Airbnb ने 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था में दिया 7200 करोड़ रुपये का योगदान: रिपोर्ट
भारत में एयरबीएनबी की सर्वाधिक उपस्थिति गोवा में रही, जहां एयरबीएनबी के मेहमानों ने करीब 190 मिलियन डॉलर (1480 करोड़ रुपये) खर्च किए. इसके बाद बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई और मनाली का स्थान रहा.
हाइलाइट्स
- Airbnb ने 2022 में भारत की GDP में 7200 करोड़ रुपये का योगदान दिया और 85,000 से ज्यादा नौकरियों को भी समर्थन दिया
- 2022 में Airbnb के मेहमानों ने भारत में कुल 6400 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2019 की तुलना में दोगुना है
- रिपोर्ट में शहरी क्षेत्रों के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में भी बढ़ते पर्यटन की तस्वीर सामने आई, साथ ही महामारी के बाद से फ्लेक्सिबल वर्क अरेंजमेंट के कारण लॉन्ग-टर्म स्टे ट्रिप्स बढ़ने की बात भी सामने आई
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के नए अध्ययन में सामने आया है कि भारत के पर्यटन उद्योग में
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. अकेले 2022 में एयरबीएनबी ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 920 मिलियन डॉलर (7200 करोड़ रुपये) से ज्यादा का योगदान दिया था. साथ ही स्थानीय स्तर पर 85,000 नौकरियों को समर्थन प्रदान किया. कोविड-19 महामारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद जीडीपी में योगदान और रोजगार को समर्थन का यह आंकड़ा 2019 की तुलना में दोगुना है.रिपोर्ट में एयरबीएनबी के मेहमानों द्वारा किए जाने वाले खर्च से स्थानीय समुदायों के जीवन पर पड़ने वाले मल्टीप्लायर इफेक्ट की तस्वीर भी सामने आई. 2022 में एयरबीएनबी के मेहमानों ने भारत में ट्रांसपोर्टेशन, रेस्टोरेंट और रिटेल स्टोर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कुल 815 मिलियन डॉलर (6400 करोड़ रुपये) खर्च किए. मेहमानों द्वारा 2022 में किया गया यह खर्च 2019 की तुलना में दोगुने से ज्यादा है.
भारत में एयरबीएनबी की सर्वाधिक उपस्थिति गोवा में रही, जहां एयरबीएनबी के मेहमानों ने करीब 190 मिलियन डॉलर (1480 करोड़ रुपये) खर्च किए. इसके बाद बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई और मनाली का स्थान रहा.
रिपोर्ट में देशभर में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने में एयरबीएनबी के मेहमानों के उल्लेखनीय योगदान की तस्वीर भी सामने आई. 2022 में एयरबीएनबी के घरेलू मेहमानों ने कुल 670 मिलियन डॉलर (5260 करोड़ रुपये) खर्च किए. एयरबीएनबी के ग्राहकों द्वारा भारत में किए गए कुल खर्च का यह करीब 82 प्रतिशत है. 2019 की तुलना में यह तीन गुना है.
रिपोर्ट में महामारी के बाद से पर्यटन के क्षेत्र में आए दो महत्वपूर्ण बदलाव भी सामने आए. पहला, महामारी के बाद से पर्यटन शहरी क्षेत्रों से दूरदराज के क्षेत्रों की ओर खिसका है. दूसरा, फ्लेक्सिबल वर्क अरेंजमेंट के कारण अब लॉन्ग-टर्म स्टे यानी ज्यादा समय कहीं रुकने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के डायरेक्टर (इकोनॉमिक कंसल्टिंग इन एशिया) जेम्स लैंबर्ट ने कहा, “कोविड-19 महामारी को देखते हुए एयरबीएनबी ने भारत में यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र को पुन: पटरी पर लाने में स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. देश में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग को नया स्वरूप देने वाले कुछ ट्रेंड्स के मामले में एयरबीएनबी सबसे आगे रहा है. इनमें शहरों से दूरदराज के एवं ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ता पर्यटन और कहीं भी रहते हुए काम करने की सुविधा के कारण लॉन्ग-स्टे ट्रिप्स जैसे ट्रेंड शामिल हैं.”
पिछले तीन साल में पर्यटन सेक्टर को संभालने में घरेलू यात्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भारतीय मेहमान इंटरनेशनल हॉलीडे के विकल्प के रूप में घरेलू पर्यटन में अवसर देख रहे हैं. सेल्फ ड्राइव और रीजनल ट्रिप्स की लोकप्रियता बढ़ी है, जिससे भारत में पारंपरिक या कथित रूप से लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर होने वाला खर्च अन्य क्षेत्रों तक पहुंचा है.
एयरबीएनबी के जनरल मैनेजर (भारत, दक्षिणपूर्व एशिया, हांगकांग एवं ताइवान) अमनप्रीत बजाज ने कहा, “भारत में एयरबीएनबी से यात्रा के माध्यम से जीडीपी एवं रोजगार में योगदान ने अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव डाला है, जिससे दुकान, रेस्टोरेंट, बार और कैफे जैसे स्थानीय कारोबारों के विकास को गति मिली है. किसी जगह पर्यटकों को कैसा अनुभव होगा, उसमें इन स्थानीय लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “यात्राएं अब ज्यादा विविधतापूर्ण हुई हैं और इसी कारण से इनके आर्थिक लाभ अब ज्यादा गंतव्यों तक पहुंच रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान मिला है. इस विविधता को एयरबीएनबी पर होस्ट से गति मिली है और इससे विभिन्न समुदायों के लिए आर्थिक अवसर सृजित हुए हैं.”
'अब भारत में लगभग सभी गंतव्यों पर पर्यटकों का आना शुरू होने लगा है और ऐसे में हम समान, समावेशी और सस्टेनेबल तरीके से टूरिज्म इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए सरकारों एवं समुदायों के साथ साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
बता दें कि इस रिपोर्ट में मार्च, 2023 से पहले के 12 महीनों को शामिल किया गया है. यह वह समय है, जब पूरे भारत में यात्रा प्रतिबंध हटने लगे थे. रिपोर्ट में मार्च, 2023 समेत पिछले 12 महीनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है, जिसका उल्लेख 2022 के रूप में किया गया है. यह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बाद का पूरे एक वर्ष को प्रदर्शित करता है. रिपोर्ट में डॉलर एवं रुपये का एक्सचेंज रेट अध्ययन के समय के आधार पर माना गया है और ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के आंकड़ों का प्रयोग किया गया है.
Edited by रविकांत पारीक