‘फ्रंटियर मार्केट्स’, ग्रामीण बाज़ार को देखने का एक अलग नजरिया
अजीता शाह ने विशेष रूप से ग्रामीण उपभोक्ताओं को लक्षित करने के उद्देश्य से की थी स्थापनासिर्फ स्वच्छ ऊर्जा यानि सौर ऊर्जा चलित उत्पाद ही उपलब्ध करवाती हैं अपने ग्रामीण उपपभोक्ताओं कोइनका मुख्य लक्ष्य उत्पादों को बेचने से अधिक उनके खराब होने की स्थिति में उपभोक्ताओं की सहायता करने का है
ग्रामीण गरीबों और ग्रामीण बाजारों के बीच अंतर को परिभाषित करना
जब एक आधुनिक समय की उत्पाद कंपनी अपने उत्पाद को किसी भी उपभोक्ता तक पहुंचना चाहती है तो वे वास्तव में बाजार में उतरने से पहले विभिन्न माध्यमों से उनकी पसंद-नापसंद, प्राथमिकताओं इत्यादि की पूरी जानकारी लेने का प्रयास करती हैं। लेकिन क्या कंपनियां ग्रामीण इलाकों में रहने वाल अपने उपभोक्ताओं के प्रति भी ऐसा ही सम्मानजनक दृष्टिकोण अपनाती हैं?
देश के 28 राज्यों में से 11 राज्यों में काम करने का अनुभव रखने वाली अजीता शाह कहती हैं, ‘‘जब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों के बारे में बात शुरू होती है तो मामला सिर्फ आंकड़ों और संख्याओं तक आकर सिमट जाता है। हम उन्हें उत्पादों को लेकर विकल्प प्रदान करते हैं जैसा कि हम अपने शहरी उपभोक्ताओं के लिये करते हैं जिसके चलते वे उत्पाद के बारे में समझदारी भरे निर्णय नहीं ले पाते हैं। उनको अपने साथ जोड़ने और उन्हें अपना उपभोक्ता बनाए रखने के लिये आपको सिर्फ आंकड़ों पर ही निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है बल्कि आवश्यकता है कि आप उन्हें एक उपभोक्ता के रूप में देखें और समझें।’’
ग्रामीण बाजार को फ्रंटियर मार्केट्स के जरिये संबोधित करना
इस सोच और दृष्टिकोण की परिणति एक ऐसे दिलचस्प माॅडल के रूप में हुई जो ग्रामीण गरीब उपभोक्ताओं तक एक गहन अध्ययन के रूप में पहुंचता है और उन्हें उनके आर्थिक आधार पर परिभाषित नहीं करता है। भारत की ग्रामीण आबादी बाजार की बहुत समझ रखने वाली है और वे किसी उत्पाद का गूढ़ मूल्यांकन करने के बाद ही उसमें अपना पैसा खर्च करते हैं।
एफएमजीसी के बाजार में पहले से ही काम कर रहे बड़े ब्रांडों की इन बाजारों को परखने में हुई गलतियों से सीख लेते हुए अजीता शाह ने वर्ष 2010 में फ्रंटियर मार्केट्स की स्थापना की जिसमें उनका सारा ध्यान विभिन्न निर्माताओं द्वारा तैयार किये गए उत्पादों को आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी को उठाया। इन उत्पादों का स्वच्छ ऊर्जा उत्पाद की श्रेणी में आना अनिवार्य है।
अजीता कहती हैं कि आप ग्रामीण उपभोक्ता को एक बार तो अपना उत्पाद खरीदने के लिये रजामंद कर सकते हैं लेकिन मुख्य चुनौती उनको दोबारा उस उत्पाद को खरीदने के लिये प्रेरित करने की है। विशेष रूप से सौर ऊर्जा चलित उत्पादों के मामले में तो यह सबसे बड़ी चुनौती है। लोगों को इस बात की पूरी जानकारी है कि हमारे देश में सौर उत्पाद बीते करीब 20 वर्षो से बहुतायत में उपलब्ध हैं लकिन अजीता का जमीन पर काम करने का अनुभव यह बताता है कि लोगो को अब इन उत्पादों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है। उपभोक्ता को यह बताया जाता है कि ये उत्पाद 10 वर्ष या उससे अधिक तक काम करेंगे लेकिन अगर इनमें थोड़े समय बाद ही कोई खराबी या समस्या आ जाती है तो उसे दूर करने के लिये उपभोक्ता के पास कोई विकल्प नहीं होता है। उपभोक्ताओं के मन-मस्तिष्क में इन उत्पादों के प्रति मुख्यतः इसी वजह से अविश्वास का भाव बहुत बढ़ा है।
फ्रंटियर मार्केट्स इस समस्या का समाधान कैसे करता है?
फ्रंटियर मार्केट्स हर क्षेत्र में अपनी शाखाएं स्थापित कर देता है और उनमें विभिन्न तरह के उपभोक्ताओं से संपर्क करने और उनके साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के लिये फील्ड स्टाफ, जिन्हें ‘जीवन सहयोगी’ के नाम से जाना जाता है, को तैनात कर देता है। इनका मुख्य कार्य इन उत्पादों की बिक्री करना न होकर फ्रंटियर मार्केट्स को एक ऐसे ब्रांड के रूप में उपभोक्ताओं के दिलो-दिमाग पर छाने में मदद करना होता है जो विशेषकर उस समय उनके काम आयेगा जब उन्हें मदद की आवश्यकता हो।
फ्रंटियर मार्केट्स की संस्थापक और सीईओ अजीता शाह कहती हैं, ‘‘अगर ग्रामीण उपभोक्ता को आपकी दुकान या गोदाम तक पहुंच नहीं मिलती है तो वह आप पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करेगा और यह सौर उत्पादों के साथ पूर्व में आने वाली सबसे बड़ी दिक्कत रही है। इसकी सीधा मतलब होता है कि हमें उत्पाद को बेचना है और वहां से जल्दी से जल्दी निकलना है। हमने उत्पादों की बिक्री के काम को पिछले पायदान पर रखा और पहले उनके पूर्व में खरीदे हुए खराब पड़े उत्पादों को ठीक करना शुरू किया। इस तरह से हम बिना किसी दुकान के उनका विश्वास जीतने में सफल रहे।’’ ग्रामीण बाजार की आवश्यकताओं और चुनौतियों का गहन अध्ययन करने के बाद फ्रंटियर मार्केट्स अब सौर ऊर्जा चलित लाालटेन, घरेलू लाइट, पंखे इत्यादि कई अन्य उत्पाद सफलतापूर्वक बेच रहा है। अब वे अपने उपभोक्ताओं को सौर इन्वर्टर और स्ट्रीट लाइट अपनाने के लिये भी जोर दे रहे हैं।
- इन्होंने विभिन्न लघु वित्त संस्थानों, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, नाबार्ड महिला समूहों इत्यादि के साथ हाथ मिलाते हुए भागीदारी की है
- वर्तमान में इनके 3200 उपभोक्ता हैं
- इसके 35 प्रतिशत उपभोक्ता वे हैं जो दोबारा इनके ही पास आए हैं
- 10 हतार उपभोक्ताओं का डाटाबेस मौजूद है
- 3 कोर सदस्यों अजीता शाह और सहसंस्थापक और उपाध्यक्ष डेैनियल टाॅमलिंसन एवं रणनीतिक मार्केटिंग और फील्ड आॅपरेशंस के उपाध्यक्ष अक्षिता बख्सी सहित 14 सदस्यीय टीम है
- राजस्व माॅडलः उत्पादों की बिक्री और बाजार के अनुसंधान से होने वाला फायदा, उत्पादों का परीक्षण और निर्माताओं के लिये अंर्तदृष्टि
फ्रंटियर मार्केट्स एक अन्य संस्थान लैवरेजिंग आईसीटी फाॅर कस्टमर एंगेजमेंट के साथ हाथ मिलाकर हर उपभोक्ता का एक डिजिटल डाटाबेस तैयार करता है जिसमें उनके क्षरा खरदे गए प्रत्येक उत्पाद का ब्यौरा दर्ज होता है। इस डाटा का इस्तेमाल मोबाइल फोन के माध्यम से उत्पादों की जानकारी, ग्राहक सहायता और उसकी दक्षता से रूबरू करवाने के काम काम आता है। प्रत्येक उत्पाद के साथ उपभोक्ता को एक अलग मोबाइल नंबर दिया जाता है जिसका उपयोग उपभोक्ता उत्पाद से संबंधित किसी भी दिक्कत के समय में कर सकता है। अंत में अजीता कहती हैं, ‘‘लोग अब हम समझने लगे हैं कि आपको उपभोक्ता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये कई उत्पादों को एक साथ लाकर उनके बेहतर वितरण की व्यवस्था करनी होगी। फिलहाल कई दूसरे राज्यों के लोग और विभिन्न संस्थान हमारे साथ हाथ मिलाकर हमारे इस माॅडल की नकल करने के प्रयास कर रहे हैं।’’ आने वाले दिनों में इनका इरादा अपने व्यापार का विस्तार करने के लिये फ्रेंचाइजी व्यवस्था अपनाने की कोशिश करना है।