डिजाइनअप के हाथ में आ जाने के बाद लिवस्पेस का लक्ष्य है गृहसज्जा के लिए अकेला ऑनलाइन गंतव्य बनना
ई-कॉमर्स उद्योग में उछाल के साथ ही गृहसज्जा क्षेत्र ने भी गति पकड़ी है। फंडिंग के अलावा, विलय और अधिग्रहण भी अब इसके हिस्से हैं। हमलोेगों ने हाल ही में गृह एवं गृहसज्जा क्षेत्र में एकीकरण को कवर किया है।
इस मामले में सबसे ताजा उदाहरण लिवस्पेस का है जिसने डिजाइनअप का अधिग्रहण कर लिया है। इस अधिग्रहण के साथ लिवस्पेस का लक्ष्य अपने ग्राहकों को डिजाइन के अधिक विकल्प उपलब्ध कराना है। ‘‘अब गृहस्वामी एक ही ऑनलाइन गंतव्य पर जा सकते हैं जहां वे विभिन्न प्रकार के लुक वाली सूची में से चुनकर अपने घरों को डिस्कवर और पर्सनलाइज कर सकते हैं,’’ लिवस्पेस के सह-संस्थापक अनुज श्रीवास्तव कहते हैं।
आरंभ
लिवस्पेस की स्थापना अनुज श्रीवास्तव, शगुफ्ता अनुराग और रमाकांत शर्मा ने की थी। सभी लोग भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि के हैं और लिवस्पेस में खास भूमिकाएं निभाते हैं। यह उद्यमियों, उत्पाद प्रबंधकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की टीम है। कानपुर आइआइटी के पूर्व छात्र रहे अनुज श्रीवास्तव सिलिकन वैली में गूगल के अनेक ई-कॉमर्स और ऑनलाइन उत्पादों के लिए प्रोडक्ट मार्केटिंग हेड रह चुके हैं। शगुफ्ता अनुराग आर्किटेक्ट और एक कॉर्पोरेट डिजाइन कंपनी स्पेस मैट्रिक्स के संस्थापक हैं। रमाकांत शर्मा भी कानपुर आइआइटी के पूर्व छात्र हैं और वह मिंत्रा में इंजीनियरिंग के उपाध्यक्ष थे।
हमलोग एक ही दृष्टि से प्रेरित हैं : भारत के बाहर सचमुच का भिन्न, प्रौद्योगिकी वाहित स्टार्टअप बनाना। हम तीनों संभवतः सबसे अच्छी टीम हैं जो लिवस्पेस बनाने के लिए साथ आ सकते थे।
वह यह भी बताते हैं कि सबको मिलाकर देखने पर टीम के पास ई-कॉमर्स और ऑनलाइन उत्पादों के निर्माण का 20 वर्षों से भी अधिक का और स्पेस मैट्रिक्स के जरिए फॉर्चून 500 में शामिल कंपनी के प्रेमिसेस सहित 25 हजार से भी अधिक घरों को डिजाइन करने का अनुभव है।
विकास और एड्रेसेबल बाजार
जहां गृहसज्जा और डिजाइन का क्षेत्र प्रतिस्पर्धा से भरा पड़ा है, वहीं लिवस्पेस का कहना है कि गत वर्ष फंडिंग के अंतिम राउंड के बाद से उसके प्रति अच्छा खिंचाव दिखा है। टीम का दावा है कि अपना व्यवसाय शुरू करने के एक तिमाही के अंदर ही उन्हें कई मिलियन डॉलर का काम हासिल हो गया था और उसमें हर महीने विकास हो रहा है। वे यह भी बताते हैं कि उन्हें कुछ महीनों में 1000 प्रतिशत का विकास दिखा है।
‘‘कंपनी शुरू करने के बाद से कर्मचारियों की संख्या 500 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ी है। हमलोग तूफानी रफ्तार से बढ़ रहे हैं और लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं,’’ अनुज जी बताते हैं। लिवस्पेस के ग्राहक सभी प्रकार के कमरों के लिए अनेक प्रकार के इंटीरियर डिजाइन पा सकते हैं और कुछ सप्ताहों के अंदर अपने घरों का वांछित लुक पाने के लिए (रंग, सामग्री और स्टाइल के जरिए) अपना-अपना डिजाइन पर्सनलाइज कर सकते हैं।
भारत में संगठित रिटेल क्षेत्र के 25 प्रतिशत से भी अधिक साल दर साल विकास से गति पाकर होम डिजाइन और गृहसज्जा का बाजार 2010 के 3 अरब डॉलर से बढ़कर 2015 तक 25 अरब डॉलर हो जाने की आशा है। इंटरनेट क्षेत्र तिमाही दर तिमाही 100 प्रतिशत से भी अधिक की दर से विकसित हो रहा है।
डिजाइनअप का अधिग्रहण
लिवस्पेस की स्थपना गृहस्वामियों और डिजाइनर, दोनो प्रकार के लोगों के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस बनाने के लिहाज से की गई थी जो एंड-टू-एंड होम डिजाइन और गृहसज्जा का अनुभव कराए। अनुज जी कहते हैं, ‘‘डिजाइनअप में हमलोगों ने एक स्तर, बौद्धिक विरासत, और ऊर्जा का अपने ही जैसा मेल देखा। सौरभ, अर्पित और स्वाति अब भी उतने ही अच्छे हैं जितने अच्छे आने के समय थे। उनका युवा, ऊर्जावान होना और किया जा सकता है, हो जाएगा की भावना प्रेरित करने वाली थी। हमलोगों ने बहुत तेजी से फैसला लिया और अब उन्हें लिवस्पेस परिवार में शामिल करके हमलोग बहुत खुश हैं।’’
अधिग्रहण के बाद की विकास योजनाएं
अधिग्रहण के बाद लिवस्पेस को देश के बड़े महानगरों में विकास करने की आशा है। कंपनी इंजीनियरिंग, डिजाइन, डेटा साइंटीस्ट और बाजार में उतरने वाले प्रोफेशल्स जैसे मुख्य कार्य करने वाले लोगों की तेजी से नियुक्ति कर रही है।
लिवस्पेस मांग बढ़ाने के लिए अधिक प्रौद्योगिकी और डेटा साइंस के उपयोग का प्रयास कर रही है। ‘‘एक कार्यनीति ‘फाइंड योर अपार्टमेंट’ फीचर निर्मित करना है - जहां आप आप अपार्टमेंट खोज सकते हैं और उसके बाद अपने अपार्टमेंट के लिए डिजाइन डिस्कवर कर सकते हैं। ग्राहकों को अपना अपार्टमेंट खरीदने के पहले उनके लिए डिजाइन तैयार देखना अच्छा लगता है,’’ अनुज जी बताते हैं।