AI स्टार्टअप OrbitShift ने सीड फंडिंग में जुटाए 7 मिलियन डॉलर
OrbitShift इस फंडिंग का उपयोग अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने और अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाने के लिए करना चाहता है.
AI स्टार्टअप OrbitShift ने Peak XV’s Surge (पूर्व में Sequoia Capital India) और Stellaris Venture Partners की अगुवाई में 7 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई है.
स्टार्टअप का इरादा इस फंड का इस्तेमाल एंटरप्राइज ग्राहकों के लिए AI-नेटिव सेल्स ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में करना है.
यह ताजा फंडिंग राउंड 1.5 मिलियन डॉलर के प्री-सीड राउंड के बाद आया है, जिससे कंपनी द्वारा जुटाई गई कुल फंडिंग 8.5 मिलियन डॉलर हो गई है.
सौरभ मिश्रा और स्वप्निल सैकर द्वारा स्थापित और एक साल पहले लॉन्च किए गए OrbitShift के प्रोडक्ट्स में accountOS, rfpOS, और pitchOS शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थित अपने एंटरप्राइज ग्राहकों के साथ पूर्ण बिक्री जीवनचक्र को पूरा करता है.
OrbitShift के को-फाउंडर सौरभ मिश्रा ने कहा, "OrbitShift सलाहकार बिक्री संगठनों के लिए मेरी गहरी ज़रूरत का नतीजा है, जो एंटरप्राइज़ सेल्स इकोसिस्टम में दुनियाभर में टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लीडरों के साथ मिलकर काम करने के दो दशकों के अनुभव से शुरु हुआ है. हम सलाहकार एंटरप्राइज़ सेल्स और मार्केटिंग टीमों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं, जो डेटा, रिसर्च रिपोर्ट और अलग-अलग टूल्स की अधिकता से निपट रहे हैं, जो उनकी बिक्री गतिविधियों के अनुकूल नहीं हैं."
उन्होंने कहा कि कंपनी के प्रोडक्ट्स ने पहले ही 10 से अधिक वैश्विक कंपनियों को सशक्त बनाया है. कंपनी के अनुसार, यह अपने ग्राहकों के लिए रिसर्च और सेल्स प्लानिंग टाइम को 40-50% तक कम करने में कामयाब रही.
Stellaris Venture Partners के पार्टनर आलोक गोयल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि AI सभी व्यावसायिक कार्यों को बदल देगा. हालाँकि, एंटरप्राइज़ सेल्स जैसे कुछ कार्यों के लिए अधिक निर्णय की आवश्यकता होती है और इसलिए, AI से निपटना कठिन होता है. एंटरप्राइज़ सेल्स में लंबे बिक्री चक्र और कई हितधारकों के साथ समग्र समाधान-उत्पादों और सेवाओं का मिश्रण-बेचना शामिल है. यह जटिलता एक पीढ़ीगत AI-नेटिव सॉफ़्टवेयर बिजनेस बनाने का अवसर प्रस्तुत करती है, और हमारा मानना है कि OrbitShift ऐसा करने के लिए तैयार है."
(Translated by: रविकांत पारीक)