NDTV में ओपन ऑफर के लिए Adani Group ने बताई नई तारीख, जानिए कब से खरीद सकते हैं शेयर
बीएसई (BSE) के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2022 तक कंपनी (NDTV) में पब्लिक शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 38.55 फीसदी है. इसमें से 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अडाणी ग्रुप ने ओपन ऑफर जारी किया है.
देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी के समूह ने शुक्रवार को एनडीटीवी में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए प्रस्तावित ओपन के लिए एक नई तारीख की घोषणा कर दी है. अडानी समूह की स्टॉक एक्चेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक, ओपन ऑफर 22 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खोलने का प्रस्ताव है और 5 दिसंबर को बंद होगा.
बीएसई (BSE) के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2022 तक कंपनी (NDTV) में पब्लिक शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 38.55 फीसदी है. इसमें से 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अडाणी ग्रुप ने ओपन ऑफर जारी किया है.
समूह इससे पहले एनडीटीवी में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश करने से चूक गया था. अडाणी ग्रुप ने इसके लिए पिछली टाइमलाइन 17 अक्टूबर से 1 नवंबर तय की थी.
विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने एएमजी मीडिया नेटवर्क्स (AMG Media Networks) और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) के साथ 294 रुपये प्रति शेयर की ऑफर प्राइस पर अतिरिक्त 26 फीसदी या 1.67 करोड़ इक्विटी शेयर हासिल करने का प्रस्ताव रखा है. यह ऑफर पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाता है तो इसकी कुल कीमत 492.81 करोड़ रुपये हो जाएगी.
अडानी ने ऐसे हासिल की NDTV में हिस्सेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गौतम अडानी की कंपनी है और एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) इसी की मीडिया कंपनी है. इस साल अगस्त में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने वीपीसीएल का अधिग्रहण कर लिया. वीपीसीएल का मालिकाना हक इससे पहले एमिनेंट नेटवर्क्स एंड नेक्स्टवेव टेलिवेंचर्स के पास था.
वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर के कन्वर्टिबल डिबेंचर्स थे, जिसे कंपनी ने लोन के बदले जारी किया था. कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ऐसे वॉरंट होते हैं, जिनसे डेट यानी कर्ज को इक्विटी में बदला जा सकता है.
ये डिबेंचर्स 2009-10 में 404 करोड़ रुपये के लोन के बदले लिए गए थे. वीपीसीएल ने इन डिबेंचर्स को ही इक्विटी में बदल दिया. इसका मतलब है कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी. वीपीसीएल ने आरआरपीआर में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी को कंट्रोल करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है.
क्या होता है ओपन ऑफर?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी (SEBI) के अनुसार वह कंपनी ओपन ऑफर ला सकती है जो किसी दूसरी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण कर रही हो. जब अधिग्रहण करने वाली कंपनी टारगेट कंपनी के शेयरहोल्डर्स को एक तय भाव पर शेयर बेचने का ऑफर देती है, तो उसे ओपन ऑफर कहा जाता है. देखा जाए तो एक ओपन ऑफर के जरिए कंपनी दूसरी कंपनी के शेयरहोल्डर्स को अपने शेयर बेचकर कंपनी से बाहर निकलने का मौका देती है.
Edited by Vishal Jaiswal