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...तो आज 41 नहीं 450 रुपये का होता Zomato का शेयर, अश्नीर ग्रोवर ने बताया कहां हुई गलती!

Zomato ने अगर ब्लिंकइट के बजाय स्विगी से मर्जर किया होता तो तस्वीर कुछ अलग ही होती, अश्नीर ग्रोवर का तो यही मानना है।

...तो आज 41 नहीं 450 रुपये का होता Zomato का शेयर, अश्नीर ग्रोवर ने बताया कहां हुई गलती!

Wednesday July 27, 2022 , 3 min Read

ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी Zomato के लिए 2022 बहुत ही बुरा साल रहा है. इस साल की शुरुआत से ही जोमैटो के शेयर (Zomato Share Price) में गिरावट देखी जा रही है. जब जोमैटो का आईपीओ शेयर बाजार (Share Market) में लिस्ट हुआ था, उस वक्त पहले ही दिन इस शेयर ने 18 लोगों को करोड़पति बना दिया था. उसके बाद से कंपनी के शेयर का भाव तेजी से बढ़ा, लेकिन वह तेजी बस कुछ महीनों की थी. अगर आज के वक्त की बात करें तो 26 जुलाई 2022 को जोमैटो के शेयर का बंद भाव 41.65 रुपये है. यह इसके 169.10 रुपये के उच्चतम स्तर से 127.45 रुपये कम है. यानी यह शेयर अपनी पीक वैल्यू का महज एक चौथाई रह गया है. जोमैटो की इस बुरी हालत पर भारपे के फाउंडर अश्नीर ग्रोवर ने मजाक उड़ाते हुए एक कमेंट किया है.

क्या कहा है अश्नीर ग्रोवर ने?

अश्नीर ग्रोवर ने जोमैटो का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया है कि अगर जोमैटो ने 10 मिनट में डिलीवरी करने वाले ब्लिंकइट (पहले ग्रोफर्स) के बजाए स्विगी के साथ मर्जर कर लिया होता तो उसका शेयर आज 450 रुपये का होता.

यहां एक बात दिलचस्प है कि इसी साल मई के महीने में जोमैटो के शेयरों की कीमत गिरने पर अश्नीर ने कहा था कि यह कमाई का अच्छा मौका है और लोगों को जोमैटो के शेयर खरीद लेने चाहिए. अब शेयर लगातार गिरने को लेकर अश्नीर ग्रोवर कंपनी का मजाक उड़ा रहे हैं.

लोगों को पसंद नहीं आई जोमैटो की ग्रोफर्स से डील

Zomato ने इसी साल ग्रोफर्स को खरीदने की योजना का खुलासा किया था. जून के महीने में यह डील 4447 करोड़ रुपये में फाइनल भी हो गई. डील के बाद ग्रोफर्स का नाम भी बदलकर ब्लिंकइट कर दिया गया. नाम के साथ-साथ कंपनी में कई बदलाव भी हुए. भले ही जोमैटो ने इस डील को बहुत ही शानदार समझा था, लेकिन लोगों को शायद यह डील पसंद नहीं आई. तभी तो, इस डील के बाद से कंपनी के शेयरों में गिरावट और अधिक बढ़ गई.

1.33 लाख करोड़ रुपये से करीब 34 हजार करोड़ का दर्द भरा सफर

जोमैटो का आईपीओ आने के बाद लोगों ने इस स्टार्टअप में दिल खोलकर भरोसा जताया और एक के बाद एक लोग इसके शेयरों को खरीदते चले गए. मांग इतनी बढ़ी कि शेयरों का भाव 169 रुपये को भी पार कर गया. इस तरह जोमैटो एक वक्त में 1.33 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई थी. हालांकि, आज की तारीख में इस कंपनी की मार्केट कैप सिर्फ 34 हजार करोड़ रुपये बची है. यानी निवेशकों को 99 हजार करोड़ रुपये या यूं कहें कि करीब 1 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा नुकसान हुआ है. इस शेयर की कीमत अपने ऑल टाइम हाई से करीब 75 फीसदी तक गिर चुकी है.

लिस्टिंग के दिन ही 18 निवेशकों को बनाया करोड़पति

जोमैटो का आईपीओ एक-दो या तीन नहीं बल्कि 40 गुना से भी अधिक सब्सक्राइब हुआ था. इसका मतलब है कि हर एक शेयर के लिए 40 से भी ज्यादा दावेदार. पिछले साल 14 जुलाई को यह आईपीओ खुला था और 27 जुलाई को लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग के दिन ही शेयर में निवेश करने वाले 18 लोग करोड़पति बन गए थे. शेयर का इश्यू प्राइस 76 रुपये था, लेकिन शेयर करीब 115 रुपये पर लिस्ट हुआ. अब यह शेयर इश्यू प्राइस से भी नीचे गिर चुका है. 26 जुलाई का बंद भाव 41.65 रुपये रहा.