सुबह 3 बजे खुद ऑटो चलाकर गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर गई ये आशा वर्कर, उपराष्ट्रपति ने की काम की तारीफ
राजीवी पिछले 20 सालों से ऑटो रिक्शा चला रही हैं और अब तक करीब वो 16 महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल तक लेकर जा चुकी हैं।
कोरोना महामारी ने पूरे देश को इस समय जकड़ रखा है, लगातार संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है, इसी दौरान हमारे सामने कई प्रेरणादायक कहानियाँ भी आई हैं, ऐसी ही कहानी एक आशा वर्कर की भी हैं, जिन्होने अपने काम से उपराष्ट्रपति का भी ध्यान खींचा है।
इस आशा वर्कर ने एक महिला को तड़के सुबह प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे फौरन ऑटो में बिठाकर खुद ऑटो चलाते हुए 20 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया। 53 साल की राजीवी नायक एक लाइसेन्सधारी ऑटो चालक हैं।
कर्नाटक के उडुपी के पर्ननकिला गाँव के लोग उन्हे ‘राजीवी अक्का’ कहकर बुलाते हैं। राजीवी 9 बजे से 2 बजे तक एक आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं, जबकि दोपहर खाना खाकर वह खाकी कपड़े पहनकर शहर में ऑटोरिक्शा चलाती हैं।
द हिन्दू के अनुसार बीते गुरुवार जब उन्हे सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर एक फोन कॉल आया, जिसमें शीतला नाम की महिला ने बताया कि उसे प्रसव पीड़ा हो रही है, तब राजीवी ने फौरन अपने ऑटो रिक्शा के जरिये उसे अस्पताल पहुंचाने का काम किया, जिसके बाद महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।
राजीवी पिछले 20 सालों से ऑटो रिक्शा चला रही हैं और अब तक करीब वो 16 महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल तक लेकर जा चुकी हैं।
राजीवी के इस काम को खुद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सराहा है। उन्होने कन्नड़ में ट्वीट करते हुए लिखा, “सुबह 3 बजे गर्भवती महिला को अपने ऑटो रिक्शा में अस्पताल ले जाने वाली राजीवी के महान काम की सराहना करता हूँ।”
आशा कार्यकर्ता के ऑटोरिक्शा का उपयोग पर्नांकिला के तमाम हिस्सों में उन लोगों द्वारा किया जाता है जिन्हे बस सेवा ना मिलने पर परेशान होना पड़ता है।