अनिल अंबानी की कंपनी को खरीदने के लिए सामने आईं दो बड़ी कंपनियां
अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित इस स्पेशन पर्पर व्हिकल (SPV) में पीरामल समूह और ज्यूरिख इंश्योरेंस दोनों की आधी-आधी हिस्सेदारी हो सकती है. दोनों ही कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल के सामान्य बीमा कारोबार के लिए अगस्त में गैर-बाध्यकारी निविदाएं जमा करवाई थीं.
कर्ज में डूबी अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल
की अनुषंगी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के अधिग्रहण के लिए पीरामल समूह और ज्यूरिख इंश्योरेंस (Zurich Insurance) की एक ज्वाइंट वेंचर स्थापित करने की योजना है.सूत्रों ने बताया कि अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित इस स्पेशन पर्पर व्हिकल (SPV) में पीरामल समूह और ज्यूरिख इंश्योरेंस दोनों की आधी-आधी हिस्सेदारी हो सकती है. दोनों ही कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल के सामान्य बीमा कारोबार के लिए अगस्त में गैर-बाध्यकारी निविदाएं जमा करवाई थीं.
दोनों कंपनियों ने शुरुआती दौर की बोलियों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के लिए अलग-अलग बोली लगाई थी, जो 30 अगस्त को समाप्त हो गई थी. पिछले हफ्ते, अंतिम बोली जमा करने की समय सीमा अक्टूबर के अंत तक एक महीने के लिए बढ़ा दी गई है.
पीरामल समूह ने सामान्य बीमा शाखा के लिए 3,600 करोड़ रुपये और ज्यूरिख बीमा 3,700 करोड़ रुपये की बोली लगाने की सूचना दी है. एडवेंट इंटरनेशनल व्यक्तिगत बोली लगाने वाली तीसरी संस्था थी, जो सबसे अधिक 7,000 करोड़ रुपये थी.
क्या ज्यूरिख इंश्योरेंस की होगी बीमा कारोबार में एंट्री?
ज्यूरिख इंश्योरेंस ने कहा कि कर्ज समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए उसने अलग से पेशकश भी दी है. हालांकि, उसने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के अधिग्रहण के लिए पीरामल समूह के साथ संभावित उपक्रम के बारे में कोई संकेत नहीं दिया. वहीं, पीरामल एंटरप्राइजेज ने भी इस विषय पर भेजे गए ईमेल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम अगर सफल समाधान आवेदक के तौर पर सामने आता है तो इसके साथ ही भारत के सामान्य बीमा कारोबार में ज्यूरिख इंश्योरेंस का प्रवेश हो जाएगा.
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का मूल्यांकन 9,450 करोड़ रुपये
लेनदारों की समिति और रिलायंस कैपिटल के प्रशासक द्वारा नियुक्त वैश्विक मूल्यांकन कंपनी विलिस टॉवर वाटसन ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का मूल्यांकन 9,450 करोड़ रुपये आंका था, जो अब तक मिली संभावित बोलियों से अधिक है.
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास अंतिम समाधान योजना दाखिल करने की समयसीमा एक नवंबर, 2022 है. पिछले महीने रिलायंस कैपिटल की पूरी परिसंपत्तियों के लिए छह निविदाएं मिली हैं. आठ विभिन्न व्यवसायों वाली कंपनी के लिए मिली निविदाएं 4,500 करोड़ रुपये के आसपास हैं.
वहीं, इससे पहले कर्जदाताओं की समिति बोलियां देने की समयसीमा पांच बार बढ़ा चुकी है क्योंकि आरसीएल की समाधान प्रक्रिया में केवल चार से पांच कंपनियों ने ही दिलचस्पी दिखाई. इनमें पीरामल, टॉरेंट, यस बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल हैं.
Edited by Vishal Jaiswal