ऑटोरिक्शा ड्राइवर की बेटी ने किया यूपीएससी की परीक्षा में टॉप
ऐसी बेटी को सलाम...
बारहवीं में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करने वाली मेघा ने अपने ताऊ की बात मानकर यहां कॉमर्स में ग्रैजुएशन करने का फैसला किया था। ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी हो जाने पर उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से इसी विषय में ही पीजी भी किया।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से मेघा के साथ उनके 15 और साथियों ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन उनमें से सिर्फ मेघा का ही सेलेक्शन हुआ।
मेघा की मेहनत और लगन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पहले ही प्रयास में बाजी मार ली। इस साल मई में आईईएस की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम 17 जुलाई को आया।
प्रतिभा को दुनिया का कोई आभाव दबा नहीं सकता है। इस बात की मिसाल बन गई हैं आगरा की रहने वाली मेघा अरोड़ा। मेघा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराए जाने वाले आईईएस (भारतीय आर्थिक सेवा) के एग्जाम में ऑल इंडिया लेवल पर 8वीं रैंक हासिल की है। मेघा के पापा ऑटो ड्राइवर हैं और उनकी मां एक अध्यापिका। एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली मेघा के लिए यह जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
हालांकि वह शुरू से ही पढ़ने में मेधावी रही हैं। उन्होंने बारहवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। अच्छे नंबर आने के बाद उनके सपनों को जैसे पंख मिल गए। वे दिल्ली चली आईं और यहां पर प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज में उन्हें दाखिला मिल गया। बारहवीं में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करने वाली मेघा ने अपने ताऊ की बात मानकर यहां कॉमर्स में ग्रैजुएशन करने का फैसला किया था। ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी हो जाने पर उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से इसी विषय में ही पीजी भी किया।
इसके बाद मेघा ने यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा आईईएस को अपना लक्ष्य बनाया। वे बताती हैं कि उनकी तैयारी में उनके ताऊ जी ने उनका काफी सहयोग किया। मेघा की मेहनत और लगन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पहले ही प्रयास में बाजी मार ली। इस साल मई में आईईएस की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम 17 जुलाई को आया। उसके बाद मेघा को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। फाइन रिजल्ट 23 सितंबर को घोषित हुआ था। अब मेघा 11 दिसंबर से ट्रेनिंग पर चली जाएंगी।
मेघा की इस सफलता पर 8वीं तक पढ़े उनके पिता सुनील अरोड़ा कहते हैं, 'उसने हम सबका नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। इसके लिए उसे कठिन मेहनत करनी पड़ी। ये हम सभी के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं है।' मेघा की मां सविता एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका हैं। वे कहती हैं, 'पढ़ाई में तो मेघा हमेशा अव्वल रही है। वह हमारे परिवार में इकलौती है जिसने सरकारी अफसर का एग्जाम पास किया है। माता-पिता होने के नाते हमें उस पर गर्व है।'
गौर करने वाली बात है कि दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से मेघा के साथ उनके 15 और साथियों ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन उनमें से सिर्फ मेघा का ही सेलेक्शन हुआ। मेघा कहती हैं, 'एक दोस्त की सलाह पर मैंने इस परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। मुझे अर्थशास्त्र की बुनियादी समझ थी, लेकिन इसके बावजूद 8 से 12 घंटे रोजाना पढ़ाई करनी पड़ी, तब जाकर सेलेक्शन हुआ।' मेघा को फिक्शन किताबें काफी पसंद हैं और उनके पसंसदीदा लेखक अमिताभ घोष हैं।
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