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बालविवाह और फिर तलाक के दंश से निकलकर 25 साल में ही डीएसपी बनने वालीं अनीता प्रभा

बालविवाह और फिर तलाक के दंश से निकलकर 25 साल में ही डीएसपी बनने वालीं अनीता प्रभा

Thursday October 05, 2017 , 6 min Read

17 साल की उम्र में अपने से 10 बरस बड़े लड़के के साथ उसकी शादी कर दी गई थी, जैसा कि उसकी बड़ी बहन के साथ हुआ था। लेकिन बाद में उसने अपनी सुनी और सिर्फ अपनी। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कोटमा की निवासी अनीता प्रभा इस समय चर्चा में है। उन्होंने 25 साल में ही डीएसपी बनकर मिसाल कायम कर दी है।

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अनीता के माता-पिता दोनों ही अध्यापक थे। घर में पढ़ाई का माहौल था पर माता-पिता जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे। हम जब बालविवाह या फिर लड़के-लड़कियों में असामनता की बात करते हैं तो दिमाग में एक अशिक्षित, दकियानूस परिवार का खाका कौंध उठता है। लेकिन यकीन नहीं होता कि अनीता के माता-पिता न सिर्फ शिक्षित थे बल्कि अध्यापक भी थे।

महज 25 साल की उम्र में अनीता ने जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव देख लिए हैं। लेकिन जज्बा ऐसा कि हार मानने को तैयार नहीं। राह में आती बाधाओं पर पार पाते हुए वह आज राजपत्रित पुलिस अधिकारी बन गई हैं। अभी वह और ऊपर जाना चाहती हैं।

एक होनहार विद्यार्थी का क्या लक्ष्य होता है? यही न कि वो खूब सारा पढ़-लिखकर प्रतिष्ठित पद पर पहुंचे। अपनी शिक्षा से अपने परिवार और देश का नाम रोशन करे। अनीता प्रभा के भी ऐसे ही तमाम सपने थे। अनीता प्रभा एक कुशाग्र बच्ची थी, जो स्कूल में हमेशा अव्वल नंबरों से पास होती थी। 10वीं में उसने 92 प्रतिशत अंक हासिल किए। लेकिन तब वह परंपराओं की बेड़ी नहीं तोड़ पाई और 17 साल की उम्र में अपने से 10 बरस बड़े लड़के से उसकी शादी कर दी गई, जैसा कि उसकी बड़ी बहन के साथ हुआ था। लेकिन बाद में उसने अपनी सुनी और सिर्फ अपनी। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कोटमा की निवासी अनीता इस समय चर्चा में है। उन्होंने 25 साल में ही डीएसपी बनकर मिसाल कायम कर दी है।

अनीता के माता-पिता दोनों ही अध्यापक थे। घर में पढ़ाई का माहौल था पर माता-पिता जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे। हम जब बालविवाह या फिर लड़के-लड़कियों में असामनता की बात करते हैं तो दिमाग में एक अशिक्षित, दकियानूस परिवार का खाका कौंध उठता है। लेकिन यकीन नहीं होता कि अनीता के माता-पिता न सिर्फ शिक्षित थे बल्कि अध्यापक भी थे। उनके अंदर भी लड़के-लड़कियों में भेदभाव वाली सोच किस तरह घर करके बैठी थी कि उन्होंने अपनी इतनी होनहार बच्ची की शादी कानून के खिलाफ जाकर कर दी। मतलब उन्हें इतनी जल्दी थी कि अनीता के 18 साल पूरा होने का भी इंतजार नहीं किया। 17 साल में ही गैरकानूनी तरीके से 10 साल बड़े लड़के से शादी कर दी। सोचिए 10 साल बड़ा लड़का। एक मेधावी छात्रा, जिसमें अपार संभावनाएं थीं आगे बढ़ने की, कुछ बड़ा कर दिखाने की, उसके जीवन को किस तरह मिट्टी में मिलाया जा रहा था।

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लगाओ कितनी भी बंदिशें, ये दरिया रोके न रुकेगा-

अनीता का ससुराल भी आर्थिक रूप से कमजोर था। सो, मेधावी अनीता को ग्रेजुएशन करने की अनुमति दे दी। ग्रेजुएशन के तीसरे साल के दौरान पति एक दुर्घटना में घायल हो गया। उसके दोनों हाथ टूट गए। अब पति की सेवा के चक्कर में वह परीक्षा में नहीं दे पाई। ऐसे में ग्रेजुएशन चार साल में पूरी की। इसका परिणाम यह हुआ कि बैंक के प्रोबेशनरी आफिसर की पोस्ट के लिए वह रिजेक्ट हो गई। लेकिन अनीता ने हार नहीं मानी। परिवार को चार पैसे मिले इसलिए उसने ब्यूटीशियन का कोर्स कर एक पार्लर में काम करना शुरू किया।

ये सब पढ़ने-सुनने में बड़ा आसान सा लगता है। लेकिन ये ही असल चुनौतियां हैं। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, ये बात सत्य है। लेकिन किताबों से प्रेम करने वाली और बड़े-बड़े प्रशासनिक पदों पर पहुंचने का सपना देखने वाली अनीता के लिए एक ब्यूटीशियन की नौकरी करना किसी वंचना से कम नहीं होता होगा। लेकिन वो सारी प्रतिकूल परिस्थितियों को गले से लगाती गईं। 

इन सबके बीच उनकी बड़ी समस्या थी उनका पति। अनीता को उसके साथ सामंजस्य बिठाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।बिना काम, तनावपूर्ण जिन्दगी और बिना परिवार के भी अनीता हताश नहीं हुई बल्कि हिम्मती बनी। उसने अपना रास्ता अब चुन लिया था। आत्मनिर्भरता के लिए उसने 2013 के विवादित व्यापमं की फारेस्ट गार्ड की परीक्षा दी। उसने 14 किमी की पैदल चाल परीक्षा 4 घंटे में पूरी की। दिसंबर 2013 में बालाघाट जिले मे उसे पोस्टिंग मिल गई। ऊंचे ख्वाब वाली अनीता ने व्यापमं की सब-इस्पेक्टर की परीक्षा में फिर शामिल हुई। लेकिन इस बार वह फिजिकल टेस्ट में फेल हो गई। दूसरी बार फिर प्रयास किया और अपनी कमजोरी को मजबूत करते हुए फिजिकल टेस्ट पास कर सब-इंस्पेक्टर पद हासिल कर लिया।

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अनीता जैसी जिद और जिजीविषा एक मिसाल है-

बताते चलें कि इससे दो महीने पहले ही ओवरी में ट्यूमर के कारण अनीता ने सर्जरी करवाई थी। लेकिन कुछ कर दिखाने की जिद उनकी बीमारी के आगे बेहद फीकी थी। अनीता ने बतौर सूबेदार जिला रिजर्व पुलिस लाइन में जॉइन किया। उन्हें ट्रेनिंग के लिए सागर भेजा गया। इस दौरान पति के साथ डिवोर्स का केस कोर्ट पहुंच गया। अनीता ने मध्य प्रदेश स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा भी दी थी। उनकी ट्रेनिंग के दौरान ही एमपीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट आ गया। उन्होंने परीक्षा पास कर ली थी। पहले ही प्रयास में महिला कैटेगरी में वह 17वें स्थान पर आईं और सभी कैटेगरी में वह 47वें नंबर पर रहीं। अनीता डीएसपी रैंक के लिए चयनित हो गईं। वह खूबसूरत इतनी हैं कि अगर आपको उसकी पृष्ठभूमि और हालात पता न हो तो यही कहेंगे कि ‘ये कौन सी हीरोइन है।’

अनीता की बोलती आंखों में हजारों सपने तैर रहे हैं। महज 25 साल की उम्र में उसने जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव देख लिए हैं। लेकिन जज्बा ऐसा कि हार मानने को तैयार नहीं। राह में आती बाधाओं पर पार पाते हुए वह आज राजपत्रित पुलिस अधिकारी बन गई हैं। अभी वह और ऊपर जाना चाहती हैं। महज 25 वर्ष की उम्र में इतना सब कुछ हासिल करने का जज्बा बहुत कम लोगों में दिखता है। अनीता ने अपने जैसी न जाने कितनी प्रतिभाशाली लड़कियों के लिए राह खोल दी है।

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