Amazon India ने दिव्यांगों को समर्थ बनाने के लिए पांच राज्य सरकारों के साथ साइन किया MoU
2026 तक लागू इस MoU का उद्देश्य इन पाँच राज्यों में दिव्यांगो को नए कौशल सिखाना और रोजगार के अवसर देना है. यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए समावेशी विकास करने और आत्मनिर्भरता लाने के PMO के उद्देश्य के अनुरूप है.
Amazon India ने दिव्यांगो को रोजगार के काबिल बनाने लिए पाँच राज्य सरकारों - हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिल नाडु सरकार के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं. 2026 तक लागू इस MoU का उद्देश्य इन पाँच राज्यों में दिव्यांगो को नए कौशल सिखाना और रोजगार के अवसर देना है. यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए समावेशी विकास करने और आत्मनिर्भरता लाने के PMO के उद्देश्य के अनुरूप है.
इस अभियान द्वारा Amazon का उद्देश्य दिव्यांगो को ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग, कार्य के अवसर और स्वीकार्यता एवं समावेशन का वातावरण प्रदान करना है. Amazon के ऑपरेशंस नेटवर्क में फ़ुलफ़िलमेंट सेंटर्स, सॉर्टेशन सेंटर्स और डिलीवरी स्टेशनों पर स्टोइंग, पिकिंग, पैकिंग और सॉर्टिंग जैसे अनेक काम करने के अवसर दिए जाएंगे.
लिजू थॉमस, डायरेक्टर - पीपल एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी (PXT), इंडिया ऑपरेशंस,
ने कहा, “Amazon India में हम एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जो विकास के हित में है और लोगों को उनकी पूरी कार्यक्षमता में काम करने के समान अवसर देती है. इस पहल से हमारा उद्देश्य इन 3 सालों में Amazon India के ऑपरेशंस नेटवर्क में दिव्यांगो को नए कौशल और आजीविका के अवसर प्रदान करना है. हम हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिल नाडु सरकारों को उनके निरंतर सहयोग के लिए दिल से धन्यवाद देते हैं. उनका यह साथ कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों को रोजगार के अवसर देने के हमारे मौजूदा कार्यक्रमों में सहयोग देगा.”Amazon India दिव्यांग समूह को उचित काम पाने में मदद करने के लिए अनोखी पहल शुरू करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. हजारों सुनने और बोलने की अक्षमता वाले दिव्यांग Amazon India के ऑपरेशंस नेटवर्क में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस पहल का ख़ास मकसद एक ऐसा अनुकूल वातावरण देना है, जो उन्हें अपनी भूमिका को बेहतर तरीके से निभाने में मदद कर सके.
Amazon India ने सुनने और बोलने की क्षमता के मामले में दिव्यांगो लोगों की मदद करने के लिए कई बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराया है. ‘साइनएबल’ ऐसा ही एक अभियान है, जो यह वर्चुअल और इंटरैक्टिव इंटरप्रेटर प्लेटफॉर्म है, जो सुनने और बोलने में असमर्थ सहयोगियों और फ्लोर पर मौजूद अन्य सहयोगियों के बीच वास्तविक समय पर बातचीत को आसान बनाता है. इस उपकरण से काफी सहयोग मिला है और सभी का मनोबल भी मजबूत हुआ है. ‘साइनएबल’ द्वारा Amazon India ने सुगम ट्रबल-शूटिंग और प्रभावशाली संवाद संभव बनाया है. Amazon ख़ास तौर से अपने पूर्ति केंद्रों पर कार्यस्थल सुरक्षा की सुविधा भी देता है, जैसे विशिष्ट रूप से बनाए गए सुरक्षा दिशानिर्देश, इंटरप्रेटर या सभी शिफ्ट्स में संगी-साथी “दोस्त”, कार्यस्थल पर सहयोगी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए एक टोकन प्रणाली साथ ही आपातकालीन संचार के लिए सीटी/स्ट्रोब लाइट और पेजिंग सिस्टम आदि.
जनवरी 2017 में, Amazon India ने मुंबई में डिलीवरी सर्विस पार्टनर प्रोग्राम द्वारा 'साइलेंट डिलीवरी स्टेशन' की शुरुआत की थी. यह स्टेशन बोलने और सुनने में अक्षम लोगों द्वारा चलाया जाता है. इसके अलावा, Amazon ने अपने ऑपरेशन साइट्स पर सुनने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए अनेक अवसर पैदा करने की पहल भी की है. इसकी प्रारंभिक शुरुआत 2017 में बोलने और सुनने में अक्षमता वाले मुट्ठी भर सहयोगियों के साथ हुई थी जिन्हें Amazon पूर्ति केंद्र में शिपमेंट पैक करने के लिए प्रक्षिषण दिया गया था. और अब यह पहल पूरे देश के हमारे ऑपरेशन नेटवर्क में फैल गई है. इन पहलों ने कई लोगों को सुनहरे अवसर दिए हैं और उन्हें वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के साथ - साथ सशक्त भी बनाया है. ऐसा कर उन्हें उनकी वास्तविक काबिलियत का एहसास कराया है.
इस अवसर पर राज कुमार मक्कड़, कमिश्नर, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण निदेशालय, हरियाणा सरकार, ने कहा, “हरियाणा में मानक डिसएबिलिटी के 3,39,190 (तीन लाख उनतीस हजार एक सौ नब्बे) लोग हैं. यह समझौता ज्ञापन राज्य में इन दिव्यांगो को प्राइवेट और सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां देने के हमारे उद्देश्य के अनुरूप है. इस पहल से उन्हें भी आजीविका अर्जित करने के अवसर मिल सकेंगे. प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को पूरा करने के दिव्यांगो का सामाजिक और वित्तीय सशक्तिकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है. मैं एक ज़्यादा समावेशी कार्यबल बनाने की ओर Amazon India की इस पहल का अभिनंदन व स्वागत करता हूं.”
के.एस. लताकुमारी, डायरेक्टर, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों का सशक्तिकरण विभाग, कर्नाटक सरकार, ने कहा, “दिव्यांगो के सशक्तिकरण विभाग, कर्नाटक के सहयोग से कर्नाटक राज्य ने दिव्यांगों PwD (पीडब्ल्यूडी) को सशक्त बनाने की ओर महत्वपूर्ण प्रगति की है. यह विभाग PwD के विस्तृत आँकड़े एकत्र करता है, जिनमें उनकी डिसएबिलिटी की स्थिति के साथ-साथ उनकी शिक्षा और रोजगार के इतिहास की जानकारी भी शामिल है. इससे हमें उनके लिए सही अवसर ढूंढने में मदद मिलती है. Amazon India के साथ यह समझौता ज्ञापन हमारे इसी लक्ष्य के अनुरूप है.”
विष्णुदास घोडके, दिव्यांगों के लिए कमिश्नर, महाराष्ट्र सरकार, ने कहा, “महाराष्ट्र राज्य दिसंबर 2022 में दिव्यांगों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने वाला देश का पहला राज्य था. इससे विकलांगों के कल्याण और उनके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने की ओर राज्य की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है. राज्य में हर तरह के दिव्यांग हैं, और हम उन्हें शिक्षा, नौकरी, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य, रोजगार, यात्रा सुविधाएं और पुनर्वास में मदद करना चाहते हैं. मैं वर्षों से विविधता और समावेशन के अभियान अपने ऑपरेशन नेटवर्क में चलाने के लिए Amazon को बधाई देता हूं. Amazon के साथ यह समझौता ज्ञापन राज्य में दिव्यांगो के कल्याण की ओर हमारे उद्देश्य का हिस्सा है."