#Metoo: यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को मुफ्त में कानूनी सहायता दे रहीं ये वकील
रुतुजा और वीरा महुली ने पीड़ित महिलाओं को मुफ्त में कानूनी सलाह देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीड़ित और न्याय के बीच एक गहरी खाई है, जिसे पाटने का काम करना होगा।
बीते कुछ दिनों में यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई पीड़िताओं ने अपनी कहानी साझा की और उन लोगों को बेनकाब किया जिनका व्यवहार महिलाओं के प्रति ठीक नहीं था।
भारत में बीते कुछ दिनों से #MeToo और #TimesUp अभियानों के जरिए महिलाओं के साथ होने वाले यौन दुराचार की कई सारी कहानियां हमारे सामने आईं, लेकिन उन महिलाओं को न्याय दिलाने और आरोपियों को सजा दिलाने की कोई बात नहीं हो रही है। बॉम्बे हाई कोर्ट में सिविल लॉयर रुतुजा शिंदे ने #MeToo और #TimesUp अभियान में अपना समर्थन देते हुए कहा कि माफी मांग लेने से उत्पीड़न जैसे कृत्य को झुठलाया नहीं जा सकता। माफी का मतलब सिर्फ इतना होता है कि आरोपी ने अपनी गलती स्वीकारी है। पीड़िता चाहे तो संबंधित व्यक्ति पर केस दर्ज कर सकती है और इससे केस कमजोर नहीं होगा।
इंडियन वूमन ब्लॉग को दिए इंटरव्यू में रुतुजा और वीरा महुली ने पीड़ित महिलाओं को मुफ्त में कानूनी सलाह देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीड़ित और न्याय के बीच एक गहरी खाई है, जिसे पाटने का काम करना होगा। बीते कुछ दिनों में यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई पीड़िताओं ने अपनी कहानी साझा की और उन लोगों को बेनकाब किया जिनका व्यवहार महिलाओं के प्रति ठीक नहीं था। बॉलिवुड ऐक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर और डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री पर यौन दुराचार के आरोप लगाए। भारत में यह अपनी तरह से #MeToo अभियान की शुरुआत थी।
सिर्फ एक सप्ताह के अंदर केवल ट्विटर पर ही 50 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए जो इस तरह के कृत्य में लिप्त थे। अब इन मामलों की तह तक जाने की कोशिश हो रही है। बेटर इंडिया को दिए इंटरव्यू में वीरा ने कहा, 'काफी सारे लोग इस अभियान की सत्यता और विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं। यह सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि महिलाओं के साथ कानून के अनुपालन के अनुभव बुरे रहे हैं। हालांकि इन महिलाओं की कहानी सुनी जानी बेहद जरूरी है, लेकिन मुझे लगता है कि कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।'
अब वीरा और रुतुजा अपने राज्य की उन पीड़िताओं और वकीलों से संपर्क कर रही हैं जो कानूनी कार्रवाई करने को इच्छुक हैं। साथ ही साथ ये दोनों वकील महिलाओं को कानूनी सलाह देंगी और उसके बदले किसी भी प्रकार की फीस नहीं लेंगी। वीरा कहती हैं, 'अभी भी औरतें इतनी जागरूक नहीं हैं कि वे कानूनी लड़ाई लड़ सकें, इसके साथ ही हमारा समाज भी इतना सपोर्टिव नहीं है कि वो इन महिलाओं का समर्थन कर सके। अब जब ये कहानियां सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं तो कानूनी लड़ाई लड़ने और आरोपी को सजा दिलाने में आसानी होगी।'
अगर आपके साथ भी किसी तरह का यौन दुर्व्यवहार हुआ है और आप कानूनी सलाह लेने की सोच रही हैं तो रुतुजा और वीरा से संपर्क कर सकती हैं। रुतुजा की मेल आईडी [email protected] है और वीरा से ट्विटर @veeramahuli पर संपर्क किया जा सकता है।
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