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Moonlighting करने वालों के लिए बजी खतरे की घंटी, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ले रहीं कंपनियां

Moonlighting करने वालों को ट्रैक करने के लिए, फोरेंसिक विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं. ये सॉफ्टवेयर पब्लिक-सोर्स डेटाबेस और सोशल मीडिया एनालिटिक्स से डेटा प्राप्त करते हैं.

Moonlighting करने वालों के लिए बजी खतरे की घंटी, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ले रहीं कंपनियां

Thursday October 20, 2022 , 4 min Read

मूनलाइटर्स (Moonlighters) का पता लगाने और उनके अनुपालन की समीक्षा करने के लिए कंपनियां तेजी से फोरेंसिक और रोजगार सत्यापन कंपनियों को काम पर रख रही हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां नियमों को नियंत्रित करने का भी लक्ष्य बना रही हैं क्योंकि अब उन्हें समस्या सामने नजर आने लगी है.

बता दें कि, कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कमाई के लिए स्वतंत्र कोई अन्य काम भी करता है तो उसे ‘Moonlighting’ कहा जाता है. भले ही Moonlighting ने सभी इंडस्ट्रीज को प्रभावित किया हो लेकिन इससे सबसे अधिक प्रभावित सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाओं, ITES, मीडिया और कंसल्टिंग जैसे फील्ड हुए हैं.

दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था तब अच्छी खासी संख्या में कामकाजी लोगों ने नई हॉबिज को अपनाना शुरू कर दिया था या फिर वे अतिरिक्त कमाई के लिए कोई काम करने लगे थे. हालांकि, इस दौरान कई मामलों वे अपनी मौजूदा कंपनियों की प्रतिस्पर्धी कंपनियों के साथ भी करने लगे.

Moonlighting के साथ वर्क फ्रॉम होन की नीति ने इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर बढ़ा दी. तीसरी तिमाही के अपने वित्तीय परिणामों में, भारत की सभी शीर्ष चार प्रमुख आईटी कंपनियों HCL, Wipro, Infosys और TCS में नौकरी छोड़ने की दर 20 फीसदी से अधिक रही.

डिलॉयट फोरेंसिक प्रैक्टिस के प्रमुख निखिल बेदी ने कहा कि हमें संबंधित ग्राहकों से अधिक कॉल आ रहे हैं और वे प्री-स्क्रीनिंग से लेकर जांच तक की मांग कर रहे हैं.

फोरेंसिक्स मैनेज्ड सर्विसेज KPMG India की पार्टनर एंड हेड मनीषा गर्ग ने कहा कि हमने कम से कम 15 नए बड़े कस्टमर्स के साथ समझौते किए हैं, जिनमें शीर्ष-स्तरीय आईटी-संबंधित कंपनियां शामिल हैं. यह एक संयोग ही है कि Moonlighting में बढ़ोतरी के साथ ही इस्तीफे में भी बढ़ोतरी हुई है.

Moonlighting करने वालों को ट्रैक करने के लिए, फोरेंसिक विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं. ये सॉफ्टवेयर पब्लिक-सोर्स डेटाबेस और सोशल मीडिया एनालिटिक्स से डेटा प्राप्त करते हैं. कुछ मामलों में, UAN Number का उपयोग यह पहचानने के लिए भी किया जा रहा है कि कोई व्यक्ति किसी अन्य सोर्स से पैसा प्राप्त कर रहा है या नहीं. अन्य कंपनियों के साथ साक्षात्कार के लिए जूम का उपयोग करने वाले कर्मचारियों को बाहर करने के लिए आवाज के नमूनों का भी उपयोग किया जा रहा है.

IP Address सहित मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) के संवेदनशील डेटा को संभालने वाली कंपनियां Moonlighting को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं. इसका कारण है कि जानकारी लीक होने पर वेंडरों को भारी जुर्माना भरना पड़ता है.

Moonlighting में हो रही बेतहाशा वृद्धि फोरेंसिक पेशेवरों को अनुपालन, नीति, नियंत्रण और फ्रेमवर्क्स के आंतरिक मामलों की समीक्षा करने के लिए प्रेरित कर रही है. टेक्नोलॉजी एक नियंत्रित वातावरण बनाने और पाठ्यक्रम सुधार के लिए निरंतर निगरानी में मदद कर रही है.

भारत की IT इंडस्ट्री Moonlighting पर सख्त

इस साल अगस्त में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने देश में पहली बार कर्मचारियों के लिए ‘Moonlighting’ की पॉलिसी लेकर आई. यह भारतीय इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बदलाव है.

हालांकि, 220 अरब डॉलर से अधिक की देश की सूचना प्रोद्योगिकी (IT) इंडस्ट्री को ‘Moonlighting’ पॉलिसी पसंद नहीं आ रही है. ऐसे में 'Moonlighting' के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने वाली इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है.

Moonlighting को धोखाधड़ी बताने वाले Wipro Ltd के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने सितंबर महीने में इसी कारण से 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की जानकारी दी थी. वहीं, Infosys के सीईओ सलिल पारेख ने सालभर में ऐसे कई कर्मचारियों को निकालने की जानकारी दी है.

हालांकि, इस दौरान Tata ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज TCS ने Moonlighting को गलत तो बताया लेकिन किसी कर्मचारी को निकालने को गलत करार दिया है. उसने कहा कि ऐसे कर्मचारियों के साथ सहानुभूति की जरूरत है.

एचसीएल टेक्नोलॉजीज HCL Technologies Limited ने ‘Moonlighting’ को लेकर कहा है कि वह एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है और यह कंपनी के भीतर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.