एक हफ्ते में Amazon ने भारत में अपनी तीसरी सर्विस बंद की, यह है वजह
अमेजन की योजना अपने कोर बिजनेस पर फोकस करने की है. यही कारण है कि वह अपने अन्य वर्टिकल्स को बंद कर रही है. एक सोर्स ने बताया कि यह कदम आर्थिक मंदी को देखते हु उठाया गया था और कंपनी अब मुख्य व्यवसायों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी.
अपने एजुकेशन सर्विस को बंद करने के बाद दुनिया की दिग्गज टेक और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन ने भारत ने में अब अपने फूड डिलीवरी और डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस को भी बंद करने का फैसला कर लिया है.
अमेजन की योजना अपने कोर बिजनेस पर फोकस करने की है. यही कारण है कि वह अपने अन्य वर्टिकल्स को बंद कर रही है. एक सोर्स ने बताया कि यह कदम आर्थिक मंदी को देखते हु उठाया गया था और कंपनी अब मुख्य व्यवसायों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी.
अमेज़न डिस्ट्रीब्यूशन मुख्य रूप से बेंगलुरु, हुबली और मैसूर में संचालित होता है और लगभग 50 लोगों को रोजगार देता है. डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट कंपनियों से फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स लेती है और उन्हें रिटेलर्स को डिस्ट्रीब्यूट करती है.
अमेज़न इंडिया ने शुक्रवार को अपनी एनुअल ऑपरेटिंग प्लानिंग रिव्यू प्रक्रिया के तहत कंपनी अपनी फूड डिलीवरी सर्विस और अमेजन फूड को बंद करने का फैसला किया.
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एडटेक सेक्टर में भारी उछाल को देखते हुए अमेजन ने पिछले साल ही अपने अमेजन अकेडमी की शुरुआत की थी जिसे पहले 'JEE Ready' कहा जाता था. कंपनी ने यह भी कहा कि इस फैसले का उसके मौजूदा ग्राहकों और सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
वहीं, पिछले हफ्ते श्रम मंत्रालय ने कंपनी को अपने वालंटरी सेपरेशन प्रोग्राम के बारे में सुनवाई के लिए बुलाया था. श्रम मंत्रालय ने पुणे के एक कर्मचारी संगठन-Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) द्वारा Amazon के खिलाफ दायर शिकायत के बाद कंपनी को तलब किया था.
बता दें कि, वालंटरी सेपरेशन प्रोग्राम के तहत भारतीय कर्मचारियों को कुछ मॉनिटरी बेनिफिट्स के बदले कंपनी से बाहर निकलने का आग्रह किया गया था. मंत्रालय ने कंपनी की सीनियर पब्लिक पॉलिसी मैनेजर स्मिता शर्मा को बेंगलुरु में उप मुख्य श्रम आयुक्त ए. अंजनप्पा के समक्ष NITES के साथ सुनवाई के लिए पेश होने के लिए कहा था.
सुनवाई में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर कंपनी ने श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) को सफाई दी है. Amazon India के मुताबिक कंपनी ने किसी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया है, जितने भी इस्तीफे हुए हैं वो सभी स्वैच्छिक हैं.
कंपनी ने बताया कि वह हर साल अपने कर्मचारियों की समीक्षा करती है इस बात की जांच करती है कि क्या उन्हें फिर से व्यवस्थित करने की जरूरत है. कंपनी ने बताया कि सभी वर्कर्स रीअलाइन्मन्ट स्कीम को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र थे. यदि वे योजना को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें "उचित विच्छेद पैकेज" (fair severance package) मिलेगा.
कंपनी ने आगे कहा कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के लिए नहीं कहा गया था, बल्कि उन्हें अपने हिसाब से फैसला लेने की सलाह दी गई थी. कंपनी ने मई में दावा किया था कि उसने भारत में 11.6 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं. 2025 तक, इसने देश में 2 करोड़ नौकरियां देने का संकल्प लिया है.
हाल ही में, कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की जो इसकी कुल वर्कफोर्स का 3 प्रतिशत तक है. 18 नवंबर को, Amazon के सीईओ एंडी जेसी (Andy Jassy) ने ये भी कहा कि साल 2023 की शुरुआत तक कंपनी में छंटनी की प्रक्रिया जारी रहेगी.
आपको बता दें कि 31 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, Amazon में फुल-टाइम और पार्ट-टाइम मिलाकर करीब 16 लाख कर्मचारी काम करते हैं.
Edited by Vishal Jaiswal